सामान्य ज्ञान / General knowledge

कोरोना वायरस | Coronavirus in Hindi

कोरोना वायरस | Coronavirus in Hindi

कोरोना वायरस (Coronavirus) की शुरुआत भारत मे – बिहार के छपरा के रहने वाली एक लड़की चीन से होकर लौटती है तो उसमें जुखाम जैसे कुछ लक्षण दिखाई दिए देते है, और उसे फौरन पटना स्थित पटना मेडिकल कॉलेज ले जाया गया | जयपुर स्थित एक लड़के के साथ भी ऐसा हुआ | ऐसे केस को लगातार निगरानी में रखा जा रहा है और उनके ब्लड सैंपल पुणे स्थिति इंस्टिट्यूट आफ वायरोलॉजी भेजे गए है | इतनी सावधानी की वजह है चीन का कोरोना वायरस जो अब सिर्फ चीन का ही न हो कर पूरी दुनिया का हो गया है |

नाम (वाइरस का नाम)

 चीन के वुहान शहर से निकलने के कारण इसे वुहान वायरस भी कहा जा रहा है | लेकिन विज्ञान के क्षेत्र में इसका नाम 2019 nCoV से है | इसे समझाना होता है तो हम कुछ इस तरह समझेंगे पहले हम इसके नाम को तोड़ तोड के समझेंगे, सबसे पहले पीछे से शुरुआत करेंगे वायरस क्या होता है तो हम ऐसे समझ सकते हैं कि हमारे आसपास बहुत सारे कीटाणु रहते हैं, और सबसे  खुराफाती कीटाणु वायरस सही मायने मे स्कूल का वह बच्चा है जो कभी अपना टिफिन नहीं ले आता है और बाकी बच्चों के टिफिन से खाना खाता है | हमारा शरीर बहुत सारे कोशिकाओं से मिलकर बना हुआ है यह सब अपना खाना खुद बनाते हैं | वायरस अपना खाना खुद नहीं बनाते हैं उनके द्वारा जैसे ही किसी सेल द्वारा खाना बनाते हुए देखा जाता है वह उन पर अटैक कर देते हैं | अटैक करने के बाद वायरस द्वारा उसी सेल से एनर्जी प्राप्त की जाती है, और इस एनर्जी को इकट्ठा करने के बाद ही वो अपने जैसे ही और कई सारे वायरस बनाने लगते हैं और इस तरह ही भारी संख्या में फैलने लगते हैं |  इनके फैलने की रफ्तार बहुत तेज होती है | इतनी की अपने आप में यह एक बहुत बड़ा पैमाना है जैसे कि हम कहते हैं जब कोई वस्तु बहुत तेजी से फैल रही होती है तो हम उसे वायरल होने की संज्ञा देते हैं उसी प्रकार यह वायरस बहुत तेज़ी से फैलता है |

कोरोना वायरस (Coronavirus) क्या है?

यह किसी एक वायरस का नाम नहीं है परंतु यह एक समूह है जिसे कोरोना वायरस (Coronavirus) कहा जाता है | इसकी खासियत यह है कि इन वायरस की बनावट अलग प्रकार की होती है ताज जैसी बनावट | यह अंग्रेजी के क्राउन शब्द से आया है क्राउन शब्द का अर्थ है ताज | इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप से देखने पर यह कोरोना वायरस (Coronavirus) रेशम आकृतियों से घिरे दिखते हैं जैसे किसी ने ताज पहन रखा हो | इस प्रकार इस वायरस के परिवार का नाम पड़ा कोरोना वायरस |

इस वायरस के केस ज्यादा तर जानवरों में ही देखे गए हैं जैसे की बिल्ली, चमगादड़ | इंसानों तक कोरोना वायरस (Coronavirus) की फैमिली की बहुत कम पहुंच है, और यदि इंसानों तक पहुंच भी जाते हैं तो यह उन्हें हल्का सा बुखार या सर्दी देकर खत्म हो जाते हैं अब तक इंसानों में बहुत कम गिनती के कोरोना वायरस पहुंच पाए हैं |

वर्तमान समय में 2019 nCoV वायरस द्वारा ही संपूर्ण विश्व में उत्पात मचाया जा रहा है | सर्वप्रथम केस 2019 दिसंबर में सामने आया था, इसलिए इसकी पहचान करने के लिए इस वायरस के नाम में शुरू में 2019 का प्रयोग किया गया है | नोबेल का मतलब नया 2019 nCoV वायरस इस फैमिली का सबसे नया सदस्य है इसलिए इसके साथ नोबेल शब्द का प्रयोग किया गया है यह बाद में समय अनुसार हटा दिया जाएगा |

कोरोना वायरस के लक्षण

जब भी किसी व्यक्ति के शरीर में किसी भी प्रकार का वायरस प्रवेश करता है तो हमारा शरीर उस वायरस सेल से तुरंत ही लड़ने लगता है | अब और हमारा शरीर इन वायरस को बाहर निकालने के लिए पूर्ण रूप से प्रयोग करता है जैसे की खासी आती है मुंह से बाहर निकालते वक्त, नाक से बाहर निकालते वक्त छीक आती है | यह वायरस श्वास नली के द्वारा अंदर की तरफ जाता है, इसलिए इस वायरस के होने के दौरान मनुष्य की श्वास नली मे बहुत तकलीफ होती है | इस वायरस के दौरान होने वाले जो लक्षण है वह किसी आम सर्दी जुखाम के लक्षणों जैसे ही होते हैं | वायरस के लक्षण जैसे कि बुखार, सूखी खांसी, मांसपेशियों में दर्द, सांस लेने में तकलीफ इत्यादि | बहुत ज्यादा अंदर तक इस वायरस के प्रवेश कर जाने के कारण शरीर को निमोनिया की शिकायत हो जाती है | निमोनिया का अर्थ है कि हमारे दोनों फेफड़ों तक इस वायरस का बहुत ज्यादा हद तक प्रभाव पड़ जाना | इस स्तर पर फेफड़ों के एक्सरे द्वारा हम इस वायरस की जांच कर सकते हैं | अभी तक जितने भी कोरोना वायरस के व्यक्ति जिनकी शोध की गई है उनके शोध द्वारा यह ज्ञात हुआ है कि उन सभी व्यक्तियों को निमोनिया था |

कोरोना वायरस जानवरों के बीच रहने वाले या जाने वाले ही व्यक्तियों को होता है परंतु बहुत हटके माना जाता है कि यह जानवरों द्वारा ही मनुष्य में आया है | इस वायरस के शुरुआती दौर में जो व्यक्ति प्रभावित हुए वह वही लोग थे, जो वहां एनिमल मार्केट होकर आए थे | इसलिए प्रारंभ में यह समझा गया कि यह कोरोना वायरस इन्हीं बाजारों द्वारा आया है | इससे पहले जो कोरोना वायरस (Coronavirus) थे वे चमगादड़ द्वारा ही फैलते थे, इसलिए इस बार भी समझा गया कि यह चमगादड़ द्वारा ही उद्भव में आया है | परंतु बाद में शोधकर्ता द्वारा 2019 में यह ज्ञात हुआ कि जेनेटिक सीक्वेंस द्वारा इसकी तुलना जानवरों में पाए जाने वाले दो सौ से ज्यादा कोरोना वायरस (Coronavirus) के जेनेटिक्स से की गयी और शोध से ज्ञात हुआ की यह 2019 nCoV वाइरस सापों द्वारा आया है परंतु ईसपे भी प्रश्न बने हुए हैं |

पहले यह समझा जाता था कि यह वायरस जानवर के द्वारा ही मनुष्य में पहुंच गए परंतु बाद में यह ज्ञात हुआ कि यह वायरस मनुष्य से मनुष्य को भी जाता है |

इसके संकर्मण से बचाने हेतु उपाय

हाथों को साफ पानी तथा साबुन से खूब अच्छे से धोना चाहिए | यदि खाँसी या जुखाम की समस्या है तो उस समय सावधानी बरतनी चाहिए तथा रुमाल का प्रयोग आवश्यक रूप से करना चाहिए | यदि किसी प्रकार के जुखाम के लक्षण देखने को प्राप्त होते हैं तो तुरंत अपने किसी नजदीकी अस्पताल मे संपर्क करें | मीट तथा अंडों को खाने से पूर्व खूब अच्छी तरह से पकाया जाना चाहिए | अभी तक इस वाइरस की कोई वैक्सीन या दावा की खोज नहीं हो पायी है |

About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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