भारतेन्द्र जी का संक्षिप्त परिचय

भारतेन्द्र जी का संक्षिप्त परिचय | भारतेन्दु युग | भारतेन्दु के नाटकों का परिचय | भारतेन्दु रचित नाटक | भारतेन्दु युगीन हिन्दी साहित्य की प्रमुख प्रवृत्तियों का परिचय | भारतेन्दु जी की कृतियों के नाम

भारतेन्द्र जी का संक्षिप्त परिचय | भारतेन्दु युग | भारतेन्दु के नाटकों का परिचय | भारतेन्दु रचित नाटक | भारतेन्दु युगीन हिन्दी साहित्य की प्रमुख प्रवृत्तियों का परिचय | भारतेन्दु जी की कृतियों के नाम भारतेन्द्र जी का संक्षिप्त परिचय भारतेन्दु हरिशन्द्र-इनका जन्म काशी के एक सम्पन्न वैश्य कुल में भाद्र शुक्ल 5 सम्वत् 1907…

छायावादी कविता की प्रमुख विशेषता

छायावादी कविता की प्रमुख विशेषता | छायावाद का स्वरूप विश्लेषण करते हुए इसकी विशेषता

छायावादी कविता की प्रमुख विशेषता | छायावाद का स्वरूप विश्लेषण करते हुए इसकी विशेषता छायावादी कविता की प्रमुख विशेषता प्रकृति वर्णन की एक अखण्ड परम्परा है- प्रकृति और मानव का अटूट सम्बन्ध है। मानव प्रकृति के क्रोड़ में ही लालित पालित और विकसित होता है। प्राकृतिक सौन्दर्य दर्शन से उसका मन सहज आनन्द से अभिभूत…

द्विवेदी युगीन गद्य साहित्य

द्विवेदी युगीन गद्य साहित्य | द्विवेदी युगीन पत्रकारिता | द्विवेदी युगीन काव्य को इतिवृत्तात्मक काव्य की संज्ञा क्यों दी जाती है?

द्विवेदी युगीन गद्य साहित्य | द्विवेदी युगीन पत्रकारिता | द्विवेदी युगीन काव्य को इतिवृत्तात्मक काव्य की संज्ञा क्यों दी जाती है? द्विवेदी युगीन गद्य साहित्य आधुनिक हिन्दी साहित्य का वास्तविक शुभारम्भ भारतेन्दु युग में स्वीकार किया जाता है किन्तु उस युग के साहित्य में वह प्रौदता एवं परिपक्कता नहीं है जो द्विवेदी युग में परिलक्षित…

प्रगतिवाद

प्रगतिवाद | प्रगतिवादी की परिभाषायें | प्रगतिवाद का जन्म और विकास | प्रगतिवादी प्रमुख कवि | प्रगतिवादी काव्य की प्रवृत्तियां (विशेषताएं)

प्रगतिवाद | प्रगतिवादी की परिभाषायें | प्रगतिवाद का जन्म और विकास | प्रगतिवादी प्रमुख कवि | प्रगतिवादी काव्य की प्रवृत्तियां (विशेषताएं) प्रगतिवाद यह युग हिन्दी साहित्य के आधुनिक काल की काव्य धारा का चतुर्थ उत्थान का है। इस युग की कविता में मार्क्सवादी प्रभाव अधिक है। इसी के फलस्वरूप वर्ग संघर्ष को बढ़ावा मिला और…