परस्पर अन्तःक्रिया प्रतिमान सिद्धान्त

परस्पर अन्तःक्रिया प्रतिमान सिद्धान्त |परस्पर अन्तःक्रिया प्रतिमान की विशेषतायें

परस्पर अन्तःक्रिया प्रतिमान सिद्धान्त | परस्पर अन्तःक्रिया प्रतिमान की विशेषतायें | Interactive interaction model theory | Features of interactive interaction model परस्पर अन्तःक्रिया प्रतिमान सिद्धान्त पर संक्षिप्त लेख परस्पर अन्तःक्रिया प्रतिमान  को फ्लैन्डर ने 1960 में विकसित किया। इस प्रतिमान में शिक्षण को छात्र और शिक्षक के बीच चलने वाली पारस्परिक क्रिया स्वीकार किया गया…

शिक्षण विधि का अर्थ एवं परिभाषा

शिक्षण विधि का अर्थ एवं परिभाषा | शिक्षण विधि के विभिन्न प्रकार

शिक्षण विधि का अर्थ एवं परिभाषा | शिक्षण विधि के विभिन्न प्रकार शिक्षण विधि का अर्थ एवं परिभाषा देते हुए उसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन जब व्यक्ति किसी कार्य को करने का मन बनाता है तो सर्वश्रथम उस कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए उसके तरीके के बारे में चिन्तन करता है अथवा विचार करता…

11 शिक्षण सूत्र | Maxim's of Teaching in Hindi

11 शिक्षण सूत्र | शिक्षण के सूत्र | शिक्षण सूत्र का अर्थ | Maxim’s of Teaching in Hindi

11 शिक्षण सूत्र,  शिक्षण के सूत्र, शिक्षण सूत्र का अर्थ, Maxim’s of Teaching in Hindi अध्यापक द्वारा पाठ्यवस्तु को कक्षा में पेश करने का तरीका शिक्षण की प्रक्रिया में प्रमुख भूमिका का निवहन करता है। अतः शिक्षक को चाहिए कि वह पाठ्य सामग्री को कक्षा में इस प्रकार से प्रस्तुत करे कि छात्र सुगमता के…

शिक्षण प्रतिमान के आधारभूत तत्व

शिक्षण प्रतिमान के आधारभूत तत्व | शिक्षण प्रतिमान के आधारभूत तत्वों का वर्णन

शिक्षण प्रतिमान के आधारभूत तत्व | शिक्षण प्रतिमान के आधारभूत तत्वों का वर्णन प्रत्येक शिक्षण प्रतिमान के प्रमुख रूप से चार आधारभूत या मूल तत्व होते हैं जिसका वर्णन निम्नवत् किया जा सकता है- (1) उद्देश्य (Focus) – किसी भी कार्य को किया जाये उसका कोई न कोई उद्देश्य अवश्य होता है। उसी प्रकार शिक्षण…

शिक्षण प्रतिमान के प्रकार

शिक्षण प्रतिमान के प्रकार | शिक्षण प्रतिमान के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिये

शिक्षण प्रतिमान के प्रकार | शिक्षण प्रतिमान के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिये शिक्षाशास्त्रियों में शिक्षण प्रतिमानों को लेकर मतैक्य का अभाव है कुछ प्रमुख प्रतिमानों के विवरण निम्नवत् हैं- (शिक्षण प्रतिमान के प्रकार) डीसिकों और क्रोफोर्ड ने शिक्षण प्रतिमानों को दो मुख्य भागों में विभाजित किया है- (a) ऐतिहासिक शिक्षण पर आधारित शिक्षण प्रतिमान…

शिक्षण प्रतिमान का अर्थ

शिक्षण प्रतिमान का अर्थ | शिक्षण प्रतिमान की विशेषतायें | शिक्षण प्रतिमान की संकल्पना

शिक्षण प्रतिमान का अर्थ | शिक्षण प्रतिमान की विशेषतायें | शिक्षण प्रतिमान की संकल्पना शिक्षण प्रतिमान शिक्षण सिद्धान्तों के विकास में परिकल्पना का कार्य करते हैं । क्रोन बेक का मानना है कि शिक्षण की प्रक्रिया के लिए अधिगम के सिद्धान्त आवश्यक हैं क्योंकि अधिगम के सिद्धान्तों के आधार पर ही शिक्षण के सिद्धान्तों को…

कोहलर के सूझ एवं अन्तर्दृष्टि सिद्धान्त के शैक्षिक निहितार्थ का वर्णन

कोहलर के सूझ एवं अन्तर्दृष्टि सिद्धान्त के शैक्षिक निहितार्थ का वर्णन

प्रश्न – कोहलर के सूझ एवं अन्तर्दृष्टि सिद्धान्त के शैक्षिक निहितार्थ का वर्णन कीजिये। उत्तर– अधिगम का सूझ सिद्धान्त परिस्थिति को समग्र रूप में समझने अर्थात् सम्पूर्ण परिस्थिति का प्रत्यक्षीकरण करने पर बल प्रदान करता है। अतः बालकों के मानसिक विकास में इस सिद्धान्त का उपयोग बहुत लाभदायक हो सकता है। इससे स्पष्ट है कि…

अल्बर्ट बंडूरा का सामाजिक अधिगम सिद्धान्त

बन्दुरा एवं वाल्टर्स का सामाजिक अधिगम सिद्धान्त | अल्बर्ट बंडूरा का सामाजिक अधिगम सिद्धान्त | सामाजिक अधिगम सिद्धान्त

बन्दुरा एवं वाल्टर्स का सामाजिक अधिगम सिद्धान्त | अल्बर्ट बंडूरा का सामाजिक अधिगम सिद्धान्त | सामाजिक अधिगम सिद्धान्त प्रश्न – बन्दुरा एवं वाल्टर्स के सामाजिक अधिगम सिद्धान्त का उल्लेख कीजिये। बन्दुरा और वाल्टर्स ने किसी मॉडल के व्यवहार को निरीक्षण करके सीखने के सिद्धान्त को बताया है। इसी कारण उनके सिद्धान्त को ‘निरीक्षण द्वारा सीखने’…

कोहलर का सूझ एवं अन्तर्दृष्टि सिद्धान्त

कोहलर का सूझ एवं अन्तर्दृष्टि सिद्धान्त | गेस्टाल्ट का सिद्धान्त

कोहलर का सूझ एवं अन्तर्दृष्टि सिद्धान्त | गेस्टाल्ट का सिद्धान्त प्रश्न – कोहलर के सूझ एवं अन्तर्दृष्टि के सिद्धान्त की विवेचना कीजिए। अथवा गेस्टाल्ट सिद्धान्त का विस्तृत वर्णन कीजिए। उत्तर- कोहलर का सूझ एवं अन्तर्दृष्टि सिद्धान्त – सूझ या अन्तर्दृष्टि का सिद्धान्त गेस्टाल्ट के सिद्धान्त के नाम से भी जाना जाता है। इस सिद्धान्त का…