यूनानी भूगोलवेत्ता

यूनानी भूगोलवेत्ता (Greek Geographers in hindi)

यूनानी भूगोलवेत्ता (Greek Geographers in hindi) पृथ्वी के विभिन्न भागों के पर्यावरण और उनके निवासियों की जीवन पद्धति पर वर्णनात्मक लेखन का आरंभ यूनान में नौवीं शताब्दी ईसा पूर्व में हो गया था । तत्कालीन महाकवि होमर (Homer) की दो काव्य रचनाओं में महत्वपूर्ण भौगोलिक वर्णन मिलते हैं। इसके पश्चात् के वर्षों में थेल्स (Thales),…

प्राचीन भारत के भूगोलवेत्ता

प्राचीन भारत के भूगोलवेत्ता (Geographers of Ancient India in hindi)

प्राचीन भारत के भूगोलवेत्ता (Geographers of Ancient India in hindi) विश्व का प्राचीनतम ज्ञान भारतीय प्राचीन ग्रन्थों में मिलता है । रामायण और महाभारत काल से लेकर बारहवीं शती ईस्वी तक अनेक भारतीय विद्वानों ने विभिन्न भौगोलिक पक्षों का वर्णन अपने-अपने ग्रंथों में किया है। प्राचीन काल में भूगोल नाम का कोई अलग विषय नहीं…

WORLD GEOGRAPHY Objective Book

WORLD GEOGRAPHY Objective Book | Applicable For All Competitive Exams

WORLD GEOGRAPHY Objective Book Applicable For All Competitive Exams 1650+ Sure Questions ________________________________ Contents ________________________________ QUESTIONS WITH ANSWERS The Universe The Earth Atmosphere Seasons on Earth / Facts on Agriculture, Minerals and Industries Rocks and Mountains The Water World / Facts and Countries Fundamental of World Geography  Book Details Objective Question Answer Book Applicable For All…

Contribution of banaras school in Geography

Contribution of banaras school in Geography | Contribution of R.L. singh, Kashi nath singh, rana p.b singh

Contribution of banaras school in Geography | Contribution of R.L. singh, Kashi nath singh, rana p.b singh Introduction In India the genetic approach has been initiated by Prof. R.L. Singh , known as the founder of Banaras School of Settlement Geography.     He developed his fundamental concept to “analyse the sequence of change in the cultural landscape” during…

नगरीय अधिवास की विशेषताएँ

नगरीय अधिवास की विशेषताएँ | नगरों का कार्यों के अनुसार वर्गीकरण | नगरों में सुविधाएँ (गुण) | नगरों की समस्याएँ (दोष)

नगरीय अधिवास की विशेषताएँ | नगरों का कार्यों के अनुसार वर्गीकरण | नगरों में सुविधाएँ (गुण) | नगरों की समस्याएँ (दोष) अधिवास का अर्थ अधिवास से तात्पर्य घरों के समूह से है जहाँ मानव निवास करता है। घर मनुष्य की प्राथमिक आवश्यकताओं में से एक है। अधिवास में सभी प्रकार के मकान या भवन सम्मिलित होते…

शैल या चट्टान क्या है

शैल या चट्टान क्या है | चट्टानों का वर्गीकरण (प्रकार) | चट्टानों का आर्थिक महत्त्व

शैल या चट्टान क्या है | चट्टानों का वर्गीकरण (प्रकार) | चट्टानों का आर्थिक महत्त्व सामान्य रूप से भूतल की रचना जिन पदार्थों से हुई है, उन्हें चट्टान या शैल के नाम से पुकारते हैं। चट्टाने अनेक खनिज पदार्थों का सम्मिश्रण होती हैं। खनिज पदार्थों का यह सम्मिश्रण रासायनिक तत्त्वों का योग होता है। वर्तमान वैज्ञानिक…

कायान्तरित या रूपान्तरित चट्टानें

कायान्तरित या रूपान्तरित चट्टानें | रूप-परिवर्तन के कारण | कायान्तरित चट्टानों की विशेषताएँ | कायान्तरित चट्टानों का आर्थिक उपयोग (लाभ)

कायान्तरित या रूपान्तरित चट्टानें | रूप-परिवर्तन के कारण | कायान्तरित चट्टानों की विशेषताएँ | कायान्तरित चट्टानों का आर्थिक उपयोग (लाभ) अंग्रेजी भाषा में इन्हें ‘मेटामोरफिक’ कहा जाता है। ‘मेटामोरफिक’ शब्द मेटा एवं मार्फे शब्दों के सम्मिलन से बना है। अत: मेटा का अर्थ परिवर्तन तथा मार्फे का अर्थ रूप से है अर्थात् “जिन चट्टानों में…

अवसादी या परतदार चट्टानें

अवसादी या परतदार चट्टानें | अवसादी चट्टानों की विशेषताएँ | अवसादी चट्टानों का वर्गीकरण | अवसादी चट्टानों का आर्थिक उपयोग (लाभ)

अवसादी या परतदार चट्टानें | अवसादी चट्टानों की विशेषताएँ | अवसादी चट्टानों का वर्गीकरण | अवसादी चट्टानों का आर्थिक उपयोग (लाभ) भूतल के 75% भाग पर अवसादी या परतदार चट्टानों का विस्तार है, शेष 25% भाग में आग्नेय एवं कायान्तरित चट्टानें विस्तृत हैं। इन चट्टानों का निर्माण अवसादों के एकत्रीकरण से हुआ है। अपक्षय एवं…

आग्नेय चट्टान

आग्नेय चट्टान | आग्नेय चट्टानों की विशेषताएँ | आग्नेय चट्टानों का वर्गीकरण | आग्नेय चट्टानों का आर्थिक उपयोग (लाभ)

आग्नेय चट्टान | आग्नेय चट्टानों की विशेषताएँ | आग्नेय चट्टानों का वर्गीकरण | आग्नेय चट्टानों का आर्थिक उपयोग (लाभ) ‘आग्नेय’ शब्द लैटिन भाषा के Igneous शब्द का रूपान्तरण है, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘अग्नि’ से होता है। भूगोलवेत्ताओं का विचार है कि प्रारम्भ में सम्पूर्ण पृथ्वी आग का तपता हुआ गोला थी, यह धीरे-धीरे ठण्डी होकर…