रीतिकाव्य धारा के विकास में केशवदास की भूमिका | हिंदी में रीतिकाल का प्रवर्तक
रीतिकाव्य धारा के विकास में केशवदास की भूमिका | हिंदी में रीतिकाल का प्रवर्तक रीतिकाव्य धारा के विकास में केशवदास की भूमिका केशव रीति-परंपरा के प्रथम मार्ग-स्तम्भ- वैसे केशव के पूर्व भी रीति-परंपरा विकसित हो रही थी, पर केशव ने इसे व्यवस्थित रूप प्रदान किया। केशव ने अपने ‘कविप्रिया’ और ‘रसिकप्रिया’ ग्रंथों के द्वारा हिंदी…