राजनीति विज्ञान / Political Science

मैकियावेली आधुनिक विचारक के रूप में | प्रथम आधुनिक विचारक – मैकियावेली ? | मैकियावेली प्रथम आधुनिक राजनीतिक विचारक

मैकियावेली आधुनिक विचारक के रूप में | प्रथम आधुनिक विचारक – मैकियावेली ? | मैकियावेली प्रथम आधुनिक राजनीतिक विचारक

मैकियावेली आधुनिक विचारक के रूप में

(Machiavelli as a Modern Thinker)

मैकियावेली को आधुनिक राजनीति का जनक कहा जाता है। इसका अभिप्राय यह है कि उसके विचारों ने आधुनिक राजनीतिक विचारों को बहुत अधिक प्रभावित किया है। इसी प्रभाव के कारण कुछ समालोचक मैकियावेली को आधुनिक युग का प्रथम विचारक बताते हैं और कुछ उसे मध्ययुग का अन्तिम विचारक मानना उचित समझते हैं। परन्तु मैकियावेली न तो केवल मध्ययुग की प्रवृत्तियों का प्रतिनिधित्व करता है और न पूर्णत: आधुनिक युग का। उसके विचारों में दोनों युगों की छाया दृष्टिगत होती है। निम्नलिखित कारणों से उसे आधुनिक राजनीति का पिता कहते हैं-

(1) वैज्ञानिक अध्ययन पद्धति का प्रयोग-

मैकियावेली प्रथम विचारक था जिसने वैज्ञानिक पद्धतियों के आधार पर अपने राजनीतिक सिद्धान्त प्रतिपादित किए। उसने अपने अध्ययन में पर्यवेक्षण, ऐतिहासिक, तुलनात्मक पद्धतियों का प्रयोग किया। वास्तव में वह  यथार्थवादी था तथा और कोरी कल्पना में विश्वास नहीं करता था।

(2) संप्रभुता का सिद्धान्त-

मैकियावेली ही मध्ययुग का पहला विचारक था जिसने प्रभुसत्ता पर अपने विचार व्यक्त किये, यद्यपि उसके इन विचारों में वैज्ञानिकता का अभाव है। फिर भी उसने निरंकुश राजतन्त्र शासन प्रणाली का समर्थन करके निरंकुश प्रभुसत्ता की धारणा का प्रतिपादन किया जिसे आगे के विचारकों ने विकसित किया।

(3) मानव स्वभाव सम्बन्धी धारणा-

मैकियावेली ने मानव स्वभाव का जो चित्रण किया है वह यथार्थवाद पर आधारित है। वह मनुष्य के स्वभावगत दोषों का उल्लेख करता है और इन दोषों के कारण राज्य की उत्पत्ति मानता है। मानव स्वभाव के आधार पर वह यह कहता है कि शासक को भय का वातावरण उत्पन्न कर देना चाहिए ताकि लोग उसकी आज्ञाओं का पालन करते रहें।

(4) राष्ट्रीय-राज्य सम्बन्धी विचार-

मैकियावेली को राष्ट्रवाद की भावना का जनक कहा जा सकता है। उसने सामन्तवादी राज्यों के स्थान पर राष्ट्रीय राज्यों को अच्छा बताया और यह कहा कि राष्ट्रीय एकता से ही इटली का कल्याण हो सकता है। इसी कारण वह राष्ट्रीय एकता की स्थापना करना शासक का अनिवार्य कर्त्तव्य मानता है।

(5) लौकिक राज्य की कल्पना-

मैकियावेली की राज्य सम्बन्धी धारणा में भी आधुनिकता की झलक मिलती है। वह राज्य पर धर्म का नियंत्रण स्वीकार नहीं करता। वह राज्य को धर्म एवं नैतिकता के बन्धनों से मुक्त कर देता है। वह राज्य को सर्वोच्च स्थान देता है और चर्च को राज्य का एक विभाग मानता है।

(6) कानून की धारणा-

मैकियावेली ईश्वरीय या प्राकृतिक कानून को मान्यता नहीं देता। उसके अनुसार शासक का आदेश ही कानून है। इस प्रकार मैकियावेली ने कानून की मध्ययुगीन धारणा को अमान्य करके आधुनिक मत प्रतिपादित किया ।

(7) राजनीति को धर्म एवं नैतिकता से पृथक् करना-

मध्ययुग में धर्म की राजनीति का आधार माना जाता था। मैकियावेली प्रथम विचारक था जिसने यह कहा कि धर्म का राज्य से कोई सम्बन्ध नहीं है। वास्तव में वह धर्म विरोधी नहीं था, वह तो राज्य को धर्मविहीन बनाना चाहता था। इस प्रकार मैकियावेली ने लौकिक राज्य की धारणा को जन्म दिया और इस कारण उसे निश्चय ही आधुनिक विचारक कहा जा सकता है।

(8) व्यक्तिवाद की धारणा-

मैकियावेली के राजनीतिक विचारों में हमें व्यक्तिवाद की झलक दिखाई देती है। वह शासकों को आदेश देता है कि उसे नागरिकों के जीवन एवं सम्पत्ति की सुरक्षा का समुचित प्रबन्ध करना चाहिए। उसका वह विचार व्यक्तिवादी धारणा के काफी निकट है।

निष्कर्ष-

उपरोक्त विवरण से स्पष्ट है कि मैकियावेली के राजनीतिक विचारों में आधुनिकता की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। इसी कारण उसे आधुनिक युग का प्रथम राजनीतिक विचारक माना जाता है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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