हिन्दी काव्य में प्रकृति-चित्रण | हिन्दी कविता में प्रकृति-चित्रण
हिन्दी काव्य में प्रकृति-चित्रण | हिन्दी कविता में प्रकृति-चित्रण हिन्दी काव्य में प्रकृति-चित्रण प्रकृति मानव की आदिम सहचरी है। मानव ने जब आँखें खोली होंगी तो स्वयं को प्रकृति की सुरम्य गोद में ही पाया होगा। प्रकृति मानव के क्रिया-कलापों की चित्रमयी रंगस्थली है, जिसके बिना मानव-जीवन का नाटक अधूरा ही रह जाता है। भारत…