एक दुराशा निबन्ध का सारांश | बालमुकुन्द गुप्त की भाषा-शैली एक दुराशा निबन्ध का सारांश भंग की तरंग में मस्त शिवशम्भु के मानसिक घोड़े वा से कुलांचे भर रहे थे ...
बाल मुकुंद गुप्त की निबंध शैली | बालमुकुन्द गुप्त की निबन्ध शैली की विशेषताएँ बाल मुकुंद गुप्त की निबंध शैली हिन्दी निबन्ध जगत् में बालमुकुन्द गुप्त पत्रकार और निबन्धकार दोनों ...
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी का परिचय | भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की प्रमुख रचनाएँ | भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की निबंध शैली भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी का परिचय- युग प्रवर्तक भारतेन्दु आधुनिक हिन्दी साहित्य की ऐसी ...
एक दुराशा | बालमुकंद गुप्त – एक दुराशा | फणीश्वर नाथ रेणु – ‘तीसरी कसम’ के सेट पर तीन दिन एक दुराशा – बालमुकंद गुप्त “द्वितीया के चन्द्र की भाँति-कभी-कभी ...
कुटज सन्दर्भः– प्रसंग- व्याख्या | हजारी प्रसाद द्विवेदी – कुटज कुटज भारतीय पंडितों का सैकड़ों बार का कचारा-निचोड़ प्रश्न सामने आ गया रूप मुख्य है या नाम? नाम बड़ा है ...
भारत वर्षोन्नति कैसे हो सकती है सन्दर्भः– प्रसंग- व्याख्या | भारन्तेन्दु हरिश्चन्द्र भारत वर्षोन्नति कैसे हो सकती है भारत वर्षोन्नति कैसे हो सकती है हम नहीं समझते कि इनकों लाज ...
सम्पादन के आधारभूत तत्व | सम्पादन कला सम्पादन के आधारभूत तत्व पत्रकारिता अपने मूल रूप में ऐसे लेखन में निहित रहती है, जो पाठक को उसे आद्योपान्त पढ़ने के लिये ...
अनुवाद के क्षेत्र | अनुवाद का क्षेत्र राष्ट्रीय ही नहीं वरन् अन्तर्राष्ट्रीय है अनुवाद के क्षेत्र वर्तमान युग में अनुवाद का क्षेत्र बातचीत अथवा वार्तालाप का है। कहते हैं कि ...
सम्पादकीय | सम्पादकीय की संरचना | सम्पादकीय की भाषा शैली | सम्पादक समाचार पत्र का प्रमुखी शिल्पी सम्पादकीय समाचार-पत्रों के विकास में दिनोदिन अभिवृद्धि के लिए संगठन का प्रश्न अत्यन्त ...
समाचार लेखन | समाचार लेखन की परिभाषा | समाचार की कुछ परिभाषाएँ | समाचार के प्रमुख तत्व | समाचार लेखन की प्रक्रिया | वैविध्यपूर्ण समाचार लेखन | समाचार का प्रारूप ...
मुद्रित माध्यम के लिए समाचार लेखन का प्रारूप | मुद्रित माध्यम के लिए समाचार लेखन की प्रविधि मुद्रित माध्यम के लिए समाचार लेखन का प्रारूप “समाचार पत्रों का लेखन जीवन ...
वैश्विक परिप्रेक्ष्य में अनुवाद का महत्व | रोजगार के क्षेत्र में अनुवाद का महत्व वैश्विक परिप्रेक्ष्य में अनुवाद का महत्व ‘भूमण्डलीकरण‘, ‘वसुधैव कुटुम्बकम् ‘ का ताजा संस्करण है लेकिन ‘वसुधैव ...
पारिभाषित शब्द | पारिभाषिक शब्द के प्रकार | पारिभाषित शब्दों की आवश्यकता पारिभाषित शब्द भारतीय भाषा वैज्ञानिकों ने भी परिभाषिक शब्दों को समझने की कोशिश की है। मशहूर कोश विज्ञानी ...
राष्ट्रभाषा | राजभाषा | राष्ट्रभाषा और राजभाषा का अन्तर राष्ट्रभाषा हिन्दी के संबंध में सुभाषचन्द्र बोस, बंकिमचन्द्र, रवीन्द्रनाथ टैगोर सभी का अभिमत था, कि इसे राष्ट्रभाषा होना चाहिए। 1938 ई. ...
प्रतिवेदन से अभिप्राय | प्रतिवेदन का स्वरूप | प्रतिवेदन के प्रकार प्रतिवेदन से अभिप्राय किसी व्यक्ति, वस्तु, पटना के सोद्देश्य सूक्ष्य निरीक्षणोपरांत तैयार किया गया यह सम्पूर्ण विवरण प्रतिवेदन कहलाता ...
प्रयोजनमूलक हिन्दी | प्रयोजनमूलक हिन्दी की प्रमुख प्रयुक्तियाँ प्रयोजनमूलक हिन्दी सामान्य हिन्दी की नीव पर प्रयोजनमूलक हिन्दी का भवन निर्मित होता है। अब तो साहित्यिक हिन्दी के समानान्तर प्रयोजनमूलक हिन्दी ...
हिन्दी की सांविधानिक स्थिति | प्रादेशिक भाषाएँ | राज्य की राजभाषा | राजभाषाएँ हिन्दी की सांविधानिक स्थिति 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान को क्रियान्वित किया गया था। इस संविधान ...
सामान्य सरकारी पत्रों के प्रकार | औपचारिक पत्र | अनौपचारिक पत्र सामान्य सरकारी पत्रों के छह प्रकार यह सरकारी कार्यालयों में पत्र व्यवहार का सबसे सामान्य रूप है। यहां यह ...
संक्षेपण के गुण | संक्षेपण के विशेषताएँ | टिप्पणी की विशेषताए | प्रतिवेदन की विशेषताएं संक्षेपण के गुण या विशेषताएँ- संक्षेपण एक प्रकार का मानसिक प्रशिक्षण हैं, मानसिक व्यायाम भी। ...