इतिहास की प्रवृत्ति | इतिहास का क्षेत्र विस्तार | इतिहास अपने आपको दोहराता है
इतिहास की प्रवृत्ति | इतिहास का क्षेत्र विस्तार | इतिहास अपने आपको दोहराता है इतिहास की प्रवृत्ति सामान्यतः प्रकृति और प्रवृत्ति में कोई अन्तर नहीं है। वर्ण्य विषयों के आधार पर भी यदि हम विवेचना करें तो इतिहास की प्रवृत्ति के विषय में यह कह सकते हैं कि उसकी प्रवृत्ति अथवा एक विज्ञान की है,…