मानव अधिवास तंत्र [ Human settlement as a system ]

मानव अधिवास तंत्र | Human settlement as a system in Hindi

मानव अधिवास तंत्र [ Human settlement as a system ]
मानव अधिवास तंत्र [ Human settlement as a system ]

मानव अधिवास तंत्र | Human settlement as a system in Hindi

सर्वप्रथम मानव अधिवास मे जो पहला अधिवास आया वह ग्रीक शब्द मे ऐगिस्टिक (ekistics) के नाम से जाना गया। यदि हम किसी अधिवास की निर्माण स्वरूप मे बात करते हैं तो पाते हैं कि तीन तथ्यों के प्राय: सम्मिलित होने पर ही या इनके मुख्य भूमिका के बाद ही अधिवास का निर्माण होता है।

  1. मानव
  2. स्थान तथा
  3. पर्यावरण

इसे हम एक तरीकों की सहायता से दिखा सकते हैं जिसमें की तरीकों के प्रत्येक कोनो पर हम तीनों तथ्यों को एक एक कर स्थापित कर इसे संरचित कर सकते हैं।

मानव अधिवास तंत्र के मुख्य तथ्य कुछ इस प्रकार से हैं –

  1. संभावित संपर्कों का अधिकतमकरण
  2. ऊर्जा, समय, तथा लागत मे एक प्रयास
  3. मनुष्य की सुरक्षात्मक जगह का अनुकूलन अकेले या दूसरे के साथ 
  4. पर्यावरण के साथ मनुष्यों के रिश्तों की की गुणवत्ता का अनुकूलन
  5. सभी सिद्धांतों के संश्लेषण मे अनुकूलन 

  मानव अधिवास तंत्र के उपागम 

  • भू – स्थानिक दृष्टिकोण 
  1. व्यवस्थित 
  2. सामयिक
  • पर्यावरण दृष्टिकोण 
  • क्षेत्रीय दृष्टिकोण

मानव अधिवास तंत्र मे कुछ भूगोलवेत्ताओं का भी समर्थन है जैसे कि रिक्टर, ब्लाश, ब्र्न्श, तथा कार्ल शावर इनके द्वारा चिंतन किया गया है। ऐसा माना जाता है कि 20वी शताब्दी के बाद मानव अधिवास तंत्र मे परिवर्तन हुआ है। बैरी (Berry)  द्वारा इन सिद्धांतों मे परिस्थितिकी तंत्र का नाम लिया गया तथा साथ ही साथ ये भी बताया की अधिवास निर्माण मे मानव मुख्य भूमिका निभाता है। हैगेट द्वारा स्थानिक विश्लेषण मे मानव को सामाजिक पशु माना गया। मानव, समाज, पर्यावरण को यदि मिला दिया जाए तो यह मेगा सिस्टम का निर्माण करता है।

दो ऐसे घटक हैं जो तंत्र निर्माण की भूमिका मे सहायक है – 

  1. स्थानिक संरचनात्मक घटक – मृदा, जलवायु, जल, इत्यादि भौतिक या प्रकृतिक तत्व।
  2. स्थानिक मेलजोल घटक – क्रियाकलाप अपने स्थान के साथ भौतिक दशा मे।

यहाँ पर अधिवासों के प्रकार (सघन, यदृक्षिक, एकाकी अधिवास) तथा प्रतिरूप (तारा, वर्गाकार, चौकोर इत्यादि) भी मानव अधिवास तंत्र के अंतर्गत आते हैं।

मिसुनियस (ग्रीक) – मनुष्य जो निरक्षण करता है वही प्रणाली या तंत्र होता है जैसे की पूर्वा के साथ गाँव, गाँव के साथ कस्बा फिर शहर तथा साथ ही साथ अधिवास के प्रतिरूप की भी बात की जा रही है जो कि सभी सम्मिलित रूप से विकसित हो रहें हैं तथा एक प्रणाली का निर्माण कर रहे हैं। इसमें मेल – मिलाप द्वारा व्यापार का प्रारम्भ होना तथा इसी के साथ समाज निर्माण का भी होना ये मेसोलिटिक काल कि व्याख्या है।

मानव अधिवास तंत्र पाँच तत्वों का सम्मिलित रूप है 

  1. मानव (केंद्रीय भूमिका)
  2. समाज 
  3. समाज मे अधिवास के कई प्रकार
  4. प्रकृति
  5. संबंध बाकी चार के साथ

अधिवास तंत्र के नियन (ग्रामीण क्षेत्रों के संदर्भ मे)

  1. संसाधन का इस्तेमाल विकास के लिए
  2. व्यक्ति ने क्षमता अनुसार शोषण करना प्रारम्भ किया तथा आकृति प्रतिरूप विकसित हुआ।
  3. विकास होने के बाद गांवों से बाहर आया।
  4. संसाधन के खराब होने के बाद पुनः ग्रामों का निर्माण।

मानव अधिवास तंत्र को प्रभावित करने वाले कारक 

  1. भौतिक कारक – स्थान, स्थिति, अधिवास, ढाल, जल की सुलभता, जलवायु, भूमिगत जल, मृदा उत्पादकता आदि कारकों के अनुसार बस्तियों का निर्माण होता है और साथ ही साथ प्राथमिक कार्य सुलभ होते हैं।
  2. सामाजिक कारक – मानव एवं संस्कृति, केन्द्रित स्थल (स्कूल, मंदिर, मस्जिद) इत्यादि द्वारा।

 

भूगोल – महत्वपूर्ण लिंक

Disclaimer: sarkariguider.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है | हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है| यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- sarkariguider@gmail.com

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *