पाठ्यक्रम का अर्थ | इतिहास की पाठ्य-वस्तु | Meaning of curriculum in Hindi | History text in Hindi
पाठ्यक्रम का अर्थ | इतिहास की पाठ्य-वस्तु | Meaning of curriculum in Hindi | History text in Hindi
पाठ्यक्रम का अर्थ-
हेनरी जे० ऑटो का कथन है – “विभिन्न अध्ययन, संगठित क्रियाएं, पाठ्यक्रम एवं अतिरिक्त पाठ्य-क्रियाएँ तथा विद्यालय का सम्पूर्ण सामाजिक जीवन और वातावरण पाठ्यक्रम में अपना स्थान ग्रहण करता है। प्रत्येक को शिक्षा के अन्तिम लक्ष्यों को प्राप्ति में अपना योगदान देने के लिये संगठित किया जाता है।”
इस कथन से स्पष्ट है कि पाठ्यक्रम की प्रत्येक क्रिया शिक्षा के उद्देश्य की प्राप्ति में योगदान देती है। ऐसा ही अभिप्राय इसके शाब्दिक अर्थ से स्पष्ट होता है। ‘Curriculum’ शब्द की उत्पत्ति लैटिन भाषा के एक शब्द ‘क्यूररे’ (Curricre) से हुई है, जिसका अर्थ है- ‘Race Couric’ (दोड़ का मैदान)। “यह दौड़ का मैदान है, जिस पर व्यक्ति लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए दौड़ता है।” (“It is a runway, a course which one runs to reach a goal.)
पाठ्यक्रम के अर्थ के विषय में दो विचारधाराएँ हैं- प्राचीन तथा आधुनिक प्राचीन धारणा के अनुसार- पाठ्यक्रम विभिन्न ज्ञानों एवं कुशलताओं का संग्रह है, जो बालक के दृष्टिकोण से नहीं वरन् किसी शिक्षा विशेषश के दृष्टिकोण से होता है। आधुनिक धारणा के अनुसार, पाठ्यक्रम अनुभवों, क्रियाओं या जीवन की वास्तविक परिस्थितियों का संग्रह है जिनमें बालक भाग लेता है और जिनका वह सामना करता है। पाठ्यक्रम के अर्थ को और अधिक स्पष्ट करने के लिए आगे कुछ परिभाषाएँ दे रहे हैं –
- कनियम- “पाठ्यक्रम शिक्षक रूपी कलाकार के हाथ में एक साधन है, जिससे वह अपने विद्यालय में अपने ध्येय के अनुसार अपने छात्र को कोई भी रूप दे सकता है।”
“It (curriculum) is a tool in the hands of the artist (teacher) to mould his material (pupil) according to his ideal (objective) in his studio (school).” —Cunningham
- वास्टर सी० – “पाठ्यक्रम में वे समस्त अनुभव सम्मिलित हैं जिनको बालक विद्यालय के निर्देशन में प्राप्त करते हैं। इसके अन्तर्गत कक्षा-कक्ष की क्रियाएँ तथा उसके बाहर के समस्त कार्य एवं खेल शामिल हैं।”
“Curriculum includes all the experiences that pupils have while under the direction of the school; it includes both class-room and extra activities, work as well as play.” –Walter C.
- बबेचर- “पाठ्यक्रम में विद्यालय के नियंत्रण में बालक के समस्त अनुभव निहित हैं। यह पाठ्यपुस्तक, विषय-वस्तु, यहाँ तक कि अध्ययन विषय से भी अधिक है। यह सम्पूर्ण स्थिति या स्थितियों का समूह है जो कि शिक्षक तथा विद्यालय प्रशासक को प्राप्त होता है। इसके द्वारा विद्यालय के दरवाजों से गुजरने वाले बालकों एवं युवकों के आचरण में परिवर्तन किया जाता है।”
“Curriculum consists all the experiences of the learner under the control of school. It is more the text-book, more than subject- matter, more even than a course of study. It is the total situation or group of situations available to the teacher and school administrator through which to make behaviour change in the endless stream of children and youth who pass through the doors of the school.” — Brubacher.
- माध्यमिक शिक्षा आयोग- “विद्यालय का सम्पूर्ण जीवन पाठ्यक्रम है, जो छात्रों के जीवन के सभी पक्षों को प्रभावित कर सकता है और उनके सन्तुलित व्यक्तित्व के विकास में सहायता दे सकता है।”
“The whole life of the school is curriculum, which can touch the life of the sudents at all points and help them in the evolution of a balanced personality.” – Secodary Education Commission,
जैसा कि पाठ्यक्रम के अर्थ से स्पष्ट है कि पाठ्यक्रम उद्देश्यों की प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण साधन है। यहाँ यह प्रश्न उठता है कि इतिहास-शिक्षण के उद्देश्यों की प्राप्ति किस प्रकार के पाठ्यक्रम से हो सकती है। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि इतिहास के पाठ्यक्रम में किन तथ्यों, प्रकरणों, किस विषय-वस्तु को स्थान प्रदान किया जाय जिससे उसके शिक्षण के उद्देश्यों की प्राप्ति हो सके।
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