शिवाजी की उपलब्धियां | शिवाजी की उपलब्धियों का आलोचनात्मक परीक्षण

शिवाजी की उपलब्धियां | शिवाजी की उपलब्धियों का आलोचनात्मक परीक्षण शिवाजी की उपलब्धियां मराठे दक्षिण में अनादिकाल से निर्वसित थे, किन्तु मात्र प्रजावत जीवनयापन कर रहे थे। 15वीं शताब्दी में वहाँ कुछ धार्मिक सुधारक एवं प्रचारक पैदा हुए जिनमें एकनाथ, तुकाराम एवं रामदास के नाम प्रमुख है। इन सन्तों ने अपनी ओजस्वी वाणी में इस…