राष्ट्रभाषा | राजभाषा | राष्ट्रभाषा और राजभाषा का अन्तर
राष्ट्रभाषा | राजभाषा | राष्ट्रभाषा और राजभाषा का अन्तर राष्ट्रभाषा हिन्दी के संबंध में सुभाषचन्द्र बोस, बंकिमचन्द्र, रवीन्द्रनाथ टैगोर सभी का अभिमत था, कि इसे राष्ट्रभाषा होना चाहिए। 1938 ई. में वर्धा में श्री सुभाषचन्द्र बोस ने कहा था- “हिन्दी का प्रचार इसलिए किया जा रहा है कि यह बहुत व्यापक रूप में बोली समझी…