प्रसिद्ध वैज्ञानिक / Famous Scientists

निकोलस कोपरनिकस | Nicolaus Copernicus in Hindi

निकोलस कोपरनिकस | Nicolaus Copernicus in Hindi

निकोलस कोपरनिकस 

निकोलस कोपरनिकस Nicolaus Copernicus को खगोल विज्ञान का जनक का जनक भी कहा जाता है | निकोलस कोपरनिकस पोलैंड के रहने वाले थे | उनका जन्म 19 फरवरी, 1473 में तौरुन नामक नगर में हुआ था | वह केवल 12 वर्ष के थे जब उनके पिता का देहांत हो गया | उनके मामा पादरी थे और उन्होंने उन्हें धर्म शिक्षा दिलवा कर पादरी बना दिया | उनकी रुचि सौर्यमंडल की जानकारी प्राप्त करने में थी | इसलिए जब भी उन्हें समय मिलता तो देर रात गए वह मकान के सबसे ऊंचे भाग पर बैठ आकाश में देखा करते थे | उन्होंने गिरजाघर की ऊंची मीनार पर बैठकर खगोल का अध्ययन किया | बाद में उन्होंने एक टावर बनाया |

उन्होंने अपने अध्ययन से यह परिणाम निकाला कि इस सौरमंडल का केंद्र बिंदु पृथ्वी न होकर सूर्य है | उस समय तक यह विचार प्रचलित था कि सौरमंडल का केंद्र पृथ्वी है | वह अपनी धुरी पर स्थिर है और सूर्य समेत अन्य ग्रह उसके इर्ध गिर्द घूमते हैं | उस समय चर्च का बोलबाला था और वह और यह शिक्षा दी जाती थी कि सारे ग्रह पृथ्वी के इर्ध गिर्द घूमते हैं | किसी व्यक्ति के लिए चर्च का विरोध करना संकट मोल लेना था | चर्च द्वारा पुष्ट सिद्धांतों के विरुद्ध बोलने वाले को गद्दार समझा जाता था | इसलिए कोपरनिकस ने भी अपनी खोज बहुत से लोगों को नहीं बताई, उसका प्रकाशन रोके रखा |

उस समय दूरबीन का आविष्कार नहीं हुआ था | इसलिए भी सौर्यमंडल का अध्ययन कठिन था, परंतु कोपरनिकस ने अपने विश्वास और अध्ययन के कारण ग्रहों की चाल और उनकी दूरी की भी गणना की | वह ग्रहों का जितना अध्ययन करते उनका विश्वास दिनों दिन दृढ़ होता जाता कि सौर्यमंडल सूर्य केंद्रीय है, भूकेंद्रीय नहीं | अंत में अपनी वृद्धावस्था में जब वह बीमार पड़े तो रोटिकान नामक अपने एक जर्मन मित्र के आग्रह पर उन्होंने अपने विचार पुस्तकाकार कर प्रकाशित करवाए | आयु के अंतिम दिनों में उन्होंने अपनी पुस्तक ”रैवोल्यूशन” (प्रदक्षिणाए) लिखी | पुस्तक प्रकाशित होते ही कैथोलिक विचारों के लोगों में खलबली मची | इसलिए उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया | 1835 तक इस पुस्तक पर प्रतिबंध रहा | कोपरनिकस ने इस पुस्तक में पृथ्वी, चंद्रमा तथा अन्य ग्रहों नक्षत्रों की गतिविधियों का बड़ा गुप्त विवेचन है |

बाद में शक्तिशाली दूरबीनें बनी तो वैज्ञानिकों ने उनके सहारे अध्ययन किए, तो पाया कि कोपरनिकस के विचार सही थे | इसलिए यह कहा जाता है कि आधुनिक खगोल विज्ञान की आधारशिला कॉपरनिकस ने रखी |

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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