व्यापार से लाभ | विभिन्न परिस्थतियों में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से होने वाले लाभ
व्यापार से लाभ | विभिन्न परिस्थतियों में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से होने वाले लाभ
व्यापार से लाभ
(Gains from Trade)
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार आज के विश्व की अनिवार्य आवश्यकता है। यह सर्वविदित है कि किन्हीं दो देशों की प्रकृतिक, आर्थिक और सामाजिक परिस्थतियाँ समान नहीं होती। अतः वे सभी वस्तुओं का समान क्षमता एवं लागत पर उत्पादन नहीं कर सकते। प्रत्येक राष्ट्र केवल उन्हीं वस्तुओं का उत्पादन करके निर्यात करते हैं जिनके लिए देश में पर्याप्त कच्चा माल व अन्य साधन उपलब्ध हैं और कम लागत पर उत्पादन किया जाता है। इसके विपरीत ऐसी वस्तुओं का आयात करते हैं जो कि देश में कम लागत पर उत्पादन नहीं कर सकते हैं।
जैसा कि पहले स्ष्ट किया जा चुका है कि अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में वस्तुओं का विनिमय करने वाले दोनों देशों को लाभ प्राप्त होता है। यदि विभिन्न राष्ट्रों में उत्पादन लागतों में निरपेक्ष अथवा तुलनात्मक अन्तर हो तो अन्तर्राष्ट्रीय श्रम विभाजन संभव होता है और इसे अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से लाभ प्राप्त होता है। इसके विपरीत यदि लागतों में समान अन्तर पाया जाता है तो अन्तर्राष्ट्रीय विशिष्टीकरण और व्यापार से किसी देश को कोई लाभ प्राप्त नहीं होगा।
(1) लागतों में निरपेक्ष अन्तर-
उदाहरणार्थ कनाडा में उत्पादन साधनों की एक इकाई या तो 1 क्विण्टल गेहूँ का उत्पादन करता है अथवा 2 क्विण्टल चावल का। ब्राजील में साधनों की एक इकाई या तो 1 क्विण्टल गेहूं का उत्पादन करती है अथवा 2 क्विण्टल चावल का। यदि इनमें से प्रत्येक देश उत्पादन के साधनों की 2 इकाइयों की विशिष्टीकरण के बिना लगाए तो कुल उत्पादन इस प्रकार होगा-
कनाडा में = 1 क्विण्टल गेहूं अथवा 1/2 क्विण्टल चावल
ब्राजील में = 1 क्विण्टल गेहूं अथवा 2 क्विण्टल चावल
कनाडा + ब्राजील में = 2 क्विण्टल गेहूं 21/2 क्विण्टल चावल
यदि कनाडा गेहूं का उत्पादन करने और ब्राजील केवल चावल का तो उन्हें उत्पादन के साधनों से इस प्रकार प्राप्ति होगी-
कनाडा में = 2 क्विण्टल गेहूं
ब्राजील में = 4 क्विण्टल चावल
कनाडा + ब्राजील में = 2 क्विण्टल गेहूं + 4 क्विण्टल चावल
इस प्रकार हम देखते हैं कि उन्हीं साधनों के विशिष्टीकरण से 11/2 क्विण्टल अधिक चावल की प्राप्ति होगी। यह व्यापार से लाभ होगा।
(2) लागतों में समान अन्तर-
जब लागतों में समान अन्तर होता है तो विशिष्टीकरण के बिना तथा विशिष्टीकरण के साथ सम्पूर्ण उत्पादन समान होता है।
उदाहरणार्थ विशिष्टीकरण के बिना उत्पादन-
कनाडा में = 1 क्विंटल गेहूं अथवा 1/2 क्विंटल चावल
ब्राजील में = 1 क्विंटल गेहूं अथवा 1/2 क्विंटल चावल
कनाडा + ब्राजील में = 2 क्विंटल गेहूं +1 क्विंटल चावल
उदाहरणार्थ विशिष्टीकरण से उत्पादन-
कनाडा में = 2 क्विंटल गेहू
ब्राजील में = क्विंटल चावल
इस प्रकार हम देखते हैं कि जब विभिन्न देशों में वस्तुओं की उत्पादन लागत में समान अन्तर होता है तो अन्तर्राष्ट्रीय विशिष्टीकरण और व्यापार से कोई लाभ नहीं होता है।
(3) लागतों में तुलनात्मक अन्तर-
इस स्थिति में भी विशिष्टीकरण से लाभ प्राप्त होगा।
उदाहरणार्थ बिना विशिष्टीकरण के उत्पादन
कनाडा में = 1 क्विंटल गेहूं अथवा 1/2 क्विंटल चावल (.50 क्विंटल)
ब्राजील में = 1 क्विंटल गेहूं अथवा .71 क्विंटल चावल
कनाडा + ब्राजील में = 2 क्विंटल गेहूं+ 1.21 क्विंटल चावल
उदाहरणार्थ विशिष्टीकरण से उत्पादन-
कनाडा गेहूं पैदा करता है तथा ब्राजील केवल चावल पैदा करता है।
कनाडा में = 2 क्विंटल गेहूं
ब्राजील में = 1.42 क्विंटल
कनाडा + ब्राजील में = 2 क्विंटल गेहूं + 1.42 क्विंटल चावल
इस प्रकार हम देखते हैं कि उन्हीं साधनों के विशिष्टीकरण से .21 क्विंटल चावल की अधिक प्राप्ति होती है। अत: व्यापार से यही लाभ है।
अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से होने वाले लाभ को निम्नलिखित रेखाचित्र की सहायता से भी समझाया जा सकता है-
चित्र (अ) में लागतों में निरपेक्ष अन्तर की स्थिति में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से होने वाले लाभ को प्रदर्शित किया गया है। इस चित्र में कनाडा का उत्पादन संभावना वक्र (Production Possibility Curve 1) क्विंटल गेहूं= 1/2 क्विंटल चावल के आधार पर खींचा गया है और ब्राजील का उत्पादन संभावना वक्र 1 क्विंटल गेहूं = 2 क्विंटल चावल के आधार पर बनाया गया है। चित्र में A B रेखा कनाडा की और AC रेखा ब्राजील की उत्पादन संभावना वक्र है। B C वह आधिक्य है जो अन्तर्राष्ट्रीय लाभ की स्थिति में कनाडा और ब्राजील को प्राप्त होता है अर्थात् यह अन्तर्राष्ट्रीय लाभ की मात्रा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से प्राप्त होती है। B व C बिन्दुओं के बीच कोई भी विनिमय दर दोनों देशों के लिए लाभदायक होगी। चित्र में उत्पादन संभावना वक्र एक सीधी रेखा इस मान्यता के आधार खींची गई है कि उत्पादन लागत समता नियम के अन्तर्गत हो रहा है।
चित्र (ब) से A B रेखा कनाडा व ब्राजील दोनों देशों की उत्पादन संभावना वक्र है। यह वक्र 1 क्विंटल गेहूं = 1/2 क्विंटल चावल के आधार पर खींची गई है। दोनों ही देशों में लागत अनुपात समान है। इसलिए दोनों देशों के बीच व्यापार नहीं होगा। इससे अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार करने से किसी भी देश को लाभ नहीं होगा।
चित्र (स) में A B रेखा कनाडा तथा AC ब्राजील की उत्पादन संभावना वक्र को प्रदर्शित करती है। कनाडा का उत्पादन संभावना वक्र (A B) 1 क्विंटल गेहूं = 0.50 क्विंटल चावल के आधार पर खींचा गया है। A C रेखा ब्राजील की उत्पादन संभावना वक्र 1 क्विंटल गेहूं = 0.71 क्विंटल चावल के आधार पर खींची गई है। BC वह आधिक्य है जिसे विदेशी व्यापार के द्वारा दोनों देश आपस में बाँट सकते हैं।
इस प्रकार स्पट है कि लागतों के पूर्ण अन्तर की स्थिति में अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से प्राप्त लाभ की मात्रा अधिक होती है जबकि लागतों में तुलनात्मक अन्तर होने पर अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से अपेक्षाकृत कम लाभ प्राप्त होता है।
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