रॉबर्ट बॉयल Robert Boyle

रॉबर्ट बॉयल | Robert Boyle in Hindi

रॉबर्ट बॉयल | Robert Boyle in Hindi

रॉबर्ट बॉयल 

विभिन्न गैसों का विवेचक रॉबर्ट बॉयल (Robert Boyle) | संसार में तीन प्रकार के तत्व हैं – ठोस, द्रव और गैस | सभी तत्व अनेक अणुओं से मिलकर बनते हैं | ठोस तत्व के अणु कठिनाई से पृथक किए जा सकते हैं और उनका स्वरूप बदलना भी कठिन होता है | द्रव पदार्थ, यथा जल और तेल आदि को जिस प्रकार के बर्तन में डाला जाएगा, वे उसी आकार में बदल जाएंगे | गैस का विशेष धर्म यह है कि थोड़ी सी गैस बहुत बड़े घर में फैल कर विद्यमान होने की सूचना दे देती है | विभिन्न तत्वों के गुण धर्म का अध्ययन रसायन शास्त्र का विषय है |

रॉबर्ट बॉयल ने विशेष रूप से गैसों के गुण धर्म का विवेचन किया | वह सबसे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने अपने सहायक हुक के साथ मिलकर ऐसा पंप बनाया जो किसी भी बंद डिब्बे, अन्य बर्तन या स्थान की वायु खींच सकता था, अर्थात उसे निर्वात (वाइक्यूम) बना देता था | इसी पंप के सहारे उन्होंने गैलीलियो के इस सिद्धांत को सिद्ध किया कि निर्वात स्थान में बहुत ही हल्के पंख और भारी से भारी धातु एक साथ धरती पर गिरेंगे |

बायल ने गैसों के संबंध में उनके परीक्षण किए और पाया कि उन पर दबाव से प्रभाव पड़ता है | उसके स्वरूप में परिवर्तन आता है | इसे बायल का सिद्धांत कहते हैं |

रॉबर्ट बॉयल ब्रिटेन के कार्क नामक स्थान के एक समृद्ध सामंत की 14 वीं संतान थे | उसका जन्म 16 जनवरी, 1627 को हुआ था | उसे आजीविका कमाने के लिए कोई काम धंधा करने की आवश्यकता न थी परंतु उन्हे विज्ञान से इतना लगाव था कि वह अपना सारा जीवन उसके अध्ययन और परीक्षणों में लगाते रहे |

14 वर्ष की आयु में उन्होंने स्कूल छोड़ दिया और अपने एक अध्यापक को साथ लेकर इटली की यात्रा पर निकल पड़े | वहां उसने गैलीलियो से भेंट की और अन्य यूरोपीय वैज्ञानिकों के कार्यों का अध्ययन किया | वहां से लौटकर वह 1654 में ऑक्सफोर्ड में बस गए और विज्ञान संबंधी कार्यों और परीक्षणों में लग गए | 1661 में अपने कार्यों के परिणाम एक विज्ञान पत्रिका में प्रकाशित किए, जिनमें उन्होंने रसायनों पर होने वाली प्रतिक्रियाओं का वर्णन किया | इससे रसायनों का मूल भिन्नताओं का ज्ञान होता है | यदि किसी वैज्ञानिक को यह मालूम हो कि विभिन्न रसायन किस प्रकार के हैं तो यह जान लेना बहुत सरल हो जाता है कि उनसे क्या हो सकता है या उनके उपयोग का परिणाम क्या होगा | यह भी ज्ञात हो जाएगा कि वे किस प्रकार का व्यवहार करते हैं |

बायल की विशेषता यह थी वह अपने परीक्षणों के परिणाम लिखते रहते थे | जिन्हें उन्होंने बाद में प्रकाशित करवाया, जिससे आज भी वैज्ञानिकों को बहुत सहायता मिलती है

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