अरस्तू के नागरिक सम्बन्धी विचार

अरस्तू के नागरिक सम्बन्धी विचार | Aristotle’s civil thoughts in Hindi

अरस्तू के नागरिक सम्बन्धी विचार | Aristotle’s civil thoughts in Hindi अरस्तू के नागरिक सम्बन्धी विचार ‘पलिटिकस’ की तीसरी पुस्तक में अरस्तु नागरिकता और संविधान पर विचार करता है। प्रथम पुस्तक में जहाँ वह कुटुम्ब को राज्य का सबसे छोटा घटक मानता है, वही तीसरी पुस्तक में वह लिखता है कि ‘राज्य नागरिकों का समूह…