13 आदर्श पाठ योजना की विशेषतायें | आदर्श पाठ योजना की विशेषतायें बताइये
13 आदर्श पाठ योजना की विशेषतायें | Features of model lesson plans in hindi
आदर्श पाठ योजना की विशेषतायें बताइये-
पाठ योजना के निर्माण का उद्देश्य शिक्षण के उद्देश्यों को प्राप्त करना होता है। अतः पाठ योजना की सफलता तभी सम्भव हे जब उसमें इस उद्देश्य को पूरा करने से सम्बन्धित विशेषतायें मौजूद हों। एक आदर्श पाठ योजना में निम्न विशेषताओं का होना आवश्यक है। इन विशेषताओं के विद्यमान होने पर ही किसी पाठ योजना को आदर्श पाठ योजना की संज्ञा दी जा सकती है।
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शिक्षण के उद्देश्यों पर आधारित (Based on Aims of Teaching)
पाठ योजना किसी न किसी उद्देश्य पर आधारित होनी चाहिए तथा योजना को लिखते समय उन उदश्यां को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए जिनको प्राप्त करने के लिए पाठ योजना का निर्माण किया जा रहा है ।
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उपयुक्त सहायक सामग्री (Appropriate Helping Material)
आदर्श पाठ योजना तैयार करते समय पाठ से सम्बन्धित उपयुक्त चार्टो, ग्राफों, चित्रों, रेखाचित्रों आदि सहायक सामग्री के विषय में उचित निरणगय लेकर इसे लिख दिया जाना चाहिए।
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छात्रों के पूर्व ज्ञान पर आधारित (Based on Knowledge of Students)
पाठ योजना को तैयार करते समय शिक्षक को छात्रों के पूर्व ज्ञान से भली भाति परिचित होना चाहिए और उस योजना के अनुरूप ही निर्मित पाठ योजना एक आदर्श पाठ योजना हो सकती है।
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पाठ योजना का सोपानों में विभाजन (Classification of Lesson Plan in Steps)
सम्पूर्ण पाठ योजना विभिन्न चरणों में विभक्त होनी चाहिए। आदर्श पाठ योजना के तीन प्रमुख चरण हो सकते हैं- ज्ञान पाठ (Knowledge Lesson), कोशल पाठ (Skill Lesson), रसानुभूति पाठ (Appreciation Lesson)। उक्त तीनों प्रकार के पाठों को भी उचित सौंपानों में विभक्त कर लिया जाना चाहिए ताकि छात्र पाठ्यवस्तु को सरलता से समझ व ग्रहण कर सकें।
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सरल भाषा (Easy Language)
आदर्श पाठ योजना की भाषा सरल होनी चाहिए ताकि यह छात्रों की समझ में आसानी से आ जाए और वह पाठ्यवस्तु को शीघ्रता से प्रहण करे सके। भाषा का चुनाव करते समय छात्रों के मानसिक विकास के स्तर को भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
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क्रियाओं का निर्धारण (Determination of Actions)
पाठ योजना में स्पष्ट रूप से इस बात का उल्लेख होना चाहिए कि शिक्षण के प्रत्येक पद पर छात्रों तथा शिक्षकों को क्या-क्या क्रियायें करनी होंगी।
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विधियों, नीतियों, युक्तियों और उपकरणों के प्रयोग का स्पष्ट निर्देश (Clear instructions of the use of Methods, Policies, Techniques and Operatus)
पाठ के दौरान प्रयोग में लायी जानी वाली विधियों, नीतियों, युक्तियों और उपकरणों का स्पष्ट निर्देश पाठ योजना में होना चाहिए।
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समन्वय (Adjustment)
पाठ योजना में यथासम्भव समन्वय स्थापित करने के भी निर्देश होने चाहिए। ऐसा होने से छात्र पाठ्यवस्तु को सरलता एवं शीघ्रता के साथ ग्रहण कर सकेंगें।
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उदाहरणों का प्रयोग (Use of Examples)
पाठ योजना में ऐसे उदाहरणों का भी स्पष्ट निर्देश दे दिया जाना चाहिए जो पाठ के दौरान प्रस्तुत किये जाने हों। यहां यह उल्लेखनीय है कि यह उदाहरण विद्यार्थियों या छात्रों के जीवन से सम्बन्धित होने चाहिए।
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स्मृति से चिन्तन स्तर तक के निर्देश (From Recall to Logic)
आदर्श पाठ योजना में विकासात्मक तथा विचारात्मक प्रश्नों का अधिक प्रयोग किया जाना चाहिए साथ ही साथ शिक्षण ‘कार्य को स्मृति स्तर से चिन्तन स्तर तक पहुंचाने के प्रयासों का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए।
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श्यामपट का प्रयोग (Use of Black Board)
पाठ योजना में श्यामपट का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाना चाहिए। किसी भी पाठ योजना से सम्बन्धित जितने भी सोपानों का उल्लेख किया गया हो उन्हें श्यामपट पर अंकित किया जाना चाहिए। इससे छात्रों को पाठ योजना के इन सोपानों को समझने में सहायता मिलती है।
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समय का ध्यान (Punctuality)
शिक्षक को पाठ योजना समय को ध्यान में रखकर बनानी चाहिए। 40 या 45 मिनट की क्लास में पाठ योजना को इस प्रकार प्रस्तुत किया जाना चाहिए कि छात्र तथा शिक्षक के बीच अन्तःत्रिया हो सके तथा छात्र अपने प्रश्नों का समाधान कर सरकें। पाठ योजना में पाठ के प्रत्येक सोपान के समय को निर्धारित कर दिया जाना चाहिए।
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गृह कार्य (Home Work)
आदर्श पाठ योजना में गृह कार्य की भी व्यवस्था होनी चाहिए। गृह कार्य दिये जाने से छात्र कक्षा में पढ़ायी गयी पाठ्यवस्तु की पुनरावृत्ति कर सकेंगे और पढ़ायी जाने वाली विषयवस्तु को याद रख सकेंगे ।
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पाठ योजना में मूल्यांकन (Evaluation in Lesson Plan)
पाठ योजना में मूल्यांकन की विधि का भी स्पष्ट उल्लेख होना बहुत आवश्यक है।
महत्वपूर्ण लिंक
- संचयी अभिलेख (cumulative record)- अर्थ, परिभाषा, आवश्यकता और महत्व, उद्देश्य, विशेषताएँ, उपयोग, लाभ, सीमाएं (हानी)
- Cumulative record- meaning and definition, importance/need and purpose, uses-advantages-disadvantages
- अभिलेख- अभिलेखों की आवश्यकता , अभिलेखों के प्रकार , अभिलेखों का रखरखाव , निष्कर्ष
- पंजिका- पंजिका की आवश्यकता , पंजिका के प्रकार , पंजिका का रखरखाव , निष्कर्ष
- परीक्षा फल के बारे में जानकारी (Information about Report card)
- उपस्थिति पंजिका तथा उनके प्रकार (Attendance register and their types)
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