आदिकालीन धार्मिक साहित्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ | सिद्ध साहित्य, नाथ साहित्य एवं जैन साहित्य की प्रवृत्तियाँ

आदिकालीन धार्मिक साहित्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ | सिद्ध साहित्य, नाथ साहित्य एवं जैन साहित्य की प्रवृत्तियाँ आदिकालीन धार्मिक साहित्य की प्रमुख प्रवृत्तियाँ भाषा की दृष्टि से जब आदिकालीन हिंदी साहित्य पर विचार किया जाता है तो यह स्पष्ट प्रतीत होता है कि इस काल में हिंदी भाषा साहित्यिक अपभ्रंश के साथ-साथ चलती हुई क्रमशः जनभाषा…