अर्थशास्त्र / Economics

उत्तर प्रदेश में मंद औद्योगिक विकास | उत्तर प्रदेश में औद्योगिक पिछड़ेपन के कारण

उत्तर प्रदेश में मंद औद्योगिक विकास | उत्तर प्रदेश में औद्योगिक पिछड़ेपन के कारण

उत्तर प्रदेश में मंद औद्योगिक विकास

उत्तर प्रदेश में खनिजों का अभाव है, अतः यहाँ खनिजों पर आधारित उद्योगों का विकास नहीं हो सका है, यहाँ कृषि पर आधारित एवं अन्य उद्योगों का ही विकास हुआ है। उत्तर प्रदेश देश के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में से एक है। हथकरघा उद्योग यहाँ का सबसे बड़ा उद्योग है। यहाँ सूती व ऊनी कपड़ा, चमड़ा और जूता, शराब, कागज, रासायनिक पदार्थ, कृषि उपकरण तथा कांच का सामन बनाने के उद्योग उन्नत दशा में है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक नगरों में कानपुर का नाम अग्रणी है यहाँ अनेक औद्योगिक इकाइयाँ केन्द्रित हैं अन्य औद्योगिक नगरों में आगरा, अलीगढ़, मेरठ, गाजियाबाद, गोरखपुर, लखनऊ, मिर्जापुर, मोदीनगर, वाराणसी और बरेली हैं।

औद्योगिक रूप से तो उत्तर प्रदेश एक पिछड़े हुए प्रदेश की श्रेणी में आता है। यहाँ पर औद्योगिक वातावरण का अभाव है। नये आर्थिक दौर में तो यह चुनौती प्रदेश में वढ़ गयी है। प्रदेश के औद्योगिक विकास में आने वाली बाधाओं के कुछ कारक अग्रांकित हैं जिन्हें औद्योगिक पिछड़ेपन के कारण भी कहा जा सकता है-

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक पिछड़ेपन के कारण

(1) उत्तर प्रदेश में गतिशील आर्थिक नीतियों का अभाव है जिससे औद्योगिकरण को गति नहीं मिल पा रही है।

(2) उत्तर प्रदेश में सर्वत्र भ्रष्टाचार एवं लाल फीताशाही व्याप्त है जो औद्यागिक पिछड़ेपन का एक प्रमुख कारण है।

(3) उत्तर प्रदेश चारों ओर से भू-आच्छादित है तथा इसके चारों तरफ समुद्र तट का अभाव है और ये दशायें औद्योगीकरण के प्रतिकूल हैं।

(4) प्रदेश में जो श्रम कानून हैं वे भी कहीं न कहीं औद्योगीकरण पर विपरीत प्रभाव डालते हैं।

(5) उत्तर प्रदेश में कृषि क्षेत्र भी पर्याप्त रूप से विकसित एवं विविधीकृत नहीं है।

(6) प्रदेश में आधारभूत संरचना का भी पर्याप्त रूप से विकास नहीं हुआ है। यहाँ पर विद्युत की उपलब्धि भी आवश्यकता या माँग से कम है।

(7) प्रदेश में परिवहन एवं सड़क का भी गुणवत्तापरक तथा पर्याप्त न होना भी एक महत्वपूर्ण बाधा है।

(8) प्रदेश में जो लघु इकाइयाँ कार्य कर रही हैं इन इकाइयों में कुशलता का अभाव है तथा इनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं के विपणन में भी समस्याएँ आती हैं।

(9) केन्द्र सरकार द्वारा उत्तराखण्ड को विशेष महत्व दिया गया है जिसके कारण प्रदेश में औद्योगिक सम्भावनाएँ कमजोर हो जाती हैं। क्योंकि जो निवेशक हैं वे उत्तर प्रदेश को छोड़कर उत्तराखण्ड में निवेश करना चाहते हैं।

(10) प्रदेश में विश्व व्यापार संगठन के नये प्रावधानों के कारण भी औद्योगीकरण में कई बार बाधाएँ सामने आती हैं। इनका उपयुक्त निराकरण आवश्यक है।

(11) राज्य में जो राजनीतिक अस्थिरता का वातावरण पाया जाता है वह भी औद्योगीकरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।

अर्थशास्त्र महत्वपूर्ण लिंक

Disclaimer: sarkariguider.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है। हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है। यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- sarkariguider@gmail.com

About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

Leave a Comment

(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
close button
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
(adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({});
error: Content is protected !!