गैलीलियो | Galileo – Facts, Discoveries & Biography

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गैलीलियो | Galileo – Facts, Discoveries & Biography

गैलीलियो Galileo

गैलीलियो Galileo - Facts, Discoveries & Biography

विज्ञान में परीक्षणों का सूत्रपात गैलीलियो Galileo को माना जाता है। पीसा के गिरजाघर की छत में एक कंडील झूल रहा था। गैलीलियो ने अपनी नब्ज पर हाथ रख कर यह कहा कि कंडील के इधर-उधर झूलने में कोई नियम काम कर रहा है। परीक्षणों से उसने परिणाम निकाला कि एक समान लंबे पेंडुलमों में से किसी को जोर से या धीरे झुलाया जाए तो भी वे एक ही रफ्तार से डोलते हैं। गैलीलियो उस समय 20 वर्ष का था और यही उसकी पहली वैज्ञानिक उपलब्धि थी।

गैलीलियो ने दूरबीन की सहायता से कोपरनिकस के सिद्धांत को सही पाया। सौर्यमंडल के अध्ययन में उनकी इतनी रुचि थी कि उन्होंने अनेक नए तथ्यों का भी पता लगाया। उनका जन्म इटली के पीसा नामक नगर में 1564 में हुआ था | शेक्सपीयर का जन्म भी इसी वर्ष हुआ था। पिता डॉ० थे और बेटे को भी डॉक्टर ही बनाना चाहते थे परंतु उनको विज्ञान में इतनी अधिक रूचि थी कि उन्होंने अपने पिता से कह दिया कि वह डॉक्टर ना बन सकेगा।

सौर्यमंडल के अध्ययन से उन्होंने बताया कि चांद के धब्बे उसमें विद्यमान पहाड़ और ज्वालामुखी हैं। उन्होंने सूर्य के धब्बों के संबंध में भी जानकारी दी। दूरबीन से अध्ययन करते हुए उन्होंने यह परिणाम भी निकाला कि तारे ग्रहों से दूर हैं और वे ग्रहों के साथ सूर्य की परिक्रमा नहीं करते। गैलीलियो ने यह भी बताया कि वृहस्पति के इर्ध गिर्ध अनेक चंद्रमा घूम रहे हैं।

गैलीलियो के जन्म स्थान पीसा में झुकी हुई एक मीनार है। उन्होंने अपना एक प्रसिद्ध परीक्षण वहीं से किया, जो वस्तुओं की गति के संबंध में है। उन्होंने मीनार से दो गोले एक साथ नीचे गिराए। इनमें एक हल्का था और दूसरा भारी। दर्शकों का विचार था कि भारी गोला धरती पर पहले गिरेगा परंतु उनके आश्चर्य की तब सीमा न रही जब दोनों गोली एक साथ नीचे गिरे। (यदि वायु का दबाव न हो अर्थात स्थान वायु रहित हो तो पंख और सिक्का दोनों एक साथ धरती पर गिरेंगे) उनका यह विचार भी था कि ज्यों-ज्यों कोई वस्तु पृथ्वी के अधिक निकट आती जाएगी, उसकी गति में तेजी आएगी।

गैलीलियो को सौर्यमंडल के अध्ययन में इतनी अधिक रूचि थी कि बार-बार सूर्य की ओर देखने के कारण उनकी आंखों की ज्योति जाती रही थी। 1638 तक वह पूरी तरह दृष्टि विहीन हो गए थे, परंतु उन्होंने विज्ञान संबंधी कार्य ना छोड़े। अपने परीक्षणों के संबंध में उन्होंने जो कुछ लिखा था, इसका प्रकाशन चर्च के विरोध के कारण न हो सका। उनके ग्रंथों का प्रकाशन तभी संभव हो सका जब चोरी-छिपे उन्होंने अपनी एक पांडुलिपि फ्रांस भेज दी।

गैलीलियो ने आयु भर परीक्षणों द्वारा प्राचीन अंधविश्वासों को समाप्त करने का प्रयत्न किया।

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