उद्यमिता और लघु व्यवसाय / Entrepreneurship And Small Business

उद्यमिता की अवधारणा | उद्यमिता का अर्थ एवं परिभाषा | उद्यमिता की प्रकृति

उद्यमिता की अवधारणा | उद्यमिता का अर्थ एवं परिभाषा | उद्यमिता की प्रकृति | Concept of Entrepreneurship in Hindi | Meaning and Definition of Entrepreneurship in Hindi | Nature of entrepreneurship in Hindi

उद्यमिता की अवधारणा-

उद्यमिता शब्द का प्रादुर्भाव लगभग तीन दशकों से ही प्रारम्भ हुआ है। उद्यमिता औद्योगिक, आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति का आधार स्तम्भ है। वर्तमान समय में उद्यमशीलता जीवन का एक आवश्यक अंग है। उद्यमशीलता एक तकनीक, कौशल तथा चिन्तन के साथ एक जीवन पद्धति भी है। आधुनिक समय में प्रशिक्षण आदि सुविधाओं की सहायता से उद्यमियों का निर्माण किया जा सकता है। उद्यमिता ने रोजगार के साधनों को निर्मित करने के साथ साथ व्यक्तियों की सृजनात्मक क्षमता का विकास भी किया है। वर्तमान समय में उद्यमिता प्रत्येक अर्थव्यवस्था में आर्थिक क्रान्ति का मुख्य आधार बन गई है। उद्यमिता एक कार्यविधि तथा भावना का समन्वय है। यह जीविकोपार्जन की कार्यप्रणाली के साथ-साथ कौशल (Skill) तथा व्यक्तित्व (Personality) विकास की भी प्रभावी तकनीक है। राष्ट्र का आर्थिक विकास तथा सामाजिक विकास उद्यमिता का ही सार्थक परिणाम होता है।

व्हाइट हैड के अनुसार, “एक महान् समाज वह होता है, जिसमें इसके व्यक्ति उद्यमशीलता का चिन्तन एवं व्यवहार करते हैं।”

पीटर एफ0 ड्रकर के अनुसार, “उद्यमी समाज का उदय इतिहास में एक महत्वपूर्ण संधिकाल सिद्ध हो सकता है।”

इस प्रकार, उद्यमिता एक विज्ञान, व्यवहार, अवसर तथा दृष्टिकोण है। आर्थिक व्यवस्था एवं विकास के परिवर्तित स्तर के अनुसार उद्यमिता का अर्थ भी परिवर्तित हुआ है। सामान्य अर्थ में, उद्यमिता से अभिप्राय उस प्रवृत्ति एवं योग्यता से है जिसके द्वारा व्यवसाय में निहित अनेक प्रकार की जोखिमों तथा अनश्चितताओं का मुकाबला किया जाता है अथवा उन्हें वहन करते हुये व्यवसाय संचालन किया जाता है।

वास्तव में उद्यमिता जोखिम एवं अनिश्चितता को वहन करने की इच्छा है। यह नेतृत्व एवं नव प्रवर्तन का गुण है, जिसके द्वारा व्यवसाय में उच्च उपलब्धियाँ तथा लाभों के साथ वातावरण के अनुरूप सतत् समायोजन किया जाना सम्भव होता है और सृजनात्मकता एवं नवप्रवर्तन का मार्ग प्रशस्त होता है।

बर्टन तथा ठाकुर के अनुसार, “उद्यमिता को उत्पादन के घटकों भूमि, श्रम, पूँजी के प्रयोग की योग्यता के रूप में परिभाषित किया है, जिसके द्वारा नई वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन किया जाता है।”

शुम्पीटर के अनुसार, “आर्थिक परिवर्तन की सम्पूर्ण प्रक्रिया जिस व्यक्ति पर निर्भर होती है या जो इसे सम्भव बनाता है, वह उद्यमी कहलाता है।”

विल्कन के अनुसार, “उद्यमिता प्रबन्ध से भिन्न है। उद्यमिता सदैव उत्पादन में परिवर्तनों को प्रोत्साहित करती है जबकि प्रबन्ध उत्पादन प्रक्रिया में सतत् समन्वय स्थापित करने का कार्य करता है।”

उद्यमिता का अर्थ एवं परिभाषाये

(Meaning and Definition of Entrepreneurship)

सामान्य अर्थ में, उद्यमिता से अभि ऐसी योग्यता अथवा प्रवृत्ति से है, जो जोखिम तथा अनिश्चितता को वहन करने से सम्बन्धित है तथा जिसके द्वारा कुछ विशिष्टता प्रदान करने का प्रयत्न किया जाता है।

व्यापक रूप में, उद्यमिता व्यवसाय में जोखिम उठाने की क्षमता के साथ-साथ नवप्रवर्तन, नेतृत्व तथा व्यूहरचनात्मक लाभों को प्राप्त करने की योग्यता है। यह व्यवसाय में नये-नये परिवर्तन को लाने, उनका लाभ उठाने, स्थापित संगठनात्मक प्रक्रियाओं को बदलने तथा आन्तरिक निगम साहसिकता (Internal Corporate Venturing) की योग्यता है।

पीटर किलबाई के अनुसार, “उद्यमिता व्यापक क्रियाओं का सम्मिश्रण है। इसमें विभिन्न क्रियाओं के साथ-साथ बाजार अवसरों का ज्ञान प्राप्त करना, उत्पादन के साधनों का संयोजन एवं प्रबन्ध करना तथा उत्पादन तकनीक एवं वस्तुओं का अपनाना सम्मिलित है।”

फ्रेंकलिन लिंडसे के अनुसार, “उद्यमिता समाज की भावी आवश्यकताओं का पूर्वानुमान करने तथा संसाधनों के नवीन सृजनात्मक एवं कल्पनाशील संयोजनों के द्वारा इन आवश्यकताओं को सफलतापूर्वक पूरा करने का कार्य है।”

पीटर एफ० ड्रकर के अनुसार, “व्यवसाय में अवसरों को अधिकाधिक करना अर्थपूर्ण है। वास्तव में उद्यमिता की यही सही परिभाषा है।”

एच0 डब्ल्यू० जानसन के अनुसार, “उद्यमिता तीन आधारभूत तत्वों का जोड़ है- अन्वेषण, नवप्रवर्तन एवं अनुकूलन।”

जोसेफ शुम्पीटर के अनुसार, “उद्यमिता एक नवप्रवर्तनकारी कार्य है। यह स्वामित्व की अपेक्षा एक नेतृत्व कार्य है।”

उचित परिभाषा- “उद्यमिता उद्यमी योग्यताओं का प्रयोग कर नव-प्रवर्तन करने, व्यावसायिक उपक्रम स्थापित करने, व्यूहरचनात्मक योग्यता को प्रदर्शित तथा अवसरों का उपयुक्त अथवा अर्थपूर्ण उपयोग करने की क्रिया है।”

उद्यमिता की प्रकृति (विशेषतायें)

(Nature of Entrepreneurship) (Characteristics)

उद्यमिता की प्रमुख विशेषतायें (प्रकृति) निम्नलिखित हैं-

(1) उद्यमिता एक सार्वभौमिक क्रिया है, जो छोटे-बड़े सभी व्यवसायों एवं समाजों में आवश्यक है।

(2) उद्यमिता एक व्यक्तिगत लक्षण नहीं वरन् व्यवहार है, जिसमें सही निर्णय लेने का विशेष महत्व होता है।

(3) उद्यमिता एक व्यवहार है, जिसका आधार ज्ञान है।

(4) उद्यमिता वातावरण की उपज है।

(5) उद्यमिता व्यक्ति को प्रयत्नों द्वारा परिणाम प्राप्त करने की प्रेरणा देती है।

(6) उद्यमिता की सफलता भावी घटनाओं और अनिश्चितताओं के सही पूर्वानुमान पर निर्भर करती है।

(7) वर्तमान समय में विकसित देशों में उद्यमिता एक पेशे के रूप में विकसित हो रही है।

(8) उद्यमिता मुख्यतः व्यक्ति की आन्तरिक योग्यता एवं क्षमता है।

(9) उद्यमिता व्यक्ति के मस्तिष्क में नवीन विचारों को जन्म देती है तथा कुछ रचनात्मक कार्य कर दिखाने के लिये प्रेरित करती है।

(10) उद्यमिता भावी घटनाओं का सही पूर्वानुमान लगाने की योग्यता है।

(11) उद्यमिता सभी कार्य एवं प्रत्येक अर्थव्यवस्था में आवश्यक है।

(12) उद्यमिता केवल व्यक्तिगत लक्षण नहीं, बल्कि सामूहिक आचरण है।

(13) उद्यमिता केवल व्यवसाय या उद्योग के प्रवर्तन अथवा नवप्रवर्तन की क्रिया मात्र न होकर व्यक्तित्व निर्माण की प्रक्रिया भी है।

(14) उद्यमिता जहाँ एक ओर नये-नये व्यवासायिक अवसरों की खोज से सम्बन्धित है, वहीं दूसरी ओर, यह प्रबन्धकों को प्रबन्धकीय कार्यों के सम्पादन में भी सहयोग देती है।

(15) उद्यमिता एक संगठनात्मक कार्य है।

(16) उद्यमिता एक जोखिमपूर्ण प्रक्रिया है।

(17) उद्यमिता व्यवसाय की भावी घटनाओं का सामना करने तथा जोखिम उठाने की भावना से सम्बन्धित है।

(18) उद्यमिता व्यवसाय का एक महत्वपूर्ण तत्व है।

(19) उद्यमिता व्यवसाय अभिमुखी प्रवृत्ति है।

(20) उद्यमिता एक सृजनात्मक क्रिया है।

(21) उद्यमिता एक अन्तः प्रेरणा (Intuition) है।

(22) उद्यमिता योग्यतायें तथा क्षमतायें समाज के अधिकांश व्यक्तियों में पायी जाती हैं।

(23) देश के आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक वातावरण का उद्यमिता पर प्रभाव होता है।

(24) उद्यमिता व्यक्तियों की व्यावसायिक प्रवृत्ति को बतलाती है।

(25) उद्यमिता का मुख्य तत्व नवप्रवर्तन करने की योग्यता या क्षमता है।

(26) प्रबन्ध उद्यमिता का माध्यम है, जिसके द्वारा उद्यमशील निर्णयों को क्रियान्वित किया जाता है।

(27) उद्यमिता व्यक्ति के अन्तर्ज्ञान या अन्तःप्रेरणा के कारण उत्पन्न होने वाली भावना मात्र नहीं है, वरन् यह निश्चित सिद्धान्तों पर आधारित एक व्यवहार है।

उद्यमिता और लघु व्यवसाय – महत्वपूर्ण लिंक

Disclaimer: sarkariguider.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है। हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है। यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- sarkariguider@gmail.com

About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

Leave a Comment

(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
close button
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
error: Content is protected !!