टामस हॉब्स की व्यक्तिवाद विचारधारा

टामस हॉब्स की व्यक्तिवाद विचारधारा | Thomas Hobbes’s Individualism Ideology in Hindi

टामस हॉब्स की व्यक्तिवाद विचारधारा | Thomas Hobbes’s Individualism Ideology in Hindi टामस हॉब्स की व्यक्तिवाद विचारधारा – हॉब्स ने जहाँ एक ओर निरंकुश तथा असीमित सम्प्रभुता का प्रतिपादन किया है वही दूसरी ओर उसकी विचारधारा में व्यक्तिवाद के भी स्पष्ट और प्रबल दर्शन होते हैं। यह बात असंगतिपूर्ण लगने पर भी वस्तुतः है पूर्णतया…

टामस हॉब्स के सामाजिक समझौता सिद्धान्त

टामस हॉब्स के सामाजिक समझौता सिद्धान्त | Thomas Hobbes’ Social Compromise Theory in Hindi

टामस हॉब्स के सामाजिक समझौता सिद्धान्त | Thomas Hobbes’ Social Compromise Theory in Hindi हॉब्स की राजनीतिक विचारधारा में सर्वप्रथम स्थान उसके सामाजिक समझौता सिद्धान्त का है, जिसका वर्णन उसने विभिन्न चरणों में किया है- (टामस हॉब्स के सामाजिक समझौता सिद्धान्त) मानव स्वभाव का चित्रण- हॉव्स का मूलमन्त्र ‘स्वयं को पढ़ो (Read Thyself) है और…

हॉब्स का प्रभुसत्ता सिद्धान्त

हॉब्स का प्रभुसत्ता सिद्धान्त | Hobbes Theory of Sovereignty in Hindi

हॉब्स का प्रभुसत्ता सिद्धान्त | Hobbes Theory of Sovereignty in Hindi हॉब्स का प्रभुसत्ता सिद्धान्त हॉस्स के विचारों में प्रभुसत्ता की कल्पना भी निहित है। समझौते के परिणामस्वरूप राज्य का जन्म हुआ। राज्य की शक्ति किसी एक व्यक्ति अथवा व्यक्तियों की सभा में निहित है। वह व्यक्ति ही संप्रभु है। जनता ने अपने अधिकार शासक…

राज्य की उत्पत्ति पर हॉब्स के विचार

राज्य की उत्पत्ति पर हॉब्स के विचार | Hobbes’s views on the origin of the state in Hindi

राज्य की उत्पत्ति पर हॉब्स के विचार | Hobbes’s views on the origin of the state in Hindi राज्य की उत्पत्ति पर हॉब्स के विचार हॉब्स राजतन्त्र का प्रबल समर्थक था। उसने अपने विचारों की पुष्टि अनुवन्धवादी सिद्धान्त के द्वारा की है। वह यह मानकर चलता है कि मानव-जीवन में एक अवस्था ऐसी थी जब…

राजनीतिक दर्शन के इतिहास में बोदोँ का महत्त्व

राजनीतिक दर्शन के इतिहास में बोदोँ का महत्त्व | Bodo’s importance in the history of political philosophy in Hindi

राजनीतिक दर्शन के इतिहास में बोदोँ का महत्त्व | Bodo’s importance in the history of political philosophy in Hindi राजनीतिक दर्शन के इतिहास में बोदोँ का महत्त्व- बोदाँ को अरस्तू के बाद राजदर्शन का सबसे बड़ा विचारक माना जाता है क्योंकि उसने राजनीति के सिद्धांतों के निर्धारण में जिस ऐतिहासिक और पर्यवेक्षणात्मक पद्धति का अनुगमन किया…

जीन बोदों का संप्रभुत्ता का सिद्धान्त

जीन बोदों का संप्रभुत्ता का सिद्धान्त | Gene Bodo’s theory of sovereignty in Hindi

जीन बोदों का संप्रभुत्ता का सिद्धान्त | Gene Bodo’s theory of sovereignty in Hindi जीन बोदों का संप्रभुत्ता का सिद्धान्त राज्य-दर्शन के इतिहास में बोदों का संप्रभुत्ता का सिद्धान्त सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण माना जाता है। कोकर ने इस सिद्धान्त को राजदर्शन के क्षेत्र के बादा की सबसे बड़ी और विशिष्ट देन  माना है। यद्यपि वह इस…

मध्य युग के राजनीतिक चिन्तन की सामान्य विशेषतायें

मध्य युग के राजनीतिक चिन्तन की सामान्य विशेषतायें | General characteristics of political thinking of the Middle Ages in Hindi

मध्य युग के राजनीतिक चिन्तन की सामान्य विशेषतायें | General characteristics of political thinking of the Middle Ages in Hindi मध्य युग के राजनीतिक चिन्तन की सामान्य विशेषतायें राजनीतिक चिंतन की दृष्टि से मध्य युग में कुछ लेखकों द्वारा ‘अंध युग’ (Dark Age) माना जाता है। बार्कर इस युग के विचारकों को राजनीतिक चिन्तकों की…

एक्वीनास के कानून सम्बन्धी विचार

एक्वीनास के कानून सम्बन्धी विचार | Aquinas law in Hindi

एक्वीनास के कानून सम्बन्धी विचार | Aquinas law in Hindi एक्वीनास के कानून सम्बन्धी विचार थॉमस एक्वीनास द्वारा प्रतिपादित कानून का सिद्धान्त एक ऐसी धारा है, जिसके माध्यम से अरस्तु, स्टोइक और सिसरों, आदि के विचार मिलकर वर्तमान समय में हमारे सम्मुख आते हैं। प्राचीन समय में कानून और न्याय के सम्बन्ध में कोई स्पष्ट…

सन्त टामस एक्वीनास के राजनीतिक विचार

सन्त टामस एक्वीनास के राजनीतिक विचार | Political views of Saint Thomas Aquinas in Hindi

सन्त टामस एक्वीनास के राजनीतिक विचार | Political views of Saint Thomas Aquinas in Hindi सन्त टामस एक्वीनास के राजनीतिक विचार राज्य सम्बन्धी विचार- आगस्टाइन आदि ईसाई-विचारकों का यह मत था कि मनुष्य के आरम्भिक पाप (Original sin) के कारण राज्य की उत्पत्ति हुई। एक्विनास इस विचार से सहमत नहीं है। वह तो राज्य को…