अश्क जी का कहानी साहित्य में योगदान | निबंधकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल

अश्क जी का कहानी साहित्य में योगदान | निबंधकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल अश्क जी का कहानी साहित्य में योगदान उपेंद्रनाथ अश्क कहानी की मुख्य धारा में न होने पर भी इस क्षेत्र में शायद सबसे अधिक सक्रिय दिखाई देते हैं। वे पंजाबी और उर्दू की पृष्टभूमि के साथ हिंदी में आये। अपने आरंभिक काल  में…

निर्मला उपन्यास का उद्देश्य | निर्मला उपन्यास की भाषा | निर्मला का चरित्र चित्रण

निर्मला उपन्यास का उद्देश्य | निर्मला उपन्यास की भाषा | निर्मला का चरित्र चित्रण निर्मला उपन्यास का उद्देश्य उपन्या सम्राट प्रेमचंद जी ने ‘निर्मला’ उपन्यास की कोई भूमिा नहीं लिखी थी। जिससे उनके इस उपन्यास के लेखन के उद्देश्यों की जानकारी मिलती हो। आशय यह है कि प्रेमचंद जी ने अपने इस उपन्यास के लेखन…

‘तौलिये’ एकांकी का साराश | उपेन्द्रनाथ अश्क द्वारा रचित एकांकी तौलिये’ की कथावस्तु

‘तौलिये’ एकांकी का साराश | उपेन्द्रनाथ अश्क द्वारा रचित एकांकी तौलिये’ की कथावस्तु ‘तौलिये’ एकांकी का साराश कथानक- वसन्त इस समय तो एक फर्म का मैनेजर है तथा ठाट-बाट से रह रहा है, वैसे वह गरीबी में पला है। वे छह भाई थे और उनके बीच एक ही तौलिया थी। उसी से सब भाई शरीर…

उपेन्द्रनाथ अश्क की एकांकी कला की विशेषताएं | उपेन्द्र नाथ अश्क की एकांकी तौलिये | एकांकीकार के रूप में उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’ का संक्षिप्त परिचय

उपेन्द्रनाथ अश्क की एकांकी कला की विशेषताएं | उपेन्द्र नाथ अश्क की एकांकी तौलिये | एकांकीकार के रूप में उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’ का संक्षिप्त परिचय उपेन्द्रनाथ अश्क की एकांकी कला की विशेषताएं हिन्दी एकांकी और उपेन्द्रनाथ अश्क’- उपेन्द्रनाथ ‘अश्क’ बहुमुखी प्रतिभा के धनी साहित्यकार हैं, किन्तु कहानी और नाटक दो विधाओं के क्षेत्र में वे अधिक…

एकांकी कला की दृष्टि से ‘उत्सर्ग’ का मूल्यांकन | रामकुमार वर्मा की एकांकी उत्सर्ग | एकांकी कला की दृष्टि से डॉ. रामकुमार वर्मा कृत ‘उत्सर्ग’ एकांकी का मूल्यांकन

एकांकी कला की दृष्टि से ‘उत्सर्ग’ का मूल्यांकन | रामकुमार वर्मा की एकांकी उत्सर्ग | एकांकी कला की दृष्टि से डॉ. रामकुमार वर्मा कृत ‘उत्सर्ग’ एकांकी का मूल्यांकन एकांकी कला की दृष्टि से ‘उत्सर्ग’ का मूल्यांकन डॉ. रामकुमार वर्मा हिन्दी साहित्य के ख्यातिलब्ध एकांकीकार है, उन्होंने ऐतिहासिक और सामाजिक नाटक लिखे हैं लेकिन ऐतिहासिक नाटक…

व्यक्तिगत एकांकी की व्याख्या | लक्ष्मीनारायण लाल की एकांकी व्यक्तिगत

व्यक्तिगत एकांकी की व्याख्या | लक्ष्मीनारायण लाल की एकांकी व्यक्तिगत व्यक्तिगत एकांकी की व्याख्या जो चीज मुझे पसन्द है, वह मेरी है। पसंद का संबंध इच्छा से है। इच्छा प्रकृति का गुण है। इच्छा को रोकना प्रकृति के उसूलों के खिलाफ है। इससे खामखा तनाव पैदा होता है और अनेक मानसिक समस्याओं के जाल में…

हिन्दी नाटक का उद्भव और विकास | भारतेन्दु-पूर्व हिन्दी नाटक | हिन्दी नाटक के उद्भव और विकास पर प्रकाश डालिये

हिन्दी नाटक का उद्भव और विकास | भारतेन्दु-पूर्व हिन्दी नाटक | हिन्दी नाटक के उद्भव और विकास पर प्रकाश डालिये हिन्दी नाटक का उद्भव और विकास भारतेन्दु-पूर्व हिन्दी नाटक वास्तविक हिन्दी नाटक का समारम्भ भारतेन्तु हरिश्चन्द्र (1907-1941) से हुआ। किन्तु उनसे पूर्व भी एक क्षीण नाट्य-परम्परा हिन्दी साहित्य के आदिकाल से चली आ रही थी।…

प्रेमचन्द का उपन्यास निर्मला | प्रेमचंद- कृत निर्मला उपन्यास नारी जीवन की करुण त्रासदी है।’’-इस कथन की समीक्षा

प्रेमचन्द का उपन्यास निर्मला | प्रेमचंद- कृत निर्मला उपन्यास नारी जीवन की करुण त्रासदी है।’’–इस कथन की समीक्षा प्रेमचन्द का उपन्यास निर्मला प्रेमचन्द का उपन्यास ‘निर्मला’ नारी प्रधान रचना है। यही कारण कि इसका नामांकन लेखक ने प्रमुख नारी पात्र निर्मला के नाम पर किया है। इस उपन्यास में नारी पात्रों को स्थान दिया है,…

‘उसने कहा था’ के आधार पर लहनासिंह का चरित्र-चित्रण | पं. चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी ‘उसने कहा था’ के आधार पर लहनासिंह का चरित्र-चित्रण | लहनासिंह का चरित्र-चित्रण

‘उसने कहा था’ के आधार पर लहनासिंह का चरित्र-चित्रण | पं. चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी ‘उसने कहा था’ के आधार पर लहनासिंह का चरित्र-चित्रण | लहनासिंह का चरित्र-चित्रण ‘उसने कहा था’ के आधार पर लहनासिंह का चरित्र-चित्रण चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी उसने कहा था’ पवित्र, वासना रहित, निर्मल और सच्चे प्रेम पर आधारित…