कुम्भ

कुम्भ (kumbh) – प्रयागराज (इलाहाबाद) – लघु शोध पत्र (Research)

कुम्भ (kumbh) – प्रयागराज (इलाहाबाद) – लघु शोध पत्र (Research) यह दुनिया के सबसे बड़े तीर्थ त्योहार, कुम्भ मेले का एक ऐतिहासिक अध्ययन है। प्रयागराज, उत्तरी भारत का एक राजनीतिक शहर है, जिसमें होने वाले विश्व के सबसे बड़े जमघट पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। इसमें मेले के एतिहासिक महत्व तथा परिवर्तनों का पता…

कुम्भ - निष्कर्ष एवं सुझाव

कुम्भ – निष्कर्ष एवं सुझाव

कुम्भ – निष्कर्ष एवं सुझाव             प्रस्तुत लघु शोध के अंतर्गत हमारे द्वारा कुम्भ की स्थित, विस्तार तथा लगातार उसकी बढ़ती भव्यता का ज्ञान एकत्रित करने का प्रयास किया गया है तथा यह निष्कर्ष प्राप्त किया गया है कि कुम्भ का भौगोलिक वितरण कुछ इस प्रकार का है कि प्रत्येक जगह जो चार स्थान पर…

गंगा नदी का पर्यावरणीय प्रवाह और कुम्भ मेले के बीच का सम्बंध

गंगा नदी का पर्यावरणीय प्रवाह और कुम्भ मेले के बीच का सम्बंध (पंचम अध्याय)

गंगा नदी का पर्यावरणीय प्रवाह और कुम्भ मेले के बीच का सम्बंध (पंचम अध्याय) परिचय                21 वीं शदी के जल संसाधन प्रबंधकों को महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्रों की स्थिरता से समझौता किए बिना जल उपयोगकर्ताओं के आर्थिक और सामाजिक कल्याण को समान रूप से अधिकतम करने के लिए किया जाता है। इसके लिए प्रबंधकों को…

कुम्भ की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि

कुम्भ की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि (चतुर्थ अध्याय)

चतुर्थ अध्याय कुम्भ की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि   परिचय             कुंभ मेला भारत में एक महान धार्मिक स्नान मेला और तीर्थयात्रा क्षेत्र है, जिसे पृथ्वी पर सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन भी कहा जाता है। हर बारह साल में एक महीने से अधिक समय तक, यह पवित्र परंपरा लाखों लोगों को प्रयागराज में गंगा, यमुना…

प्रयागराज के सांस्कृतिक विकास का कुम्भ मेले से संबंध (तृतीय अध्याय)

प्रयागराज के सांस्कृतिक विकास का कुम्भ मेले से संबंध (तृतीय अध्याय)

तृतीय अध्याय प्रयागराज के सांस्कृतिक विकास का कुम्भ मेले से संबंध (तृतीय अध्याय)  परिचय       प्रयागराज के सांस्कृतिक विकास का कुम्भ मेले से संबंध (तृतीय अध्याय)       प्रयागराज का संदर्भ हिंदू पुराणों जितना पुराना है। पदम पुराण में, प्रयाग को इलाहाबाद के रूप में भी जाना जाता है, तथा सभी तीर्थों में सर्वश्रेष्ठ के रूप…

प्रयागराज की भौगोलिक तथा सामाजिक स्थिति कुम्भ के संदर्भ में (द्वितीय अध्याय)

प्रयागराज की भौगोलिक तथा सामाजिक स्थिति कुम्भ के संदर्भ में (द्वितीय अध्याय)

प्रयागराज की भौगोलिक तथा सामाजिक स्थिति कुम्भ के संदर्भ में (द्वितीय अध्याय) परिचय   प्रयागराज जिला 24° 47‘ उत्तर से 25° उत्तर अक्षांश के बीच और 81° 19′ और 82° 21′ पूर्व देशांतरों के बीच स्थित है। इसमें 5,246 वर्ग किलोमीटर  का क्षेत्र शामिल है। यह जिला राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित है जो…

कुम्भ की प्रस्तावना (प्रथम अध्याय)

कुम्भ की प्रस्तावना (प्रथम अध्याय)

प्रथम अध्याय  कुम्भ की प्रस्तावना  परिचय             कुम्भ की भव्यता जो की लगातार बढ़ती जा रही है उसकी चर्चा इस लघु शोध के अंतर्गत की गयी है | प्रयागराज उन चार तीर्थ स्थानों में से एक है जहां पर कुम्भ के पर्व को मनाया जाता है | भारतीय समुदाय में हिंदुओं के पर्व कुम्भ के…