अज्ञेय की काव्य भाषा | काव्य विषयक अज्ञेय के विचारों की विवेचना अज्ञेय की काव्य भाषा विषयक अवधारणा सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’- रचनाकार के समक्ष दो प्रकार के संकट उपस्थित ...
रामचन्द्र शुक्ल की काव्य भाषा | काव्य भाषा के सम्बन्ध में ‘रामचन्द्र शुक्ल’ द्वारा प्रस्तुत स्थापना रामचन्द्र शुक्ल की काव्य भाषा विषयक अवधारणा चित्र रूप में कविता में कही गयी ...
रिचर्ड्स की काव्य भाषा | काव्य भाषा के संबंध में रिचर्ड्स द्वारा प्रस्तुत स्थापना रिचर्ड्स की काव्य भाषा की विषयक अवधारणा आर्मस्ट्रांग रिचर्ड्स ने काव्य भाषा के निम्नलिखित दो रूप ...
भाषा का आकृतिमूलक वर्गीकरण | भाषा का शब्द रचना की दृष्टि से वर्गीकरण भाषा का आकृतिमूलक वर्गीकरण भाषा के आकृतिमूलक वर्गीकरण के अन्य नाम रूपात्मक, रचनात्मक, व्याकरणिक, वाक्यात्मक, वाक्यमूलक, रूपाश्रित, ...
भाषा का शास्त्रीय अर्थ | भाषा के विविध रूप | भाषा के अन्य रूप भाषा का शास्त्रीय अर्थ भाषा विचाराभिव्यक्ति का वह साधन है जिसमें ध्वनियों का व्यवहार किया जाता ...
भाषा का स्वरूप एवं उसकी प्रवृत्तियाँ | भाषा की विशेषताएँ भाषा का स्वरूप एवं उसकी प्रवृत्तियाँ भाषा की प्रवृत्तियों को जानने से पूर्व उसके स्वरूप का ज्ञान अनिवार्य एवं उपयुक्त ...
‘भाषा’ शब्द का अर्थ | भाषा की अवधारणा एवं परिभाषाएँ | विभिन्न स्थानीय बोलियों के वर्गों की भाषा | साहित्यिक भाषा या शिष्ट भाषा | ‘भाषा’ शब्द का औपचारिक प्रयोग ...
वक्रोक्ति सम्प्रदाय का सामान्य परिचय | क्रोचे के अभिव्यंजनावाद के निष्कर्ष | अभिव्यंजनावाद और वक्रोक्तिवाद का सम्बन्ध | वक्रोक्ति सिद्धान्त और अभिव्यंजनाबाद में समानता | अभिव्यंजना और वक्रोक्ति में विषमता ...
भारतेन्दु युगीन आलोचकों का योगदान | हिन्दी आलोचना के विकास में भारतेन्दु युगीन आलोचकों के योगदान भारतेन्दु युगीन आलोचकों का योगदान भारतेन्दु हरिश्चन्द्र आधुनिक हिन्दी साहित्य के उदगम केन्द्र, उत्प्रेरक ...
क्रोचे के अभिव्यंजनावाद | क्रोंचे के अभिव्यंजनावाद पर समीक्षात्मक निबन्ध | अभिव्यंजनावाद के सम्बन्ध में क्रोंचे की मान्यता क्रोचे के अभिव्यंजनावाद क्रोंचे ने अपने ग्रंथ ‘एस्थेटिक’ नामक ग्रंथ में दार्शनिक ...
काव्य की परिभाषा | काव्य के भेद | काव्य भाषा की परिकल्पना तथा स्वरूप | काव्य के मूलभूत लक्षण काव्य की परिभाषा संस्कृत और हिन्दी दोनों भाषाओं के आचार्यों तथा ...
काव्य गुण | माधुर्य गुण | ओज गुण | प्रसाद गुण | काव्य गुणों के प्रकार काव्य गुण काव्यशास्त्र में सभी आचार्यों ने गुणों का विवेचन किया है। महर्षि वेदव्यास ...
रीति सम्प्रदाय | रीति शब्द का अर्थ एंव परिभाषा | रीति का विकास | रीति का अर्थ स्पष्ट करते हुए रीति सम्प्रदाय का परिचय रीति सम्प्रदाय आजकल हिन्दी में अवधारणा ...
अनुकरण सिद्धान्त | अरस्तु के काव्य और कला-सम्बन्धी विचार | अरस्तू का अनुकरण सिद्धान्त | कलाओं में अनुकरण का महत्त्व | अनुकरण सिद्धान्त की समीक्षा अनुकरण सिद्धान्त पाश्चात्य ज्ञान-विज्ञान के ...
लोंजाइनस का उदात्त सिद्धान्त | उदात्त का स्वरूप | उदात्त के तत्त्व | काव्य में उदात्त-तत्त्व लोंजाइनस का उदात्त सिद्धान्त काव्य में उदात्त-तत्त्व पर पाश्चात्य विचारकों ने विस्तार से विचार ...
ध्वनि-काव्य के प्रमुख भेद/प्रकार | आचार्य मम्मट के आधार पर ध्वनि- काव्य के भेद ध्वनि-काव्य के प्रमुख भेद/प्रकार ‘ध्वन्यालोक’ की रचना आचार्य आनन्दवर्धन ने की है। इस पर अनेक टीकाओं ...
ध्वनि सिद्धान्त | ध्वनि सम्प्रदाय का संक्षिप्त परिचय | ध्वनि का अर्थ एवं स्वरूप | ध्वनि सिद्धान्त की प्रमुख स्थापनाएं ध्वनि सिद्धान्त (सम्प्रदाय) ध्वनि सिद्धान्त भारतीय काव्यशास्त्र का एक सम्प्रदाय ...
अमरकांत की कहानी-कला | राष्ट्रीय चेतना और जिस लाहौर नइ देख्या ओ जम्याइ नई अमरकांत की कहानी-कला अमरकांत को प्रेमचंद की परंपरा का सच्चा उत्तराधिकारी माना जाता है। प्रेमचंद के ...
हिंदी-साहित्य में ‘आत्मकथा’ के स्वरूप एवं विकास | हिंदी-साहित्य में संस्मरण के स्वरूप और विकास हिंदी-साहित्य में ‘आत्मकथा’ के स्वरूप एवं विकास ‘आत्मकथा’ हिंदी साहित्य की अधुनातन किंतु सशक्त गद्य-विधा ...