राष्ट्रभाषा | राजभाषा | राष्ट्रभाषा और राजभाषा का अन्तर

राष्ट्रभाषा | राजभाषा | राष्ट्रभाषा और राजभाषा का अन्तर राष्ट्रभाषा हिन्दी के संबंध में सुभाषचन्द्र बोस, बंकिमचन्द्र, रवीन्द्रनाथ टैगोर सभी का अभिमत था, कि इसे राष्ट्रभाषा होना चाहिए। 1938 ई. में वर्धा में श्री सुभाषचन्द्र बोस ने कहा था- “हिन्दी का प्रचार इसलिए किया जा रहा है कि यह बहुत व्यापक रूप में बोली समझी…

प्रतिवेदन से अभिप्राय | प्रतिवेदन का स्वरूप | प्रतिवेदन के प्रकार

प्रतिवेदन से अभिप्राय | प्रतिवेदन का स्वरूप | प्रतिवेदन के प्रकार प्रतिवेदन से अभिप्राय किसी व्यक्ति, वस्तु, पटना के सोद्देश्य सूक्ष्य निरीक्षणोपरांत तैयार किया गया यह सम्पूर्ण विवरण प्रतिवेदन कहलाता है, जो उस व्यक्ति, वस्तु एवं घटना की वास्तविक स्थिति प्रस्तुत करने के साथ-साथ उपादेयता का भी परीक्षण प्रस्तुत कर रहा हो। विभिन्न संस्थाओं, संगठनों…

प्रयोजनमूलक हिन्दी | प्रयोजनमूलक हिन्दी की प्रमुख प्रयुक्तियाँ

प्रयोजनमूलक हिन्दी | प्रयोजनमूलक हिन्दी की प्रमुख प्रयुक्तियाँ प्रयोजनमूलक हिन्दी सामान्य हिन्दी की नीव पर प्रयोजनमूलक हिन्दी का भवन निर्मित होता है। अब तो साहित्यिक हिन्दी के समानान्तर प्रयोजनमूलक हिन्दी के पठन-पाठन की अनिवार्यता को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग भी स्वीकृति दे रहा है। असंख्य विश्वविद्यालयों का महाविद्यालयों में प्रयोजनमूलक हिन्दी के पाठ्यक्रम पढ़ाये भी जा…

हिन्दी की सांविधानिक स्थिति | प्रादेशिक भाषाएँ | राज्य की राजभाषा | राजभाषाएँ

हिन्दी की सांविधानिक स्थिति | प्रादेशिक भाषाएँ | राज्य की राजभाषा | राजभाषाएँ हिन्दी की सांविधानिक स्थिति 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान को क्रियान्वित किया गया था। इस संविधान के निर्माण के समय भारत में हिन्दी के स्थान को ध्यान में रखते हुए, 14 सितम्बर, 1949 को उसे राजभाषा घोषित करने के साथ ही…

सामान्य सरकारी पत्रों के प्रकार | औपचारिक पत्र | अनौपचारिक पत्र

सामान्य सरकारी पत्रों के प्रकार | औपचारिक पत्र | अनौपचारिक पत्र सामान्य सरकारी पत्रों के छह प्रकार यह सरकारी कार्यालयों में पत्र व्यवहार का सबसे सामान्य रूप है। यहां यह ध्यान रखने योग्य है कि सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के आपसी पत्राचार में पत्र के इस रूप को नहीं अपनाया जाता। विदेशी सरकारों, संबद्ध तथा…

संक्षेपण के गुण | संक्षेपण के विशेषताएँ | टिप्पणी की विशेषताए | प्रतिवेदन की विशेषताएं

संक्षेपण के गुण | संक्षेपण के विशेषताएँ | टिप्पणी की विशेषताए | प्रतिवेदन की विशेषताएं संक्षेपण के गुण या विशेषताएँ- संक्षेपण एक प्रकार का मानसिक प्रशिक्षण हैं, मानसिक व्यायाम भी। उत्कृष्ट संक्षेपण के निम्नलिखित गुण है- पूर्णतया- संक्षेपण स्वतः पूर्ण होना चाहिए। संक्षेपण करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उसमें कहीं कोई…

पुरानी हिन्दी की अवधारणा | लिपि और भाषा | भाषा प्रकार | हिन्दी में वर्तनी समस्या

पुरानी हिन्दी की अवधारणा | लिपि और भाषा | भाषा प्रकार | हिन्दी में वर्तनी समस्या पुरानी हिन्दी की अवधारणा हिन्दी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना माना गया है। सामान्यतः प्राकृत की अन्तिम अपभ्रंश अवस्था से ही हिन्दी साहित्य का आविर्भाव स्वीकार किया जाता है। उस समय अपभ्रंश के कई रूप थे…

प्रतीकों का महत्व बताइए | प्रतीक-विधान | विराम-चिन्ह

प्रतीकों का महत्व बताइए | प्रतीक-विधान | विराम-चिन्ह प्रतीकों का महत्व प्रतीकों का क्षेत्र जितना व्यापक और विशाल है उतना ही उनका महत्त्व भी व्यापक है। प्रतीकों का प्रसार भाषा, साहित्य, कला, धर्म, दर्शन और जहाँ तक मानव की नित्य प्रति के जीवन की गतिविधियां पहुंच सकती हैं, वहाँ तक है। यदि भाषा की उत्पत्ति…

बिम्ब का अर्थ | बिम्ब के गुण | बिम्ब विधान | काव्य में बिम्ब की उपयोगिता

बिम्ब का अर्थ | बिम्ब के गुण | बिम्ब विधान | काव्य में बिम्ब की उपयोगिता बिम्ब का अर्थ बिम्ब का अर्थ- बिम्ब अंग्रेजी शब्द इमेज (Image) का पर्यायवाची है। यह शब्द अपने आप में बड़ा व्यापक है। साधारणतः बिम्ब शब्द का प्रयोग छाया, प्रतिच्छायां, अनुकृति आदि के रूप में होता है। अंग्रेजी कोश में…