कुम्भ - निष्कर्ष एवं सुझाव

कुम्भ – निष्कर्ष एवं सुझाव

कुम्भ – निष्कर्ष एवं सुझाव             प्रस्तुत लघु शोध के अंतर्गत हमारे द्वारा कुम्भ की स्थित, विस्तार तथा लगातार उसकी बढ़ती भव्यता का ज्ञान एकत्रित करने का प्रयास किया गया है तथा यह निष्कर्ष प्राप्त किया गया है कि कुम्भ का भौगोलिक वितरण कुछ इस प्रकार का है कि प्रत्येक जगह जो चार स्थान पर…

गंगा नदी का पर्यावरणीय प्रवाह और कुम्भ मेले के बीच का सम्बंध

गंगा नदी का पर्यावरणीय प्रवाह और कुम्भ मेले के बीच का सम्बंध (पंचम अध्याय)

गंगा नदी का पर्यावरणीय प्रवाह और कुम्भ मेले के बीच का सम्बंध (पंचम अध्याय) परिचय                21 वीं शदी के जल संसाधन प्रबंधकों को महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्रों की स्थिरता से समझौता किए बिना जल उपयोगकर्ताओं के आर्थिक और सामाजिक कल्याण को समान रूप से अधिकतम करने के लिए किया जाता है। इसके लिए प्रबंधकों को…

प्रयागराज की भौगोलिक तथा सामाजिक स्थिति कुम्भ के संदर्भ में (द्वितीय अध्याय)

प्रयागराज की भौगोलिक तथा सामाजिक स्थिति कुम्भ के संदर्भ में (द्वितीय अध्याय)

प्रयागराज की भौगोलिक तथा सामाजिक स्थिति कुम्भ के संदर्भ में (द्वितीय अध्याय) परिचय   प्रयागराज जिला 24° 47‘ उत्तर से 25° उत्तर अक्षांश के बीच और 81° 19′ और 82° 21′ पूर्व देशांतरों के बीच स्थित है। इसमें 5,246 वर्ग किलोमीटर  का क्षेत्र शामिल है। यह जिला राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित है जो…

कुम्भ की प्रस्तावना (प्रथम अध्याय)

कुम्भ की प्रस्तावना (प्रथम अध्याय)

प्रथम अध्याय  कुम्भ की प्रस्तावना  परिचय             कुम्भ की भव्यता जो की लगातार बढ़ती जा रही है उसकी चर्चा इस लघु शोध के अंतर्गत की गयी है | प्रयागराज उन चार तीर्थ स्थानों में से एक है जहां पर कुम्भ के पर्व को मनाया जाता है | भारतीय समुदाय में हिंदुओं के पर्व कुम्भ के…