मानव संसाधन प्रबंधन / Human Resource Management

सेविवर्गीय प्रबन्ध के कार्य | सेविवर्गीय प्रबन्ध एक पेशा है

सेविवर्गीय प्रबन्ध के कार्य | सेविवर्गीय प्रबन्ध एक पेशा है | Functions of Departmental Management in Hindi | Departmental Management is a Profession in Hindi

सेविवर्गीय प्रबन्ध के कार्य

(Function of Personnel Management)

डा. विलियम आर. स्प्रीगल ने सेविवर्गीय प्रबन्ध के कार्यों को छः भागोंनें बाँटा है-

  1. कर्मचारियों की भर्ती- सेक्विर्गीय प्रबन्ध विभाग का पहला कार्य यह है कि वह श्रम पूर्ति के साधनों का विकास करे। मजदूरी की प्रचलित दरों का पता लगाये, आवेदन पत्र, लिखित परीक्षा, डाक्टरी जाँच, साक्षात्कार, की जाँच आदि की सहयता से श्रमिकों को काम पर नियुक्त करे तथा नये श्रमिकों एवं कर्मचारियों को कम्पनी की नीति बताये या नीति से अवगत कराये।
  2. पदोन्नति, स्थानान्तरण तथा सेवानिवृत्ति- सेविवर्गीय प्रबन्ध का दूसरा कार्य पदोन्नति के सिद्धान्त निश्चित करना और इन सिद्धान्तों को लागू कराने के लिए आवश्यक रिकार्ड रखना। कर्मचारियों के हस्तांतरण के संबंध में नीति बनाने में सहायता करे। कर्मचारियों की सेवा, में निवृत्ति के संबंध में नीति बनाने में सहायता करना। कर्मचारियों को नौकरी से हटाये जाने के संबंध में नीति बनाये जाने में सहायता करना है।
  3. प्रशिक्षण- सेविवर्गीय प्रबन्ध का तीसरा मुख्य कार्य कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने के संबंध में नियम बनाना है। इसके लिए नये कर्मचारियों के प्रशिक्षण के लिए नियम बनाने में कम्पनी की सहायता करना, कम्पनी की नीतियों के संबंध में प्रशिक्षण प्रदान करना, कर्मचारियों के लिए विशेष रिपोर्ट बनाने में कम्पनी की सहायता पहुंचना, कर्मचारियों द्वारा किये गये सुझावों पर उचित कार्यवाही करने में कम्पनी की सहायता करना।
  4. मजदूरी एवं योजनाएं-कार्मिक प्रबन्ध का चौथा कार्य मजदूरी एवं प्रेरणाओं के संबंध में परामर्श देना, मजदूरी संबंधी योजनाओं के संबंध में कम्पनी को सहयोग देना, पेंशन योजनाओं का विभाजन कार्यक्रम, पारस्परिक बचत कार्यक्रमों, बीमा योजनाओं, कर्मचारियों को संस्था की वस्तुएं बेचने कार्य संबंधी निर्देश लिखने तथा उनका मूल्याकंन करने के संबंध में सहयोग करना है।
  5. सेवा संबंधी क्रियाएं- सेविवर्गीय प्रबन्ध का पाँचवा मुख्य कार्य जलपान एवं मनोरंजन की सुविधाओं का निरीक्षण करना, कर्मचारियों के निजी मामले में परामर्श देना, संगठन की पत्रिकाएं प्रकाशित कराना, कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए मनोरंजक कार्यक्रम करना इत्यादि।
  6. सामूहिक सौदेबाजी एवं कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व- कार्मिक प्रबंध का छठा कार्य श्रम संघों से वार्ताएं करना, श्रम संघों के प्रतिनिधियों के साथ सहयोग करना, कर्मचारियों को क्लब में भाग लेने के लिए प्रेरित करना, कर्मचारियों की शिकायत दूर करना इत्यादि को शमिल किया जाता है।

सेविवर्गीय प्रबन्ध एक पेशा है

(Personnel Management is a Profession)

कलहून ने पेशे के निम्न लक्षण बतलाये हैं-

(1) प्रारम्भिक प्रशिक्षण तथा प्रज्ञावान प्रकृति का होना।

(2) पेशा, दूसरों के लिए चलाया जाना।

(3) पेशे में त्याग का भाव निहित होना।

डेल योडर ने पेशे के निम्न लक्षण स्पष्ट किये हैं-

(1) विशिष्ट शब्दावली का होना,

(2) विशेष ज्ञान एवं कौशल की आवश्यकता होना,

(3) व्यवहार की स्थापना विशिष्ट ज्ञान, चैतन्यतापूर्वक अनुसन्धान एक अध्ययन पर आधारित होना,

(4) पेशेगत सूचनाओं की पेशे में संलग्न व्यक्तियों की जानकारी प्रदान कमे के लिए तैयार रहना,

(5) उच्च व्यक्तिगत दायित्व की भावना होना,

(6) सदस्यों से उच्च नैतिक प्रतिमान की अपेक्षा होना

(7) पेशे एवं उनके द्वारा स्थापित नैतिक प्रतिमानों तथा जन-हित के प्रति निष्ठा की भावना।

निष्कर्ष- उपयुक्त विशेषताओं के कारण सेविवर्गीय प्रबन्ध/मानव संसाधन प्रबन्ध एक पेशा है ?

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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