गीति काव्य का स्वरूप | गीति काव्य की विशेषताएँ | गीतिकाव्य परम्परा में मीरा के स्थान का निरूपण | मीरा के गीति काव्य परम्परा की विशेषताएँ
गीति काव्य का स्वरूप | गीति काव्य की विशेषताएँ | गीतिकाव्य परम्परा में मीरा के स्थान का निरूपण | मीरा के गीति काव्य परम्परा की विशेषताएँ गीति काव्य का स्वरूप और विशेषताएँ- गीति-काव्य कवि के अन्तग्रत की वह स्वतः प्रेरित तीव्रतम भावाभिव्यक्ति है, जिसमें विशिष्ट पदावली का सौन्दर्य अनुभूति की एकता एवं संगीतात्मकता के योग…