मापन तथा मूल्यांकन की तकनीक

मापन तथा मूल्यांकन की तकनीक | Techniques of Measurement and Evaluation in Hindi

मापन तथा मूल्यांकन की तकनीक | Techniques of Measurement and Evaluation in Hindi

मापन तथा मूल्यांकन के लिए प्रयुक्त की जाने वाली विभिन्न तकनीकों को पाँच मुख्य भागों में बांटा जा सकता है। ये पाँच भाग निम्नवत हैं:-

(1) अवलोकन तकनीक (Observation Techniques)

(2) स्व-आख्या तकनीक (Self-Report Techniques)

(3) परीक्षण तकनीक (Testing Techniques)

(4) समाजमितिय तकनीक (Stoichiometric Techniques)

(5) प्रक्षेपीय तकनीक (Projective Techniques)

मापन तथा मूल्यांकन की इन पाँचों तकनीकों का संक्षिप्त वर्णन संक्षेप में आगे प्रस्तुत है।

(1) अवलोकन तकनीक (Observation Technique)

अवलोकन तकनीक से अभिप्राय किसी व्यक्ति के व्यवहार को देखकर या अवलोकित करके उसके व्यवहार का मापन करने की प्राविधि से है। अवलोकन को व्यवस्थित एवं औपचारिक बनाने के लिए अवलोकन कर्ता चैक लिस्ट, अवलोकन चार्ट, मापनी परीक्षण, ऐनकडोटल अभिलेख आदि उपकरणों का प्रयोग कर सकता है। स्पष्ट है कि अवलोकन एक तकनीक के रूप में अधिक व्यापक है जबकि एक उपकरण के रूप में इसका क्षेत्र सीमित रहता है।

(2) स्व- आख्या तकनीक (Self-Report Technique)

स्व-आख्या तकनीक में मापे जा रहे व्यक्ति से ही उसके व्यवहार के सम्वन्ध में जानकारी पूछी जाती है। इसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि व्यक्ति अपने बारे में स्वयं ही सूचना देता है. जिसके आधार पर उसके गुणों को अभिव्यक्त किया जाता है। स्पष्ट है कि इस तकनीक में इस वात का मापन नहीं होता है कि व्यक्ति के क्या गुण है बल्कि इस बात का मापन होता है कि व्यक्ति किन गुणों को स्वयं में होना बताता है। यह तकनीक सामाजिक वांछनीयता (Social desirability) से प्रभावित परिणाम देती है। व्यक्ति सामाजिक रूप से वांछनीय गुणों को ही स्वयं में बताता है तथा अवांछनीय गुणों को छिपा लेता है। प्रश्नावली, साक्षात्कार, अभिवृत्ति मापनी इस तकनीक के लिए प्रयोग में आने वाले कुछ उपकरण हैं।

 (3) परीक्षण तकनीक (Testing Technique)

परीक्षण तकनीक में व्यक्ति को किन्हीं ऐसी परिस्थिति में रखा जाता है जो उसके वास्तविक व्यवहार या गुणों को ग्रकट कंर दे। मापनकर्ता व्यक्ति के सम्मुख- कुछ परिस्थितियाँ या समस्यावें रखता है तथा उन पर व्यक्ति के द्वारा की गई प्रतिक्रिया के आधार पर. उसके गुणों की नात्रा का निर्धारणं करता है। विभिन्न प्रकार के परीक्षण जैसे सम्प्राप्ति परीक्षण, बुद्धि परीक्षण, निदानात्मक परीक्षणं, अभिरुचि परीक्षण, मूल्य परीक्षण आदि इस तकनीक के उदाहरण हैं।

(4) समाजमितिय तकनीक (Stoichiometric Technique)

समाजमिति तकनीक सामाजिक सम्बन्धों, समायोजन व अन्तर्क्रिया के मापन में काम आती है। इस तकनीके में व्यक्ति अन्य व्यक्तियों से किस प्रकार के सम्बन्ध रखता है तथा अन्य व्यक्ति उससे कैसे सम्बन्ध रखते हैं, जैसे प्रश्नों पर उनके द्वारा दिये गये प्रत्युत्तरों का विश्लेषण किया जाता है। सामाजिक गतिशीलता (Social dynamics) के मापन के लिए यह सर्वोत्तम तकनीक है।

(5) प्रक्षेपीय तकनींक (Projective Technique)

प्रक्षेपीय तकनीक में व्यक्ति के सम्मुख किसी असंरचित (Unstructured) उद्दीपन को प्रस्तुत किया आता है तथा व्यक्ति उस पर अपनी प्रतिक्रिया देता है। इस तकनीक की मान्यता है कि व्यक्ति अपनी पसंद, नापसन्द, विचार, दुष्टिकोण, आवश्यकता, आदि को अपनी प्रतिक्रिया में आरोपित कर देता है जिनका विश्लेषण करके व्यक्ति के गणों को जाना जा सकता है। रोशा का मसि लक्ष्य परीक्षण, टी०ए०टी०, शब्द साहचर्य परीक्षण, पर्ति परीक्षण इस तकनीक के प्रयोग के कुछ प्रसिद्ध उदाहरण है।

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