प्रकृतिवाद क्या है

प्रकृतिवाद क्या है | प्रकृतिवादी शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ | प्रकृतिवादी पाठ्यक्रम के सामान्य तत्व

प्रकृतिवाद क्या है | प्रकृतिवादी शिक्षा की प्रमुख विशेषताएँ | प्रकृतिवादी पाठ्यक्रम के सामान्य तत्व प्रकृतिवाद  प्रकृतिवादी विचारधारा के विचारक प्रकृति या सृष्टि को ही सम्पूर्ण तत्व मानते हैं, आध्यात्मिक या ईश्वरीय सत्ता को नहीं। जॉइस ने लिखा है कि, “प्रकृतिवादी दर्शन या प्रकृतिवादी विचारधारा एक ऐसी विचारधारा है जिसकी प्रमुख विशेषता प्रकृति तथा मनुष्य…

प्रकृतिवाद में रूसो एवं टैगोर का योगदान

प्रकृतिवाद में रूसो एवं टैगोर का योगदान | प्रकृतिवाद में रूसो का योगदान | प्रकृतिवाद में टैगोर का योगदान

प्रकृतिवाद में रूसो एवं टैगोर का योगदान | प्रकृतिवाद में रूसो का योगदान | प्रकृतिवाद में टैगोर का योगदान प्रकृतिवाद में रूसो का योगदान रूसो का शिक्षा के प्रति विचार यह था कि “सच्ची शिक्षा वह है जो ब लक की प्रकृति का विकास करे।” रूसो ने अपनी पुस्तक “एमील में लिखा है कि “प्रत्येक…

सुकरात का शिक्षा दर्शन

सुकरात का शिक्षा दर्शन | सुकरात की शिक्षण पद्धति

सुकरात का शिक्षा दर्शन | सुकरात की शिक्षण पद्धति सुकरात का शिक्षा दर्शन – सोफिस्टो ने मनुष्य को दार्शनिक विवेचन का केन्द्र माना था। सुकरात का भी विचार ऐसा ही था। वह भी नैतिक प्रश्नों को बड़ा महत्त्व देता था। फिर भी दोनों के विचारों में अन्तर था। सोफिस्टों ने सत्यम् एवं शिवम् को व्यक्ति…

आदर्शवाद की परिभाषा

आदर्शवाद की परिभाषा | आदर्शवाद के मूल सिद्धान्त

आदर्शवाद की परिभाषा | आदर्शवाद के मूल सिद्धान्त आदर्शवाद को विद्वानों ने भिन्न-भिन्न रूप में परिभाषित किया है। यहाँ उन सब परिभाषाओं को प्रस्तुत करना सम्भव नहीं। उस सबके विषय में हम इतना अवश्य कहना चाहेंगे। कि उनमें आदर्शवाद के किसी एक अथवा कुछ मूल सिद्धान्तों पर ही बल दिया गया है, वे उसको उसके…

रूसो की निषेधात्मक शिक्षा

रूसो की निषेधात्मक शिक्षा | निषेधात्मक शिक्षा क्या है रूसो के शब्दों में बताइये

रूसो की निषेधात्मक शिक्षा | निषेधात्मक शिक्षा क्या है रूसो के शब्दों में बताइये रूसो की निषेधात्मक शिक्षा पर संक्षिप्त लेख लिखिये। जिस समय रूसों का शिक्षा-क्षेत्र में पदार्पण हुआ, उस समय शिक्षा में अनेक दोष थे। तत्कालीन समाज आदर्शवादी था। लोगों की धारणा थी कि बच्चा पाप की सन्तान है इसलिए उसे शुद्ध बनाना…

जॉन डीवी के प्रयोजनवादी शिक्षा

जॉन डीवी के प्रयोजनवादी शिक्षा | जॉन डीवी की प्रयोजनवादी शिक्षा का अर्थ

जॉन डीवी के प्रयोजनवादी शिक्षा | जॉन डीवी की प्रयोजनवादी शिक्षा का अर्थ जॉन डीवी के प्रयोजनवादी शिक्षा का सविस्तार वर्णन कीजिये। प्रयोजनवादी अंग्रेजी के प्रेग्मेटिज्म (Pragmatism) शब्द का हिन्दी अनुवाद है। इस शब्द के हिन्दी अनुवाद के विषय में भी बड़ा झमेला है। हिन्दी की पुस्तकों में प्रैग्मेटिज्म के लिए प्रयोगवाद, प्रयोजनेवाद, व्यवहारवाद, उपयोगितावाद,…

आदर्शवाद में शिक्षा के उद्देश्य

आदर्शवाद में शिक्षा के उद्देश्य | आदर्शवाद में शिक्षा के सम्प्रत्यय

आदर्शवाद में शिक्षा के उद्देश्य | आदर्शवाद में शिक्षा के सम्प्रत्यय | आदर्शवाद में शिक्षा के सम्प्रत्यय तथा शिक्षा के उद्देश्य का विवरण दीजिए। आदर्शवाद ने शिक्षा को बहुत प्रभावित किया है। इस बीच संसार में अनेक परिवर्तन हुए हैं, अनेक विचारधाराओं ने जन्म लिया है और उन्होंने शिक्षा पर अपना-अपना प्रभाव भी डाला है,…

मानव निर्माण शिक्षा में स्वामी विवेकानन्द का योगदान

मानव निर्माण शिक्षा में स्वामी विवेकानन्द का योगदान | मानव निर्माण शिक्षा के प्रमुख उद्देश्य

मानव निर्माण शिक्षा में स्वामी विवेकानन्द का योगदान | मानव निर्माण शिक्षा के प्रमुख उद्देश्य मानव निर्माण शिक्षा में स्वामी जी का योगदान स्वामी जी का सम्पूर्ण जीवन ही मानव-निर्माण शिक्षा के लिए समर्पित रहा है। वेदान्त दर्शन को जन-जन के लिए व्यावहारिक स्वरूप प्रदान करना, जीवन में धर्म और अध्यात्म की श्रेष्ठता को स्थापित…

विवेकानन्द का शिक्षा दर्शन

विवेकानन्द का शिक्षा दर्शन शिक्षाशास्त्री के रूप में | विवकानन्द के अनुसार शिक्षा के पाठ्यक्रम और शिक्षण विधियां

विवेकानन्द का शिक्षा दर्शन शिक्षाशास्त्री के रूप में | विवकानन्द के अनुसार शिक्षा के पाठ्यक्रम और शिक्षण विधियां स्वामी विवेकानन्द जी को एक महान शिक्षाशास्त्री के रूप में माना जाता है। उनके अनुसार शिक्षा का लक्ष्य मनुष्य-निर्माण करना है। अर्थात् शिक्षा इस प्रकार की होनी चाहिए जो बालकों के व्यक्तित्व का संतुलित विकास करते हुए…