रीतिकाव्य का वर्गीरण | रीतिकाल की प्रमुख विशेषताएँ | रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध एवं रीतिमुक्त काव्य धाराओं को सामान्य परिचय

रीतिकाव्य का वर्गीरण | रीतिकाल की प्रमुख विशेषताएँ | रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध एवं रीतिमुक्त काव्य धाराओं को सामान्य परिचय रीतिकाव्य का वर्गीरण शुक्ल जी ने संवत् 1700 से 1900 तक के समय को ‘रीतिकाल’ नाम दिया है। इसके अतिरिक्त कुछ अन्य विद्वानों ने भी अपने-अपने मतानुसार इस काल का नामकरण किया है जिनमें से मिश्र-बंधु ने…