उत्तर वैदिक काल की राजनीतिक स्थिति | उत्तर वैदिक काल की राजनीतिक दशा

उत्तर वैदिक काल की राजनीतिक स्थिति | उत्तर वैदिक काल की राजनीतिक दशा राजनीतिक दशा (Political Conditions) उत्तर वैदिक काल की राजनीतिक स्थिति का विवेचन निम्न प्रमुख बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है। यथा- शासन सत्ता का विस्तार- ऋग्वैदिक काल में आर्यो की शासन सत्ता केवल सप्तसिन्धु प्रदेश तक ही सीमित थी। उत्तर वैदिक काल…

उत्तर वैदिक काल का सामाजिक जीवन | उत्तर वैदिक काल की सामाजिक दशा

उत्तर वैदिक काल का सामाजिक जीवन | उत्तर वैदिक काल की सामाजिक दशा उत्तर वैदिक काल का सामाजिक जीवन प्रस्तावना- उत्तर वैदिक काल से हमारा तात्पर्य उस काल से है जिसमें अन्य तीन वेदों-यजुर्वेद, सामवेद, तथा अथर्ववेद और ब्राह्मणों, आरण्यकों, उपनिषदों की रचना हुई थी। यह एक दीर्घकाल था, जिसमें आर्य-सभ्यता का विस्तार व विकास…

ऋग्वैदिक काल की आर्थिक दशा | economic conditions of Rigvedic period in Hindi

ऋग्वैदिक काल की आर्थिक दशा | economic conditions of Rigvedic period in Hindi ऋग्वैदिक काल की आर्थिक दशा (ऋग्वैदिक सभ्यता तथा संस्कृति)– अपने समस्त अंगों तथा उपादानों में पूर्ण थी। आनन्द एवं उल्लास पूर्ण जीवन के लिये आर्थिक समृद्धता तथा प्रगति एक आवश्यक शर्त होती है इस सन्दर्भ में हम तत्कालीन आर्थिक दशा का वर्णन…

ऋग्वैदिक काल की सामाजिक दशा | ऋग्वैदिक काल का दैनिक जीवन | ऋग्वैदिक आर्यों का सामाजिक जीवन | The social life of the Rigvedic Age in Hindi

ऋग्वैदिक काल की सामाजिक दशा | ऋग्वैदिक काल का दैनिक जीवन | ऋग्वैदिक आर्यों का सामाजिक जीवन | The social life of the Rigvedic Age in Hindi ऋग्वैदिक काल की सामाजिक दशा ऋग्वैदिक काल की सामाजिक दशा का परिचय ऋग्वेद की अनेकानेक ऋचाओं द्वारा प्राप्त होता है। पं० नेहरू के अनुसार, “ऋग्वेद की आरम्भिक ऋचाओं…

ऋग्वैदिक कालीन राजनैतिक संगठन तथा व्यवस्था | ऋग्वैदिक शासन व्यवस्था

ऋग्वैदिक कालीन राजनैतिक संगठन तथा व्यवस्था | ऋग्वैदिक शासन व्यवस्था ऋग्वैदिक कालीन राजनैतिक संगठन तथा व्यवस्था प्रथम वेद-ऋग्वेद द्वारा ऋग्वैदिक राजनैतिक संगठनों तथा शासन व्यवस्था के विषय में पर्याप्त जानकारी मिलती है। यह वर्णन निम्नलिखित क्रम में प्रस्तुत किया जा सकता है- राज्य की विभिन्न इकाइयाँ अथवा राजनैतिक संगठन (i) ‘गृह’ ‘कुल’ या ‘परिवार’- गृह-कुल…

ऋग्वैदिक काल के पूर्व की राजनैतिक दशा | ऋग्वैदिककाल में आर्यों का राजनैतिक विस्तार | ऋग्वैदिक कालीन राजनैतिक संघर्ष

ऋग्वैदिक काल के पूर्व की राजनैतिक दशा | ऋग्वैदिककाल में आर्यों का राजनैतिक विस्तार | ऋग्वैदिक कालीन राजनैतिक संघर्ष ऋग्वैदिक काल के पूर्व की राजनैतिक दशा आर्यों के भारत आगमन को ऋग्वैदिक काल का प्रारम्भ मानकर, यह कहा जा सकता है कि इस काल के प्रारम्भ होने से पूर्व सिन्धु सभ्यता विनष्ट हो चुकी थी।…

ऋग्वैदिक सभ्यता की धार्मिक दशा | ऋग्वैदिक सभ्यता की आर्थिक दशा

ऋग्वैदिक सभ्यता की धार्मिक दशा | ऋग्वैदिक सभ्यता की आर्थिक दशा ऋग्वैदिक सभ्यता की धार्मिक दशा (Religious Conditions) आर्यों का धर्म बड़ा सादा था। वे सूर्य, वायु, आकाश, अग्नि आदि को देवता समझकर उनकी उपासना करते थे। आर्य 33 देवताओं में विश्वास करते थे। उनके धार्मिक जीवन की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित थीं (ऋग्वैदिक सभ्यता की…

ऋग्वैदिक सभ्यता की सामाजिक दशा | Social Condition of Rigvedic Civilization in Hindi

ऋग्वैदिक सभ्यता की सामाजिक दशा | Social Condition of Rigvedic Civilization in Hindi ऋग्वैदिक सभ्यता की सामाजिक दशा (Social Conditions) “वह (ऋग्वेद) स्थिर जनजीवन, संगठित समाज और पूर्णरूप से विकसित सभ्यता की ओर संकेत करते हैं।”-प्रोविन्सेन्ट स्मिथ कुटुम्ब व्यवस्था- ऋग्वैदिक युग में समाज की न्यूनतम इकाई परिवार था। परिवार पितृ सत्तात्मक थे। उसमें पति-पली, बच्चे,…

ऋग्वैदिक सभ्यता की राजनीतिक दशा | Political Condition of Rigvedic Civilization in Hindi

ऋग्वैदिक सभ्यता की राजनीतिक दशा | Political Condition of Rigvedic Civilization in Hindi ऋग्वैदिक सभ्यता की राजनीतिक दशा (Political Conditions) ऋग्वेदकालीन राजनीतिक दशा का चित्रण निम्नलिखित सूत्रों के अन्तर्गत किया गया है- राज्य का विभिन्न इकाइयों में विभाजन- राज्य की सबसे छोटी इकाई कुटुम्ब थी। अनेक परिवारों को मिलाकर ‘ग्राम’ बनता था। ग्राम के स्वामी…