इतिहास में वस्तुनिष्ठता की आवश्यकता

इतिहास में वस्तुनिष्ठता की आवश्यकता | वस्तुनिष्ठता की आवश्यकता | इतिहास में वस्तुनिष्ठता का महत्व

इतिहास में वस्तुनिष्ठता की आवश्यकता | वस्तुनिष्ठता की आवश्यकता | इतिहास में वस्तुनिष्ठता का महत्व इतिहास में वस्तुनिष्ठता की आवश्यकता इतिहास में वस्तुनिष्ठता है आज परम आवश्यक मानी  जा रही है, क्योंकि इतिहास को भी एक  विज्ञान की श्रेणी प्रदान करने का प्रयास तेजी से चल रहा है और इतिहास का अध्ययन पूर्णतः वैज्ञानिक करने…

इतिहास में वस्तुनिष्ठता | ऐतिहासिक वस्तुनिष्ठता की समस्याएं | इतिहास में वस्तुनिष्ठता का महत्त्व

इतिहास में वस्तुनिष्ठता | ऐतिहासिक वस्तुनिष्ठता की समस्याएं | इतिहास में वस्तुनिष्ठता का महत्त्व इतिहास में वस्तुनिष्ठता लोगों की यह मान्यता है कि कोई भी अध्ययन या तो व्यक्तिनिष्ठ होता है अथवा वस्तुनिष्ठ। जब व्यक्ति को विषय बनाते हैं तो वह अध्ययन सामाजिक विज्ञान के अन्तर्गत का होता है और जब वस्तु को विषय बनाते…

इतिहास अध्ययन का महत्त्व | इतिहास अध्ययन का विरोध | इतिहास अध्ययन का क्या महत्त्व है | अध्ययन का विरोध क्यों किया जाता है

इतिहास अध्ययन का महत्त्व | इतिहास अध्ययन का विरोध | इतिहास अध्ययन का क्या महत्त्व है | अध्ययन का विरोध क्यों किया जाता है इतिहास अध्ययन का महत्त्व प्रायः कहा जाता है कि अतीत की अपेक्षा वर्तमान में दिल्लचस्पी लेनी चाहिए। किन्तु, यह दृष्टिकोण उपयुक्त नहीं। यह ठीक है कि वर्तमान महत्त्वपूर्ण है, लेकिन यह…

इतिहास के भेद

इतिहास के भेद | इतिहास के प्रमुख प्रकार | History differences in Hindi | Major types of history in Hindi

इतिहास के भेद | इतिहास के प्रमुख प्रकार | History differences in Hindi | Major types of history in Hindi इतिहास के भेद प्राचीनकाल से ही इतिहासकारों ने धार्मिक और राजनीतिक घटनाओं पर विशेष ध्यान दिया है। आजकल वे सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, विधिक एवं विश्व इतिहास पर भी ध्यान दे रहे हैं। सुविधा के…

इतिहास की प्रवृत्ति | इतिहास का क्षेत्र विस्तार | इतिहास अपने आपको दोहराता है

इतिहास की प्रवृत्ति | इतिहास का क्षेत्र विस्तार | इतिहास अपने आपको दोहराता है इतिहास की प्रवृत्ति सामान्यतः प्रकृति और प्रवृत्ति में कोई अन्तर नहीं है। वर्ण्य विषयों के आधार पर भी यदि हम विवेचना करें तो इतिहास की प्रवृत्ति के विषय में यह कह सकते हैं कि उसकी प्रवृत्ति अथवा एक विज्ञान की है,…

इतिहास में विवेक | इतिहास में विवेक का समावेश होता है- हीगल | बोध ही सत्य है तथा सत्य ही बोध है

इतिहास में विवेक | इतिहास में विवेक का समावेश होता है- हीगल | बोध ही सत्य है तथा सत्य ही बोध है इतिहास में विवेक हीगल ने 1822-23 में इतिहास-दर्शन पर अपने व्याख्यान दिए, उसके इतिहास-दर्शन में पहली बार इतिहास दार्शनिक विचार के स्तर को प्राप्त करता है। वह एक नए प्रकार का इतिहास प्रस्ताविक…

वैज्ञानिक इतिहास की अवधारणा

वैज्ञानिक इतिहास की अवधारणा | वैज्ञानिक इतिहास की अवधारणा की विवेचना

वैज्ञानिक इतिहास की अवधारणा | वैज्ञानिक इतिहास की अवधारणा की विवेचना वैज्ञानिक इतिहास की अवधारणा अरस्तू के अनुसार विशिष्ट व्यक्तियों के कार्यों तथा अनुभवों का विवरण है। और अधिक व्यापक अर्थ में इतिहास वह है जो इतिहासकार करते हैं। क्या इतिहास उस रूप में एक विज्ञान है जिस रूप में भौतिक शास्त्र, जीवशास्त्र अथवा मनोविज्ञान…

इतिहास की अवधारणा

इतिहास की अवधारणा | इतिहास के उद्देश्य | इतिहास का स्वरूप | इतिहास का प्रयोजन | इतिहास : विचार का इतिहास है | इतिहास : विशिष्ट प्रकार विज्ञान

इतिहास की अवधारणा | इतिहास के उद्देश्य | इतिहास का स्वरूप | इतिहास का प्रयोजन | इतिहास : विचार का इतिहास है | इतिहास : विशिष्ट प्रकार विज्ञान इतिहास की अवधारणा इतिहास की अवधारणा वस्तुतः कालिंगवुड की पुस्तक का नाम है; उसने पुस्तक की योजना पहले ही बना ली थी किन्तु इसका प्रकाशन (1945) उसकी…

अंग्रेजी ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा भारत का आधुनिकीकरण

अंग्रेजी ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा भारत का आधुनिकीकरण | अंग्रेजों का आगमन तथा प्रसार | भारत का आधुनिकीकरण | अंग्रेजों के प्रभाव की विवेचना

अंग्रेजी ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा भारत का आधुनिकीकरण | अंग्रेजों का आगमन तथा प्रसार | भारत का आधुनिकीकरण | अंग्रेजों के प्रभाव की विवेचना अंग्रेजी ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा भारत का आधुनिकीकरण “जीवित मनुष्य कोमल और सुकुमार होता है, मृत्यु के उपरान्त कड़ा और कठोर।’ इसलिए यह कहा जाता है कि कड़ापन और कठोरता मृत्यु…