फ्रांस की पुरातन व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएं | Main features of the archaic system of France in Hindi

फ्रांस की पुरातन व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएं | Main features of the archaic system of France in Hindi फ्रांस की पुरातन व्यवस्था की प्रमुख विशेषताएं पुरातन व्यवस्था- कान्ति जब एक घटना के रूप में घटती है तो आकस्मिक अवश्य लगती है, लेकिन उसके बीज वर्षों से पनपते रहते हैं। एक लम्बी तैयारी के बिना विद्रोह…

शुंगों का उत्कर्ष | शकों एवं पल्लवों का इतिहास | शुंगों के उत्कर्ष पर एक संक्षिप्त टिप्पणी

शुंगों का उत्कर्ष | शकों एवं पल्लवों का इतिहास | शुंगों के उत्कर्ष पर एक संक्षिप्त टिप्पणी शुंगों का उत्कर्ष शुंग-वंशावली का परिचय देते हुए पुराण हमें सूचित करते हैं कि मौर्यवंशीय दस राजाओं ने 137 वर्षों तक राज्य किया जिसके बाद पृथ्वी शुंगों के अधिकार में चली गयी। अन्तिम मौर्य सम्राट बृहद्रथ का सेनापति…

प्रमुख मौखरी शासक | chief maukhari ruler in Hindi

प्रमुख मौखरी शासक | chief maukhari ruler in Hindi प्रमुख मौखरी शासक अनुवर्ती गुप्तों के राजकुल की संस्थापना कृष्णगुप्त ने सर्वप्रथम मगध से की थी। अफसढ़-अभिलेख में कृष्णगुप्त के विषय में लिखा है- “Krishnagupta was a king of good descent whose arm played the part of a lion, in bruising the foreheads of the array…

मौखरी राजवंश की उत्पत्ति | परवर्ती गुप्त-वंश एवं उनका मूल निवास-स्थान

मौखरी राजवंश की उत्पत्ति | परवर्ती गुप्त-वंश एवं उनका मूल निवास-स्थान मौखरी राजवंश की उत्पत्ति गुप्त काल के बाद उत्तर भारत में मौखरियों का राज्य एक प्रबल राजनीतिक शक्ति के रूप में विद्यमान हो गयी थी। (मौखरियों की प्राचीनता का प्रमाण पाणिनि, पतंजलि और मौर्यकालीन ब्राह्मी अक्षरों में अंकित एक मिट्टी की मुहर द्वारा प्राप्त…

चन्द्रगुप्त मौर्य | चन्द्रगुप्त द्वितीय की विजयें या उपलब्धियाँ | चन्द्रगुप्त द्वितीय का शासन-प्रबन्ध | चन्द्रगुप्त द्वितीय का मूल्यांकन

चन्द्रगुप्त मौर्य | चन्द्रगुप्त द्वितीय की विजयें या उपलब्धियाँ | चन्द्रगुप्त द्वितीय का शासन-प्रबन्ध | चन्द्रगुप्त द्वितीय का मूल्यांकन चन्द्रगुप्त मौर्य प्राम्भिक परिचय- चन्द्रगुप्त द्वितीय समुद्रगुप्त का पुत्र था। वह अपने भाइयों में सबसे अधिक योग्य तथा प्रभावशाली था। इसी से समुद्रगुप्त ने उसे अपना उत्तराधिकारी नियुक्त कर दिया था। वह सन् 375 से 380…

गुप्त वंश के इतिहास के स्रोत | गुप्त वंश के इतिहास के स्रोतों का उल्लेख

गुप्त वंश के इतिहास के स्रोत | गुप्त वंश के इतिहास के स्रोतों का उल्लेख गुप्त वंश के इतिहास के स्रोत (Principal sources of the Gupta’s History) गुप्तकालीन इतिहास जानने के लिए अनेक साधन उपलब्ध हैं। इन साधनों को निम्नलिखित तीन भागों में बाँटा जा सकता है। (I) साहित्यिक सामग्री, (II) पुरातत्त्व सामग्री एवं (III)…

गुप्तों की जाति | गुप्तों की उत्पत्ति | गुप्तों की प्राचीनता एवं आदिस्थान | गुप्त वंश का प्रारम्भिक विकास

गुप्तों की जाति | गुप्तों की उत्पत्ति | गुप्तों की प्राचीनता एवं आदिस्थान | गुप्त वंश का प्रारम्भिक विकास गुप्तों की जाति- गुप्तवंश की जाति का निर्धारण करना, भारतीय इतिहास की अन्य अनेक जटिलतम समस्याओं में से एक प्रमुख समस्या है। गुप्तवंश के विभिन्न साधनों तथा स्रोतों के आधार पर, विभिन्न इतिहासकारों ने अपने-अपने दृष्टिकोण…

बैक्ट्रियन यूनानी | भारत में इंडो-ग्रीक शासन के प्रभाव | भारत पर यूनानी आक्रमण | इंडो-ग्रीक शासकों की उपलब्धि

बैक्ट्रियन यूनानी | भारत में इंडो-ग्रीक शासन के प्रभाव | भारत पर यूनानी आक्रमण | इंडो-ग्रीक शासकों की उपलब्धि बैक्ट्रियन यूनानी भारत पर आक्रमण करते समय सिकन्दर महान ने बैक्ट्रिया में एक यूनानी उपनिवेश बसाया था। सिकन्दर की मृत्यु के पश्चात् उसके साम्राज्य का बंटवारा हुआ तथा बैक्ट्रिया और पार्थिया के प्रदेश सेल्यूकस को प्राप्त…

कुषाण कालीन भारत की दशा | कुषाणकालीन सभ्यता एवं संस्कृति

कुषाण कालीन भारत की दशा | कुषाणकालीन सभ्यता एवं संस्कृति कुषाण कालीन भारत की दशा कुषाण वंश का सबसे महान् सम्राट कनिष्क था जिसके शासन काल में उसके साम्राज्य के सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय उन्नति हुई। राजनीति के साथ सांस्कृतिक विकास उसके युग की एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि थी। कनिष्क के काल में साहित्य, कला, व्यापार,…