कुम्भ की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि

कुम्भ की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि (चतुर्थ अध्याय)

चतुर्थ अध्याय कुम्भ की ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक पृष्ठभूमि   परिचय             कुंभ मेला भारत में एक महान धार्मिक स्नान मेला और तीर्थयात्रा क्षेत्र है, जिसे पृथ्वी पर सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन भी कहा जाता है। हर बारह साल में एक महीने से अधिक समय तक, यह पवित्र परंपरा लाखों लोगों को प्रयागराज में गंगा, यमुना…

प्रयागराज की भौगोलिक तथा सामाजिक स्थिति कुम्भ के संदर्भ में (द्वितीय अध्याय)

प्रयागराज की भौगोलिक तथा सामाजिक स्थिति कुम्भ के संदर्भ में (द्वितीय अध्याय)

प्रयागराज की भौगोलिक तथा सामाजिक स्थिति कुम्भ के संदर्भ में (द्वितीय अध्याय) परिचय   प्रयागराज जिला 24° 47‘ उत्तर से 25° उत्तर अक्षांश के बीच और 81° 19′ और 82° 21′ पूर्व देशांतरों के बीच स्थित है। इसमें 5,246 वर्ग किलोमीटर  का क्षेत्र शामिल है। यह जिला राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित है जो…

कुम्भ की प्रस्तावना (प्रथम अध्याय)

कुम्भ की प्रस्तावना (प्रथम अध्याय)

प्रथम अध्याय  कुम्भ की प्रस्तावना  परिचय             कुम्भ की भव्यता जो की लगातार बढ़ती जा रही है उसकी चर्चा इस लघु शोध के अंतर्गत की गयी है | प्रयागराज उन चार तीर्थ स्थानों में से एक है जहां पर कुम्भ के पर्व को मनाया जाता है | भारतीय समुदाय में हिंदुओं के पर्व कुम्भ के…