भारोत्तोलन के नियम (Weight Lifting)- उत्थापकों का वर्गीकरण तथा सम्पूर्ण जानकारी
भारोत्तोलन के नियम (Weight Lifting)- उत्थापकों का वर्गीकरण तथा सम्पूर्ण जानकारी
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भारोत्तोलन को ‘भार उत्थापन’ भी कहते हैं। इस खेल में उत्थापक अथवा भार उठाने वाला व्यक्ति अधिक-से-अधिक भार उठाने का प्रयास करता है। भार उठाने में व्यक्ति दो विधियों ‘स्नैच’ (दो हाथों का झटका) और ‘जर्क एण्ड क्लीन’ (निर्मल एवं झटका) का प्रयोग करता है। इस खेल में तीन अम्पायर होते हैं, जिनका निर्णय सभी को मान्य होता है। प्रत्येक खिलाड़ी को तीन बार भार उठाने का अवसर मिलता है। जो उत्थापक सबसे अधिक भार उठाता है वही विजयी माना जाता है।
उत्थापकों का वर्गीकरण
भारोत्तोलन प्रतियोगिता में पुरुषों एवं महिलाओं को शारीरिक भार के अनुसार निम्न वर्गों में बाँटा गया है-
पुरुष
|
|
फ्लाई वेट |
54 किग्रा |
बैंटम वेट |
59 किग्रा |
फीडर वेट |
64 किग्रा |
लाइट वेट |
70 किग्रा |
मिडिल वेट |
76 किग्रा |
लाइट हैवीवेट |
83 किग्रा |
मिडिल हैवीवेट |
91 किग्रा |
हैवीवेट |
99 किग्रा |
सुपर हैवीवेट |
110 किग्रा या अधिक। |
महिला
|
|
फ्लाई वेट |
46 किग्रा |
बैंटम वेट |
50 किग्रा |
फीडर वेट |
54 किग्रा |
लाइट वेट |
59 किग्रा |
मिडिल वेट |
64 किग्रा |
लाइट हैवीवेट |
70 किग्रा |
मिडिल हैवीवेट |
76 किग्रा |
हैवीवेट |
83 किग्रा |
सुपर हैवीवेट |
83 किग्रा या अधिक। |
भारोत्तोलन के सामान्य नियम
भारोत्तोलन्न के सामान्य नियम निम्न प्रकार हैं-
- भारोत्तोलन में छड़ को हुक करने की अनुमति होती है।
(2) उपर्युक्त प्रयास पूर्ण न होने पर छड़ घुटने तक ही आए तो अम्पायर उत्थापक को ‘नहीं’ कहकर छड़ को नीचे चटाई पर लाने का संकेत दे सकता है।
(3) अम्पायर के संकेत पर उत्यापक को छड़ शरीर से नीचे लानी चाहिए। उसे जानबूझकर छड़ को नीचे नहीं फेंकना चाहिए। जब वजन छाती के नीचे आ जाए तो उत्थापक अपनी बारबेल पर पकड़ को ढीला कर सकता है।
(4) यदि कुहनियों के दोष के कारण कोई प्रतियोगी अपनी भुजाओं को पूरी तरह फैला नहीं पाता तो इस सम्बन्ध में उसे तीनों अम्पायरों को पहले ही बता देना चाहिए।
(5) उत्थापक प्रीस, तेल अथवा वैसलीन जैसा कोई चिकना पदार्थ अपनी जंघाओं पर नहीं लगा सकता है।
प्रमुख प्रतियोगिताएं और खिलाड़ी
भारोत्तोलन की प्रतियोगिताएँ ओलम्पिक, एशियाई एवं राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होती हैं।
विश्व के प्रमुख उत्थापकों में निम्न खिलाड़ियों के नाम उल्लेखनीय हैं-
विक्टर ट्रेगाबोव, अलैक्जेण्डर कुलोविच (रूस), बेटालिन खिस्ताव (बल्गारिया); कजुमासा हिराइ (जापान); अजियोंग (दक्षिण कोरिया); लीवान (चीन) आदि।
भारत- दलबीर सिंह, मेहर चन्द, कुंजूरानी, परमजीत शर्मा,एन० लक्ष्मी, के० मल्लेश्वरी, सतीशराम, एम० जी० रिमामैंजम आदि ।
अर्जुन पुरस्कार विजेता
- 1990 आर० चन्द्रा, कुब्जा रानी
- 1991 सी० अदक
- 1993 भारती
- 1994 के० मल्लेश्वरी
- 1997 परमजीत शर्मा, एन० लक्ष्मी
- 1998 सतीश राम
- 2000 दलबीर सिंह
- 2001 एम० जी० थिंगबैजम
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