कुटज सन्दर्भः- प्रसंग- व्याख्या | हजारी प्रसाद द्विवेदी – कुटज

कुटज सन्दर्भः– प्रसंग- व्याख्या | हजारी प्रसाद द्विवेदी – कुटज कुटज भारतीय पंडितों का सैकड़ों बार का कचारा-निचोड़ प्रश्न सामने आ गया रूप मुख्य है या नाम? नाम बड़ा है या रूप? पद पहले है या पदार्थ? पदार्थ सामने है, पद नहीं सूझ रहा है। मन व्याकुल हो गया, स्मृतियों के पंख फैलाकर सुदूर अतीत…

भारत वर्षोन्नति कैसे हो सकती है सन्दर्भः- प्रसंग- व्याख्या

भारत वर्षोन्नति कैसे हो सकती है सन्दर्भः- प्रसंग- व्याख्या | भारन्तेन्दु हरिश्चन्द्र भारत वर्षोन्नति कैसे हो सकती है

भारत वर्षोन्नति कैसे हो सकती है सन्दर्भः– प्रसंग- व्याख्या | भारन्तेन्दु हरिश्चन्द्र भारत वर्षोन्नति कैसे हो सकती है भारत वर्षोन्नति कैसे हो सकती है हम नहीं समझते कि इनकों लाज भी क्यों नहीं आती कि उस सयम में जबकि इनके पुरखों के पास कोई भी सामान नहीं था तब लोगों ने जंगल में पत्ते और…

सम्पादन के आधारभूत तत्व | सम्पादन कला

सम्पादन के आधारभूत तत्व | सम्पादन कला सम्पादन के आधारभूत तत्व पत्रकारिता अपने मूल रूप में ऐसे लेखन में निहित रहती है, जो पाठक को उसे आद्योपान्त पढ़ने के लिये विवश कर दे। बहुत से लोग अपने मित्रों तथा सम्बन्धियों को पत्र लिखते हैं, परन्तु इनमें ऐसे पत्र बहुत कम होते हैं, जिन्हें पत्र प्राप्तकर्ता…

अनुवाद के क्षेत्र | अनुवाद का क्षेत्र राष्ट्रीय ही नहीं वरन् अन्तर्राष्ट्रीय है

अनुवाद के क्षेत्र | अनुवाद का क्षेत्र राष्ट्रीय ही नहीं वरन् अन्तर्राष्ट्रीय है अनुवाद के क्षेत्र वर्तमान युग में अनुवाद का क्षेत्र बातचीत अथवा वार्तालाप का है। कहते हैं कि दो अपरिचित व्यक्ति एक साथ घण्टों तक खड़े रहने पर भी एक दूसरे से बात नहीं करते। यह परिस्थिति तब भी आ सकती है, जब…

सम्पादकीय | सम्पादकीय की संरचना | सम्पादकीय की भाषा शैली | सम्पादक समाचार पत्र का प्रमुखी शिल्पी

सम्पादकीय | सम्पादकीय की संरचना | सम्पादकीय की भाषा शैली | सम्पादक समाचार पत्र का प्रमुखी शिल्पी सम्पादकीय समाचार-पत्रों के विकास में दिनोदिन अभिवृद्धि के लिए संगठन का प्रश्न अत्यन्त महत्वपूर्ण है जब समाचार-पत्रों का संचालन बृहद स्तर पर किया जाता है तो वह एक औद्योगिक इकाई के रूप में प्रतिष्ठित हो जाता है। इस…

समाचार लेखन | समाचार लेखन की परिभाषा | समाचार की कुछ परिभाषाएँ | समाचार के प्रमुख तत्व | समाचार लेखन की प्रक्रिया | वैविध्यपूर्ण समाचार लेखन | समाचार का प्रारूप

समाचार लेखन | समाचार लेखन की परिभाषा | समाचार की कुछ परिभाषाएँ | समाचार के प्रमुख तत्व | समाचार लेखन की प्रक्रिया | वैविध्यपूर्ण समाचार लेखन | समाचार का प्रारूप समाचार लेखन समाचार (News) की व्युत्पत्ति एवं परिभाषा समाचार शब्द संस्कृत का है। यह सम्+आ+चर+घञ् (दो उपसर्गो एक धातु एवं एक प्रत्यय) से बनता है।…

मुद्रित माध्यम के लिए समाचार लेखन का प्रारूप | मुद्रित माध्यम के लिए समाचार लेखन की प्रविधि

मुद्रित माध्यम के लिए समाचार लेखन का प्रारूप | मुद्रित माध्यम के लिए समाचार लेखन की प्रविधि मुद्रित माध्यम के लिए समाचार लेखन का प्रारूप “समाचार पत्रों का लेखन जीवन के उन दृश्यो को चित्रित करता है जिनमें साहित्यिक लेखन उसके आदर्शों की खोज करता है।” इस उक्ति को यदि ध्यान में रखा जाय तो…

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में अनुवाद का महत्व | रोजगार के क्षेत्र में अनुवाद का महत्व

वैश्विक परिप्रेक्ष्य में अनुवाद का महत्व | रोजगार के क्षेत्र में अनुवाद का महत्व वैश्विक परिप्रेक्ष्य में अनुवाद का महत्व ‘भूमण्डलीकरण‘, ‘वसुधैव कुटुम्बकम् ‘ का ताजा संस्करण है लेकिन ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ एक भारतीय अवधारणा है जो मानवता पर आधारित है जबकि भूमण्डलीय का मानवता से कुछ भी लेना-देना नहीं है। यह पूरी तरह अर्थ पर…

पारिभाषित शब्द | पारिभाषिक शब्द के प्रकार | पारिभाषित शब्दों की आवश्यकता

पारिभाषित शब्द | पारिभाषिक शब्द के प्रकार | पारिभाषित शब्दों की आवश्यकता पारिभाषित शब्द भारतीय भाषा वैज्ञानिकों ने भी परिभाषिक शब्दों को समझने की कोशिश की है। मशहूर कोश विज्ञानी डॉ. रघुवीर ने पारिभाषिक शब्द को परिभाषित करते हुए लिखा है- “पारिभाषिक शब्द किसको कहते हैं, जिसकी परिभाषा की गयी हो। पारिभाषिक शब्द का अर्थ…