शिक्षक शिक्षण / Teacher Education

अभिभावक शिक्षक संघ (Parent Teacher Association in hindi -PTA)- कार्य, आवश्यकता, लाभ, उद्देश्य, शिक्षक तथा अभिभावक की भूमिका

अभिभावक शिक्षक संघ (Parent Teacher Association in hindi –PTA)– कार्य, आवश्यकता, लाभ, उद्देश्य, शिक्षक तथा अभिभावक की भूमिका

परिचय

अभिभावक शिक्षक संघ एक औपचारिक संगठन है जो स्कूलों में माता-पिता की भागीदारी को आसान बनाने के उद्देश्य से होता है। इस संगठन के द्वारा एक ही समय पर एक ही स्थान पर माता-पिता, शिक्षक और छात्र की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाता है। इस संगठन के द्वारा अभिभावकों और शिक्षकों का परस्पर मेल कराकर विद्यालय के शैक्षिक स्तर को ऊंचा उठाना है। इस संगठन द्वारा शैक्षिक प्रक्रिया के तीन पक्षों के बीच एक भरोसेमंद माहौल बनाने की स्थिति में सहायता संभव है- शिक्षक, छात्र तथा माता-पिता के द्वारा।

एक आरामदायक मनोवैज्ञानिक माहौल बनाने में एक कक्षा शिक्षक के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपकरण अतिरिक्त गतिविधियों के माध्यम से छात्रों के माता-पिता के साथ बातचीत का संगठन है। इस बैठक के दौरान मुख्य मुद्दों के अलावा उस समस्याओं पर विचार करना आवश्यक है जो सीधे छात्रों के व्यक्तिगत विशेषताओं, उनके विशिष्ट व्यवहार इत्यादि से संबंधित होते हैं।

वर्तमान समय में विद्यालयों में शिक्षक अभिभावक बैठक को संचालित करने पर विशेष बल दिया जा रहा है।

“माता पिता और शिक्षक एक ही बच्चे के शिक्षक हैं और शिक्षा का परिणाम तभी सफल हो सकता है जब शिक्षक सहयोगी बन जाते हैं। इसी आधार पर शिक्षक अभिभावक संघ को महत्वता प्राप्त होती है।”

इस संघ का आधार आकांक्षाओं की एकता, शैक्षिक प्रक्रिया पर विचार, विकसित सामान्य लक्ष्य और शैक्षिक उद्देश्य, और इच्छित परिणाम प्राप्त करने के तरीके हैं।

PARENT TEACHER ASSOCIATION (P.T.A.)- Assignment

यदि साधारण शब्दों में समझा जाए तो यह संघ एक प्रकार का मंच प्रदान करता है जहां पर बालक / बालिका से संबंधित प्रत्येक प्रकार की समस्या, सुझाव तथा शैक्षिक स्थिति से संबंधित वार्तालाप की क्रिया माता-पिता तथा शिक्षक के बीच विद्यार्थी के मौजूदगी में होती है।

 

अभिभावक शिक्षक संघ (Parent Teacher Association-PTA)

अभिभावक शिक्षक संघ (Parent Teacher Association-PTA)

अभिभावक शिक्षक संघ के कार्य

अभिभावक शिक्षक संघ का प्रमुख कार्य अभिभावकों तथा शिक्षकों में परस्पर मेल कराकर विद्यालय के शैक्षिक स्तर को ऊंचा उठाना है। इस कार्य के अतिरिक्त भी बहुत से आवश्यक तथा महत्वपूर्ण कार्य है जो निम्नलिखित हैं-

  • अभिभावक तथा माता-पिता और स्कूल के बीच में संबंध और संचार को बढ़ावा देना और उनके बीच साझेदारी स्थापित करना।
  • शैक्षणिक प्रदर्शन में विकास को बढ़ावा देने के लिए करीबी विद्यालय, स्कूल तथा घर सहयोग के माध्यम से बच्चों के शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना।
  • स्कूल प्रबंधन में अन्य स्कूल प्रबंधकों के साथ मिलकर काम करके काम करने के लिए निगमित प्रबंधन समिति में अभिभावकों के प्रबंधकों का चुनाव करना।
  • शिक्षक अभिभावक बैठक हेतु दिनांक तथा समय का निर्धारण करना अभिभावक शिक्षक संघ का ही कार्य है।
  • अंकपत्र तथा बाकी आवश्यक सामग्री जो अभिभावक शिक्षक बैठक हेतु आवश्यक होती है उनकी व्यवस्था करना।
  • विद्यालय के शैक्षिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए कार्यक्रमों के बारे में सुझाव देना।
  • समस्यात्मक विद्यार्थियों के सुधार हेतु उनके अभिभावकों तथा शिक्षकों को मिलकर उपचारों और उपायों पर विचार करना।
  • जरूरतमंद तथा निर्धन विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
  • समयानुसार शैक्षणिक गोष्ठियों का आयोजन करना।
  • अभिभावकों के परामर्श पर चिंतन करना।

 

अभिभावक शिक्षक संघ की आवश्यकता

प्रत्येक विद्यालय के यह स्वयं के अंग होते हैं अभिभावक शिक्षक संघ की आवश्यकता को हम निम्न प्रकार से ज्ञात करते हैं –

  • अभिभावक शिक्षक संघ विद्यालय के लिए गर्व की बात है क्योंकि यह अभिभावकों को विद्यालय से संबंध स्थापित करने में सहायता करता है।
  • विद्यार्थियों तथा विद्यालय के लिए विकास में सहायक है।
  • अभिभावकों को शिक्षकों से तथा शिक्षकों को अभिभावकों से वार्तालाप करने हेतु मंच प्रदान करता है।
  • प्रत्येक विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रदर्शन पर निगरानी रखता है तथा भविष्य के लिए एकअनुमानित रूपरेखा प्रदान करता है।
  • अभिभावकों को अतिरिक्त अभिभावकों से मिलने हेतु मंच प्रदान करता है जिससे वे अतिरिक्त समस्याओं से अवगत होते हैं तथा उनका हल ज्ञात करते हैं।
  • विद्यालय तथा घर के बीच संचार प्रदान करता है।
  • विद्यालय के लिए खर्च या आर्थिक सहायता की भी सुविधा इसी संघ द्वारा ही प्राप्त होती है।
  • विद्यार्थियों के गृह जीवन तथा व्यवहार को समझने में सहायता तथा अवसर प्रदान करता है।

 

अभिभावक शिक्षक संघ के लाभ

अभिभावक शिक्षक संघ के महत्व निम्नलिखित हैं –

  • माता-पिता तथा शिक्षकों के बीच एक महान अवसर प्रदान करता है जिससे कि दोनों के हौसलों में विद्यार्थियों को लेकर एक स्वस्थ अवधारणा का विकास होता है।
  • यह अवसर उपलब्ध कराता है दोनों तरफ संचार के।
  • एक यह एक श्रेष्ठ मंच है जहां अभिभावक शिक्षक दोनों आपस में विद्यार्थियों से संबंधित जानकारी तथा समस्या को साझा करते हैं।
  • यह शिक्षक को सहायता प्रदान करता है यह ज्ञात करने में कि विद्यार्थी की सकारात्मकता तथा नकारात्मकता के कारण क्या है अभिभावकों के अवलोकन द्वारा।
  • यह विद्यार्थियों के विकास में अति लाभदायक है।
  • इससे विद्यार्थी के शैक्षणिक तथा गैर शैक्षणिक रुचियां को बढ़ावा दिया जाता है।
  • अभिभावक शिक्षक संघ द्वारा एक बार अभिभावकों शिक्षकों तथा विद्यार्थियों में मस्ती, शैक्षणिक कार्यक्रम इत्यादि द्वारा उत्साह आ जाता है।

 

अभिभावक शिक्षक संघ के उद्देश्य

अभिभावक शिक्षक संघ के निम्न उद्देश्य हैं –

  • अभिभावकों तथा शिक्षकों के मध्य पारस्परिक संबंध एवं साझेदारी उत्पन्न करना।
  • अभिभावकों एवं शिक्षकों के बीच घनिष्ठ संबंध स्थापित करना।
  • विद्यालय के शैक्षणिक स्तर को उन्नत करने के लिए।
  • विद्यालय का उच्चतम मानसिक, शारीरिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक विकास करना।
  • विद्यालय तथा घर को निकट संपर्क में लाना जिससे अध्यापक तथा अभिभावक दोनों बालक के प्रशिक्षण में कुशलता पूर्वक योगदान दे सकें।
  • बालक की संपूर्ण गतिविधियों से अवगत होना।
  • बालक की संपूर्ण समस्याओं का निदान करना।
  • विद्यालय तथा घर को निकट लाना।
  • विद्यालय की गतिविधियों में सहयोग प्रदान करना।
  • परिवार के वातावरण में सुधार लाना ताकि स्वस्थ परिस्थितियों का निर्माण हो सके।
  • अभिभावकों को विद्यालय के प्रति सजग करना।

 

अभिभावक शिक्षक संघ में शिक्षक की भूमिका

किसी भी अभिभावक शिक्षक संघ को तब तक उत्तम नहीं माना जा सकता जब तक की दोनों ही तरफ से पूर्ण सहयोग ना हो। अध्यापक या किसी शिक्षक की भूमिका निर्वाहन इस संघ के संदर्भ में अति आवश्यक होता है जिसके बारे में निम्नलिखित वर्णन किया गया है-

  • शिक्षक द्वारा विद्यालय की संपूर्ण क्रियाकलापों तथा संबंधित क्रिया के बारे में अभिभावकों को समय-समय पर सूचित करना।
  • शिक्षक द्वारा परीक्षा फलों के ज्ञान को अभिभावकों तक पहुंचाना।
  • विद्यालय में सामान्य से निम्न बालकों के माता-पिता से उनके विषय में चर्चा करना तथा समस्याओं का पता लगाना।
  • विद्यालय में यदि किसी प्रकार से अनुदान राशि एकत्रित की जा रही हो तो भी अभिभावक को इस विषय से अवगत कराना।
  • कई दिनों से विद्यार्थियों के विद्यालय में अनुपस्थित होने पर भी शिक्षक को अभिभावक के संपर्क में आकर उचित कारणों को जानने की चेष्टा करना।
  • विद्यालय द्वारा दिए गए गृह कार्य या प्रयोजन कार्य के निरंतर अपूर्ण प्राप्त करने पर भी अभिभावकों को सूचित करना।
  • अभिभावकों को विद्यार्थी के विद्यालय अनुशासन के व्यवहार से उत्तम तरह से अवगत करवाना।
  • अभिभावकों से उन विद्यार्थियों के विषय में भी चर्चा करना जो विलक्षण प्रतिभा के धनी हो।
  • शिक्षक को निरंतर अपने विद्यार्थियों से उनके विषय में जानकारी हासिल करनी चाहिए तथा मधुर संबंध निर्मित करना चाहिए।
  • विद्यालय द्वारा यदि किसी भी प्रयोजन से विद्यार्थी को कहीं बाहर ले जाना हो तो भी अभिभावक को सूचित करने का कार्य शिक्षक का है।

 

अभिभावक शिक्षक संघ में अभिभावक की भूमिका

विद्यालय आने से पूर्व बालकों की शिक्षा (प्रारंभिक) घर में ही दी जाती है वहां उनके शिक्षक अभिभावक होते हैं। विद्यार्थी के संपूर्ण विकास में अभिभावक का महत्वपूर्ण योगदान होता है।

  • अभिभावकों को बालकों की गतिविधियों पर निरंतर नजर रखनी चाहिए।
  • अभिभावक को विद्यार्थी के गृह जीवन के बारे में निरंतर शिक्षक से चर्चा करनी चाहिए।
  • विद्यालय की प्रत्येक अभिभावक शिक्षक बैठक में भाग लेना चाहिए।
  • विद्यालय द्वारा प्राप्त गृह कार्य तथा प्रयोजनों का स्वयं आगे आकर अवलोकन करना चाहिए।
  • विद्यार्थी को विद्यालय के क्रियाकलापों में भाग लेने हेतु उसे उत्साहित करना।
  • विद्यार्थी के विद्यालय व्यवहार के बारे में शिक्षक से चर्चा करना।
  • विद्यार्थी के परीक्षण फल को समयानुसार प्राप्त करना तथा इस विषय में शिक्षक से परामर्श लेना।
  • विद्यार्थी की शिक्षा तथा विद्यालय के प्रति रुचि का अवलोकन करना।
  • विद्यार्थी द्वारा विद्यालय मे की जा रही संपूर्ण क्रियाकलापों की जानकारी रखना तथा इस विषय के बारे में शिक्षक से चर्चा करना।
  • विद्यालय द्वारा मांगी गई अनुदान राशि के संबंध में शिक्षक से जानकारी एकत्र करना तथा सहयोग प्रदान करना।
  • अभिभावक को शिक्षक से निरंतर संबंध में रहना तथा विद्यालय एवं विद्यार्थी की संपूर्ण जानकारी रखना चाहिए।

 

अभिभावक शिक्षक संघ

अभिभावक शिक्षक संघ

निष्कर्ष

अभिभावक शिक्षक संघ छात्रों के लिए अत्यंत आवश्यक है। इस संघ द्वारा बालक के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित किया जाता है तथा उसकी जरूरतों को पूरा करने की कोशिश की जाती है। इस संघ द्वारा सिर्फ छात्र ही नहीं अपितु शिक्षकों और अभिभावकों की भी जरूरतों को पूर्ण किया जाता है।

अभिभावक शिक्षक संघ की महत्वता को हम कुछ इस प्रकार जान सकते हैं – “माता पिता और शिक्षक एक ही बच्चे के शिक्षक होते हैं और मात्र शिक्षा का परिणाम तभी सफल हो सकता है जब यह से आपस में ही सहयोगी बन जाए।”

अतः अंत में अभिभावक शिक्षक संघ के निष्कर्ष में यह कहा जा सकता है कि अभिभावक शिक्षक संघ बच्चे, माता-पिता तथा शिक्षक के संबंध में विद्यालय के अंतर्गत एक सेतु का कार्य करता है तथा बालक के भावी भविष्य में सहयोगी होता है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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