मुगलकला की विशेषताएँ | मुगलकला की शैली | मुगलकालीन वास्तुकला की रूपरेखा

मुगलकला की विशेषताएँ | मुगलकला की शैली | मुगलकालीन वास्तुकला की रूपरेखा मुगलकला की विशेषताएँ एवं शैली भारतीय स्थापत्य कला का पूर्ण विकास हमें मुगल साम्राज्य में विशेष रूप से मिलता है। क्योंकि मुगल शासकों ने इस कला को तथा कलाकारों को प्रोत्साहन एवं संरक्षण देकर अपनी अभिरुचि का स्वतन्त्र रूप में प्रदर्शन किया। मुगल…

अकबर के साम्राज्य का विस्तार | अकबर के साम्राज्य का सुदृढीकरण

अकबर के साम्राज्य का विस्तार | अकबर के साम्राज्य का सुदृढीकरण अकबर के साम्राज्य का विस्तार साम्राज्य का सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार (Strengthening and Expansion of the Empire) आंतरिक कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने के पश्चात् अकबर ने साम्राज्य विस्तार की नीति अपनाई। वह एक महत्वाकांक्षी शासक था। भारत की तत्कालीन राजनीतिक परिस्थितियों में जब मुगल…

मुगल साम्राज्य के पतन का कारण | The reason for the decline of the Mughal Empire in Hindi

मुगल साम्राज्य के पतन का कारण | The reason for the decline of the Mughal Empire in Hindi मुगल साम्राज्य के पतन का कारण 18 वीं शताब्दी के पूर्वाद्ध के दौरान मुगल साम्राज्य का पतन और विघटन हो गया। मुगल बादशाहों ने अपनी सत्ता और महिमा खोदी और उनका साम्राज्य दिल्ली के इर्द-गिर्द ही कुछ…

शिवाजी के उत्तराधिकारी | शिवाजी के कार्यों का एक मूल्यांकन

शिवाजी के उत्तराधिकारी | शिवाजी के कार्यों का एक मूल्यांकन शिवाजी के उत्तराधिकारी शिवाजी की मृत्यु के पश्चात् उनका उत्तराधिकारी उनका ज्येष्ठ पुत्र शंभाजी बना। शंभाजी में शिवाजी जैसे गुण नहीं थे। वह विवेकहीन और उच्छंखल नवयुवक था। इसलिए, अनेक मराठा सरदार शंभाजी को छत्रपति के रूप में स्वीकार करने को तैयार नहीं थे। एक…

मुगल साम्राज्य के पतन में दरबार की राजनीति | मुगल साम्राज्य के पतन में बाहा आक्रमण | मुगल साम्राज्य के पतन में स्वतन्त्र राज्य की स्थापना की भूमिका

मुगल साम्राज्य के पतन में दरबार की राजनीति | मुगल साम्राज्य के पतन में बाहा आक्रमण | मुगल साम्राज्य के पतन में स्वतन्त्र राज्य की स्थापना की भूमिका मुगल साम्राज्य के पतन में दरबार की राजनीति मार्च 1707 में औरंगजेब की मृत्यु के साथ ही मुगल इतिहास ने एक नया मोड़ लिया। औरंगजेब के समय…

शिवाजी के पश्चात् मराठों का इतिहास | शिवाजी  के पश्चात् मराठों के पतन के कारण

शिवाजी के पश्चात् मराठों का इतिहास | शिवाजी  के पश्चात् मराठों के पतन के कारण शिवाजी के पश्चात् मराठों का इतिहास (History of the Marathas after Shivaji 1680-1761) 1680 ई० में शिवाजी को मृत्यु के पश्चात् मुगलों ने मराठों पर अपना दबाव पुनः बढ़ा दिया। मुगल अत्याचारों के विरुद्ध मराठों ने एक लंबा संघर्ष चलाया।…

शिवाजी की प्रशासनिक व्यवस्था | शिवाजी की शासन-व्यवस्था | एक प्रशासक एवं संगठनकर्ता के रूप में शिवाजी का मूल्यांकन

शिवाजी की प्रशासनिक व्यवस्था | शिवाजी की शासन-व्यवस्था | एक प्रशासक एवं संगठनकर्ता के रूप में शिवाजी का मूल्यांकन शिवाजी की प्रशासनिक व्यवस्था शिवाजी एक अच्छे सेनानायक के साथ-साथ उच्च कोटि के सफल प्रशासक भी थे। डा० आर० सी० मजूमदार ने लिखा है, “वह केवल एक निर्भीक सैनिक तथा सफल सैनिक विजेता ही न था…

शिवाजी की उपलब्धियां | शिवाजी की उपलब्धियों का आलोचनात्मक परीक्षण

शिवाजी की उपलब्धियां | शिवाजी की उपलब्धियों का आलोचनात्मक परीक्षण शिवाजी की उपलब्धियां मराठे दक्षिण में अनादिकाल से निर्वसित थे, किन्तु मात्र प्रजावत जीवनयापन कर रहे थे। 15वीं शताब्दी में वहाँ कुछ धार्मिक सुधारक एवं प्रचारक पैदा हुए जिनमें एकनाथ, तुकाराम एवं रामदास के नाम प्रमुख है। इन सन्तों ने अपनी ओजस्वी वाणी में इस…

शाहजहाँ की मध्य एशियाई नीति | बल्ख तथा बदखशाँ पर आक्रमण | शाहजहाँ की मध्य एशिया की नीति की आलोचना

शाहजहाँ की मध्य एशियाई नीति | बल्ख तथा बदखशाँ पर आक्रमण | शाहजहाँ की मध्य एशिया की नीति की आलोचना शाहजहाँ की मध्य एशियाई नीति- मुगलों का मूल निवास-स्थान मध्य एशिया में ट्रान्स-ऑक्सियाना में था। अतः इस वंश में प्रारम्भिक शासक अपनी पैतृक सम्पत्ति प्राप्त कर इस पर शासन करने की उत्कृष्ट इच्छा रखते थे।…