प्रेम विस्तार है और स्वार्थ संकुचन

प्रेम विस्तार है और स्वार्थ संकुचन- स्वामी विवेकानन्द  

प्रेम विस्तार है और स्वार्थ संकुचन – स्वामी विवेकानन्द   प्रेम विस्तार है और स्वार्थ संकुचन– स्वामी विवेकानंद जी भारतीय संस्कृति के एक महान विद्वान थे उनका यह कथन की प्रेम विस्तार है और स्वार्थ संकुचन है भारतीय संस्कृति में पूर्णता परिलक्षित होता है। उनके शब्दों में प्रेम विस्तार है, स्वास्थ्य संकुचन है इसलिए प्रेम…

स्वामी विवेकानन्द

स्वामी विवेकानन्द की जीवनी (Biography of swami vivekananda)

स्वामी विवेकानन्द की जीवनी (Biography of swami vivekananda) स्वामी विवेकानन्द के पूर्वजों का आदि निवास वर्द्धमान (पश्चिम बंगाल) जिले कें कालना महकमे के अन्तर्गत ठेरेटोना गॉँव में था। ब्रिटिश शासन के प्रारम्भ में ही वे लोग गाँव में था। ब्रिटिश शासन के प्रारम्भ में ही वे लोग गाँव छोड़कर कलकत्ता में आ बसे। पहले गढ़…