प्रसिद्ध वैज्ञानिक / Famous Scientists

आर्किमिडीज | Archimedes

आर्किमिडीज | Archimedes

गणित और यंत्रों का निर्माता –

“खड़े होने के लिए मुझे थोड़ी सी जगह दे दो, फिर देखो मैं धरती को ही हिलाकर कहां से कहां कर देता हूं” | आर्किमिडीज (Archimedes) ने अपने लोवर के सिद्धांत के आधार पर यह बात कही थी |

आर्किमिडीज के सिद्धांत से आप किसी भारी वस्तु को किसी लंबी छड़ या डंडे का लीवर के रूप में प्रयोग करके आगे सरका सकते हैं, जिसे केवल हाथों के बल प्रयोग द्वारा कई व्यक्ति मिलकर हिला भी नहीं सकते | रोम ने ईसा पूर्व 215 में सिराक्यूज पर आक्रमण किया | लीवर के प्रयोग से यूनान वाले रोम के जहाजों को समुद्र से ऊपर उठाकर नष्ट कर देते थे | आर्किमिडीज ने युद्ध के दिनों में कांच के एक बड़े टुकड़े का उपयोग किया उसके द्वारा सूर्य की किरणों को जहाज पर फोकस करके उन्हें जला डालता था | उसने युद्ध में काम आने वाले अनेक अन्य उपकरण भी बनाए | इस प्रकार यूनियनों ने 3 साल तक रोम वालों को सिराक्यूज़ में घुसने नहीं दिया |

आर्किमिडीज ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी के अंतिम वर्षों में यूनान के प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे | वह सिसली द्वीप के सिराक्यूज नगर में रहते थे | वह गणित और विशेष रूप से ज्यामिति के बहुत अच्छे ज्ञाता थे | उन्होंने अनेक आविष्कार किए और कुछ ऐसे सिद्धांतों का प्रतिपादन किया जिनकी ओर पहले किसी का ध्यान नहीं गया था | इनमें लीवर द्वारा बहुत भारी वस्तुओं को सरलता से उठाना पानी में किसी वस्तु को डालने से उसके आयतन में मालूम करना आयतन को मालूम करना आदि सम्मिलित है |

प्रसिद्ध है कि आर्किमिडीज ने यूनान के राजा के सोने के मुकुट मे खोट का पता लगाया था | वह एक बार नहाने के लिए पानी में भरे टब में घुसे तो बहुत सारा पानी छलक कर बाहर गिरा | इससे उन्होंने  पानी द्वारा ऊपर उछाल केआर सिद्धांत का प्रतिपादन किया कि अर्थात किसी पनि भरे बर्तन में कोई वस्तु डाली जाए तो बर्तन में उतना पानी बाहर आजाएगा जितना उस वस्तु का आयतन होगा | इसी सिद्धांत ने उन्हेंने मुकुट के खोट का पता लगाया | पहले मुकुट को पानी में डूब जाने दिया, जितना पानी बाहर निकला वह उतने ही असली सोने की वजन से कम था |पानी द्वारा ऊपर उछल कर परिक्षण एक ईट और उसी के आकार प्रकार के लकड़ी के टुकड़े से किया जा सकता है | मिट्टी की ईट डूब जाएगी और लकड़ी का उतना ही बड़ा टुकड़ा पानी में तैरने लगेगा | इसका भाव यही है कि पानी की उछाल लकड़ी के टुकड़े के प्रति अधिक है और ईट के प्रति कम | इसलिए ईट डूब जाएगी और लकड़ी तैरती रहती है |

आर्किमिडीज ज्यामिती संबंधी प्रश्नों को हल करने में इतने उलझे रहते थे कि उन्हें खाने-पीने, सोने तथा अन्य बातों का ध्यान नहीं रहता था | पानी की उछाल का सिद्धांत प्राप्त कर लेने से वह इतना प्रसन्न हुए कि नंगे ही टब से “पा गया”, “पा गया” चिल्लाते हुए बाहर भागे | इसी प्रकार ज्यामिति के प्रश्न हल करने से इतने अधिक व्यस्त थे कि रोम के सिपाहियों ने उन्हें अपना शत्रु जान तलवार के घाट उतार दिया |

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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