उपसर्ग एवं प्रत्यय | हिन्दी के तत्सम, तदभव एवं अर्धतत्सम शब्द | कारक चिन्ह एवं विभक्ति | कारक चिह्न

उपसर्ग एवं प्रत्यय | हिन्दी के तत्सम, तदभव एवं अर्धतत्सम शब्द | कारक चिन्ह एवं विभक्ति | कारक चिह्न उपसर्ग एवं प्रत्यय उपसर्ग की परिभाषा- उपसर्ग शब्द का निर्माण उप+सृज+घञ से हुआ है जिसका अर्थ है, पास छोड़ा हुआ। किसी शब्द में अर्थ का परिवर्तन लाने के लिए उपसर्ग को उस शब्द के पूर्व जोड़ा…

हिन्दी की उपभाषाएं | पश्चिमी हिन्दी | बिहारी हिन्दी | हरियाणी या बाँगरू | पहाड़ी हिन्दी की बोलियां

हिन्दी की उपभाषाएं | पश्चिमी हिन्दी | बिहारी हिन्दी | हरियाणी या बाँगरू | पहाड़ी हिन्दी की बोलियां हिन्दी की उपभाषाएं उपभाषाएं- आधुनिक भाषाओं के विकास के पूर्व इस प्रदेशम मुख्यतः पांच प्राकृतें प्रचलित थीं। उपनागर अपभ्रंश से राजस्थानी, शौरसेनी से पश्चिमी हिन्दी, अर्द्धमागधी से पूर्वी हिन्दी, मागधी से बिहारी हिन्दी, खस से पहाड़ी हिन्दी…

राजभाषा एव राष्ट्रभाषा | संचार भाषा | सम्पर्क भाषा

राजभाषा एव राष्ट्रभाषा | संचार भाषा | सम्पर्क भाषा राजभाषा एव राष्ट्रभाषा राजभाषा- दीर्घकालीन संघर्ष के परिणामस्वरूप संविधान के अनुच्छेद 343 खंड 1 के अनुसार संघ की भाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी घोषित की गई। भारतीय संविधान में हिन्दी को भी राष्ट्रभाषा नहीं कहा गया है। उसे संघ की राजभाषा या संघ की भाषा घोषित…

महाराष्ट्री प्राकृत | महाराष्ट्री प्राकृत की विशेषताएं

महाराष्ट्री प्राकृत | महाराष्ट्री प्राकृत की विशेषताएं महाराष्ट्री प्राकृत विद्वानों ने प्राकृत भाषा के जो भेद् बताये हैं, उनमें से महाराष्ट्री प्राकृत भी एक है। साहित्य की दृष्टि से महाराष्ट्री प्राकृत, प्राकृत भाषा के अन्य भेदों की अपेक्षा अधिक समृद्ध है। इनकी समृद्धि का समर्थन करते हुए डॉ० रामअवध पाण्डेय एवं डॉ0 रविनाथ मिश्र ने…

प्रतीक का उद्भव एंव विकास | प्रतीक का अर्थ | प्रतीकों का वर्गीकरण | प्रतीक योजना का आधार | काव्य में प्रतीकों का महत्व

प्रतीक का उद्भव एंव विकास | प्रतीक का अर्थ | प्रतीकों का वर्गीकरण | प्रतीक योजना का आधार | काव्य में प्रतीकों का महत्व प्रतीक का उद्भव एंव विकास काव्य में प्रतीक के उद्भव एवं विकास के विषय में भी लोगों के मत समान नहीं हैं। कुछ उन्हें  उतना ही प्राचीन मानने के पक्ष में…

राष्ट्रभाषा हिन्दी की समस्याएँ | राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी का भविष्य

राष्ट्रभाषा हिन्दी की समस्याएँ | राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी का भविष्य राष्ट्रभाषा हिन्दी की समस्याएँ हिन्दी भारत की प्रमुख भाषा है जो इस देश के बहुसंख्यक लोगों द्वारा बोली जाती है। मोटे तौर पर इसे बोलने वालों की संख्या 50 करोड़ के आस-पास है। उत्तर भारत के हिन्दी भाषी राज्यों-उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा,…

परवर्ती अपभ्रंश या अवहट्ठ | अवहट्ठ की विशेषताएं | अवहट्ट भाषा की भाषिक विशेषताएँ | अवहट्ट भाषा की व्याकरणिक विशेषताएँ

परवर्ती अपभ्रंश या अवहट्ठ | अवहट्ठ की विशेषताएं | अवहट्ट भाषा की भाषिक विशेषताएँ | अवहट्ट भाषा की व्याकरणिक विशेषताएँ परवर्ती अपभ्रंश या अवहट्ठ प्राकृत-अपभ्रंश के रचनाकारों ने अपभ्रंश के लिए अवहसे, अवर्भस, अवहत्य आदि शब्दों का प्रयोग किया है। ये प्रयोग पाया बारहवीं शताब्दी के पूर्व के हैं। बारहवीं शताब्दी के बाद के अपभ्रंश…

पालि भाषा की व्युत्पत्ति | पालिभाषा का प्रदेश | पालि-साहित्य | पालि की विशेषताएं

पालि भाषा की व्युत्पत्ति | पालिभाषा का प्रदेश | पालि-साहित्य | पालि की विशेषताएं पालि भाषा की व्युत्पत्ति (उदभव एवं विकास) आचार्य बुद्धघोष ने ‘अट्ठ कथाओं में ‘पालि’ शब्द का प्रयोग ‘बुद्ध-वचन’ या ‘मूल-त्रिपिटक के पाठ’ अर्थ में किया है। यथा-‘इमानि ताव पालियं अट्ठकथायंपन’ (विसुद्धमग्ग)। इसी प्रकार दीपवंस, चळवंश आदि में ‘पालि’ शब्द का प्रयोग…

प्राचीन भारतीय आर्य भाषा | वैदिक एवं लौकिक संस्कृत में साम्य एवं वैषम्य | वैदिक और लौकिक संस्कृत में अन्तर

प्राचीन भारतीय आर्य भाषा | वैदिक एवं लौकिक संस्कृत में साम्य एवं वैषम्य | वैदिक और लौकिक संस्कृत में अन्तर प्राचीन भारतीय आर्य भाषा- आचीन भारतीय आर्यभाषा काल का समय भाषा- विज्ञानविदों ने आर्यों के भारत प्रदेश से 500 ई. पू. तक माना है। इस युग की भाषा संस्कृत कहलाती है। इसके दो रूप मिलते…