सामाजिक उद्विकास की अवधारणा | भारत में सामाजिक उद्विकास के कारक | समाज में उद्विकास की किन्ही दो अवस्थाओं का वर्णन
सामाजिक उद्विकास की अवधारणा | भारत में सामाजिक उद्विकास के कारक | समाज में उद्विकास की किन्ही दो अवस्थाओं का वर्णन सामाजिक उद्विकास की अवधारणा सामाजिक उद्विकास सामाजिक परिवर्तन का एक प्रमुख स्वरूप है। उद्विकास परिवर्तन की वह प्रक्रिया है जिसके अनुसार किसी वस्तु के आन्तरिक तत्व अपने आप प्रकट होकर उस वस्तु का रूप…