भूगोल / Geography

नगरीय क्षेत्रीय माडल | Urban realms model in Hindi

नगरीय क्षेत्रीय माडल | Urban realms model in Hindi

इतिहास

इस माडल के सुधार के रूप मे भूगोलवेदत्ता जेम्स ई० वेंस जूनियर ने १९६४ मे शरीय क्षेत्र माडल का प्रस्ताव रखा | इस माडल का उपयोग करते हुए, वेंस सैन फ्रांसिस्को की शहरी पारिस्थितिकी को देखने और एक मजबूत माडल मे आर्थिक प्रक्रियाओं को संक्षेप मे प्रस्तुत करने मे सझम था |

माडल के बारे मे

माडल का प्रस्ताव है कि प्रत्येक क्षेत्र एक अलग आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक इकाई है जो एक साथ जुड़ा हुआ है ताकि बड़े महानगरीय ढांचे का निर्माण किया जा सके | माडल से पता चलता है कि केंद्रीय व्यावसायिक जिला अपना वर्चस्व खो रहा है |

यहाँ एक क्षेत्र एक स्वतंत्र केंद्र बिन्दु के साथ एक आत्मनिर्भर शहर क्षेत्र है | इसे पुराने शहर के रूप मे भी जाना जाता है |

माडल का प्रत्येक क्षेत्र एक अलग उद्देश्य के लिए और अलग उपयोग के लिए किया जाता है, लेकिन एक बड़े शहर को बनाने के लिए एक साथ जुड़ा हुआ था |

इस माडल के प्रत्येक क्षेत्र की प्रकृति 5 मापदंड पर आधारित है –

  1. क्षेत्र के भौतिक इलाके , जिनमे पानी की बाधाएँ और पहाड़ शामिल है |
  2. एक पूर ( पूर्ण ) के रूप मे महानगर का आकार |
  3. प्रत्येक क्षेत्र के भीतर होने वाली आर्थिक गतिविधियों की मात्रा तथा शांति |
  4. आंतरिक रूप से प्रत्येक दायरे की पहुच इसके प्रमुख आर्थिक कार्य के संबंध मे है |
  5. अलग अलग उपनगरीय क्षेत्रों मे अंतर – अभिगम्यता |

 इस माडल मे क्या – क्या शामिल किया गया है –

  • एक केंद्रीय शहर , जो ‘नया शहर’ और केंद्रीय व्यावसायिक जिला है |
  • एक उपनगरीय शहर |
  • पुराना शहर / बाहरी क्षेत्र |
  • एक हवाई अड्डा |

नगरीय क्षेत्रीय माडल

इसका आविष्कार क्यो किया गया ?

इस माडल का उद्देश्य शहरी विकास पैटर्न को बदलना और भविष्यवाणी करना था क्योकि औटोमोबाइल तेजी से प्रचलित हुआ है और बड़े उपनगरीय ‘ स्थानों ’ का उदय हुआ | यह माडल उपनगर विकास की व्याख्या करने मे एक अच्छा काम करता है और केंद्रीय व्यापार जिले मे समान्य रूप से पाए जाने वाले कुछ कार्यों को उपनगरों मे कैसे स्थानांतरित किया जा सकता है यह भी देखता है |

इसका क्या उपयोग है – 

यह दर्शाता है कि बाहरी शहरी केंद्रीय शहर के ‘ उपशहर ‘ नहीं हैं , लेकिन वास्तव मे खुद शहर बन रहे हैं और महानगर को आकार दे रहे हैं |

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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