संशोधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 1992 | शिक्षा प्रबन्ध और नीति 1992 | संशोधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 का दस्तावेज
संशोधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 1992 | शिक्षा प्रबन्ध और नीति 1992 | संशोधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 का दस्तावेज
संशोधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1992
(Revised Policy of National Education, 1992)
शिक्षा सम्बन्धी केंद्रीय परामर्श बोर्ड का गठन, 1935 में स्वाधीनता से पूर्व किया गया है और यह सब भी शिक्षा की नीतियाँ और कार्यक्रम तैयार करने और उनकी प्रगति पर निगाह रखने में प्रमुख भूमिका निभा रहा है। इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण हैं-राष्ट्रीय शिक्षा नीति-1986, कार्य योजना 1986 और संशोधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति और कार्य योजना 19921
शिक्षा प्रबन्ध और नीति 1992-
नीति निर्धारण के साथ-साथ, शिक्षा विभाग राज्यों से मिलकर शैक्षिक नियोजन का दायित्व भी निभाता है। शिक्षा को छठी योजना तक विकास प्रक्रिया के संसाधन की जगह सामाजिक सेवा मात्र समझा जाता था, लेकिन अब शिक्षा को मानव संसाधन के द्वारा देश के सामाजिक और आर्थिक विकास का महत्त्वपूर्ण कारक माना जाने लगा है। यह बात सन् 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति तथा बजट में संसाधनों के आवंटन में प्रतिबिम्बित होती हैं। आठवीं योजना के केन्द्र तथा राज्यों के लिए शिक्षा पर 19,5999.7 करोड़ रूपये का प्रावधान रखा गया, जो सातवीं योजना के व्यय 7,633.1 करोड़ रूपये यानि 2.6 गुना अधिक था। इस वृद्धि के साथ-साथ शिक्षा के लिए केन्द्रीय नियोजन आवंटन 1994-95 में 1,541 करोड़ रूपये से बढ़कर 1995-96 के 1,925 करोड़ रूपये कर दिया गया। शिक्षा के क्षेत्र के भीतर ही संसाधनों के आवंटन का रुझान उच्चतर शिक्षा में प्राथमिक शिक्षा परिव्यय 1995-96 में 24.5 प्रतिशत बढ़कर 65.04 करोड़ रूपये कर दिया गया।
1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के शैक्षिक विकास में मील का पत्थर है। 1990 में आचार्य राममूर्ति की अध्यक्षता में एक समीति ने इसकी समीक्षा की। इसकी सिफारिशों पर शिक्षा के केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड ने विचार किया और आंध्रप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री एन० जनार्दन की अध्यक्षता में 22 जनवरी, 1992 को इस समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की। शिक्षा के केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड ने इस रिपोर्ट पर विचार करके इसमें कुछ परिवर्तनों का सुझाव दिया था। परिणामस्वरूप संसद के समक्ष7 मई, 1992 को शिक्षा के केन्द्रीय सलाहकार बोर्ड द्वारा अनुमोदित एवं संशोचित नीतियों कुछ सुझावों के साथ रखी गयी। साथ ही नीति को लागू करने की संशोधित कार्य योजना तैयार की गयी और 19 अगस्त, 1992 को संशोधित कार्यनीति 1992 संसद के समक्ष रखी गयी।
संशोधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 (1992) का दस्तावेज
भारत सरकार ने 1992 मे राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 में संशोधन किए उनका विवरण अग्र प्रकार है-
भाग एक-भूमिका और भाग दो-शिक्षा का सार और उसकी भूमिका में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
भाग तीन-राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली में केवल एक संशोधन किया गया है-
भाग एक-भूमिका और भागदो-शिक्षा का सार और उसकी भूमिका में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
(i) पूरे देश मे +2 को स्कूली शिक्षा का अंग बनाया जायेगा।
भाग चार-समानता के लिए शिक्षा में चार संशोधन किए गए हैं-
(i) समय साक्षरता अभियान पर और अधिक बल दिया जायेगा।
(ii) राष्ट्रीय साक्षरता मिशन (NLM) को निर्धनता निवारण, राष्ट्रीय एकता, पर्यावरण संरक्षण, छोटा परिवार, नारी समानता को प्रोत्साहन, प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण और प्राथमिक स्वास्थ्य परिचर्या से जोड़ा जायेगा।
(iii) रोजगार/स्वरोजगार केन्द्रित एवं आवश्यकता एवं रुचि पर आधारित व्यावसायिक व कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर बल दिया जायेगा।
(iv) नव साक्षरों के लिए साक्षरता उपरांत सतत शिक्षा के व्यापक कार्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे।
भाग पाँच- विभिन्न स्तरों पर शिक्षा का पुनर्गठन शिशुओं की देखभाल और शिक्षा में सात संशोधन किए गए हैं-
(i) ब्लैक बोर्ड योजना के अंतर्गत प्रत्येक प्राथमिक विद्यालय में कम से कम तीन बड़े कमरों और तीन शिक्षकों की व्यवस्था की जायेगी।
(ii) भविष्य में प्राथमिक स्कूलों में नियुक्त होने वाले शिक्षकों में 50% महिलाएँ होंगी।
(iii) ब्लैक बोर्ड योजना को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में भी लागू किया जायेगा।
(iv) अनिवार्य एवं निःशुल्क शिक्षा के लक्ष्य को 2000 तक प्राप्त करने हेतु एक राष्ट्रीय मिशन चलाया जायेगा।
(v) माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजातियों के बच्चों के नामांकन पर बल दिया जायेगा।
(vi) मुक्त अधिगम प्रणाली को सुदृढ़ किया जायेगा।
(vii) परीक्षा एवं मूल्यांकन में सुधार हेतु ‘राष्ट्रीय मूल्यांकन संगठन’ गठित किया जायेगा।
भाग छ:-तकनीकी तथा प्रबंध शिक्षा में केवल एक संशोधन किया गया है-
(i) अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् (AICIE) को और सुदृढ़ किया जायेगा।
भाग आठ-शिक्षा की विषयवस्तु और प्रक्रिया को नया मोड़ देने में दो संशोधन किए गए हैं-
(i) प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा में जनंसख्या शिक्षा पर विशेष बल दिया जायेगा।
(ii) परीक्षा संस्थाओं के दिशा निर्देशन हेतु परीक्षा सुधार प्रारुप तैयार किया जायेगा।
भाग नौ-शिक्षा का प्रबन्ध में कोई संशोधन नहीं किया गया है-
भाग दस-शिक्षा का प्रबन्ध में केवल एक संशोधन किया गया है-
(i) शिक्षा पर राष्ट्रीय आय का 6% से अधिक व्यय किया जायेगा।
भाग ग्यारह-संसाधन और समीक्षा और भाग बारह-भविष्य में कोई संसाधन नहीं किया गया है।
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