तुलसीदास के पद्यांशों की व्याख्या | तुलसीदास के निम्नलिखित पद्यांशों की संसदर्भ व्याख्या | अयोध्याकाण्ड के पद्यांशों की व्याख्या | अयोध्याकाण्ड के निम्नलिखित पद्यांशों की संसदर्भ व्याख्या

तुलसीदास के पद्यांशों की व्याख्या | तुलसीदास के निम्नलिखित पद्यांशों की संसदर्भ व्याख्या | अयोध्याकाण्ड के पद्यांशों की व्याख्या | अयोध्याकाण्ड के निम्नलिखित पद्यांशों की संसदर्भ व्याख्या तुलसीदास (अयोध्याकाण्ड) भरत बचन सुनि देखि सुभाऊ। सहित समाज सराहत राऊ।। सुगम अगम मृदु मंजु कठोरे। अरथु अमित अति आखर थोरे।। ज्यों मुखु मुकुरु मुकुरु निज पानी। गहि…