
इंग्लैंड की क्रांति | England Revolution history in Hindi
इं
इंग्लैंड की क्रान्ति
सम्पूर्ण विश्व के इतिहास मेन इंग्लैंड की क्रान्ति पहली राजनीतिक क्रान्ति थी। जनता राजा के अत्याचारों एवं कठोर धार्मिक अनुशासन से ऊब चुकी थी। इंग्लैंड की क्रान्ति का मूल कारण राजा और संसद के मध्य सत्ता संघर्ष था। 1688 ई० मे इंग्लैंड मे एक ऐसी राजनीतिक क्रान्ति हुई जिसमें हिंसा, रक्तपात, लूट आदि का कोई स्थान नहीं था। इस क्रान्ति के फलस्वरूप इंग्लैंड में सदियों से चली आ रही राजतंत्रीय शासन व्यवस्था की इतिश्री हो गयी। इस क्रान्ति को रक्तहीन क्रान्ति, महान क्रान्ति, गौरवपूर्ण क्रान्ति, शानदार क्रान्ति, श्वेत क्रान्ति आदि नामों से पुकारा जाता है।
क्रान्ति की पृष्ठभूमि
यह गौरव पूर्ण क्रान्ति स्टुअर्ट वंश के शासक जेम्स द्वितीय (1685-1688 ई०) के शासन काल में हुई। इस क्रान्ति की पृष्ठभूमि इंग्लैंड के राजाओं और संसद के मध्य सत्ता संघर्ष में विधमान थी। इंग्लैंड संसार का पहला देश था जहां सर्वप्रथम संसद की स्थापना हुई थी। 11वी शताब्दी में राजा हेनरी प्रथम ने शासन कार्यों में परामर्श लेने के लिए एक सलाहकार समिति (परिषद) की स्थापना की जिसे ‘क्यूरिया रेजिस’ (राजा की परिषद) कहा गया। धीरे धीरे संसद का रूप धरण कर लिया।
1215 ई० में रहा जॉन की नीतियों से असंतुष्ट होकर सामंतों (बैरनों) ने एक घोषणा पत्र तैयार किया। राजा को बाध्य होकर 15 जून 1215 को इसे स्वीकार करना पड़ा।
इंग्लैंड की क्रान्ति के कारण
- जेन्स द्वितीय की निरंकुशता
- कैथोलिकों की नियुक्तियाँ
- कोर्ट औफ़ हाई कमीशन के न्यायालय की पुन: स्थापना।
अधिकार घोषणा पत्र (बिल औफ़ राइट्स)
गौरव पूर्ण क्रान्ति के पश्चात 1689 ई० में संसद में एक अधिकार विधेयक पास किया गया। उसका उद्देश्य राजा और संसद के अधिकारियों का निर्धारण करना था। जिसके कुछ तथ्य निम्नलिखित हैं –
- राजा संसद के बिना तथा संसद राजा के बिना कोई नियम नहीं लागू कर सकती है।
- राजा संसद के बिना कोई कर नहीं लगा सकता है।
- सेना भर्ती संसद के स्वीकृति से ही होगी।
- दंड, जुर्माने आदि अधिकार राजा से ले लिए गए।
- बर्ष में एक बार संसद अधिवेशन अनिवार्य रूप से होगा।
- वित्त तथा सेना पर संसद का अधिकार होगा।
ग्लैंड की क्रान्ति
सम्पूर्ण विश्व के इतिहास मेन इंग्लैंड की क्रान्ति पहली राजनीतिक क्रान्ति थी | जनता राजा के अत्याचारों एवं कठोर धार्मिक अनुशासन से ऊब चुकी थी | इंग्लैंड की क्रान्ति का मूल कारण राजा और संसद के मध्य सत्ता संघर्ष था | 1688 ई० मे इंग्लैंड मे एक ऐसी राजनीतिक क्रान्ति हुई जिसमें हिंसा, रक्तपात, लूट आदि का कोई स्थान नहीं था | इस क्रान्ति के फलस्वरूप इंग्लैंड में सदियों से चली आ रही राजतंत्रीय शासन व्यवस्था की इतिश्री हो गयी | इस क्रान्ति को रक्तहीन क्रान्ति, महान क्रान्ति, गौरवपूर्ण क्रान्ति, शानदार क्रान्ति, श्वेत क्रान्ति आदि नामों से पुकारा जाता है |
क्रान्ति की पृष्ठभूमि
यह गौरव पूर्ण क्रान्ति स्टुअर्ट वंश के शासक जेम्स द्वितीय (1685-1688 ई०) के शासन काल में हुई | इस क्रान्ति की पृष्ठभूमि इंग्लैंड के राजाओं और संसद के मध्य सत्ता संघर्ष में विधमान थी | इंग्लैंड संसार का पहला देश था जहां सर्वप्रथम संसद की स्थापना हुई थी | 11वी शताब्दी में राजा हेनरी प्रथम ने शासन कार्यों में परामर्श लेने के लिए एक सलाहकार समिति (परिषद) की स्थापना की जिसे ‘क्यूरिया रेजिस’ (राजा की परिषद) कहा गया | धीरे धीरे संसद का रूप धरण कर लिया |
1215 ई० में रहा जॉन की नीतियों से असंतुष्ट होकर सामंतों (बैरनों) ने एक घोषणा पत्र तैयार किया | राजा को बाध्य होकर 15 जून 1215 को इसे स्वीकार करना पड़ा |
इंग्लैंड की क्रान्ति के कारण
- जेन्स द्वितीय की निरंकुशता
- कैथोलिकों की नियुक्तियाँ
- कोर्ट औफ़ हाई कमीशन के न्यायालय की पुन: स्थापना |
अधिकार घोषणा पत्र (बिल औफ़ राइट्स)
गौरव पूर्ण क्रान्ति के पश्चात 1689 ई० में संसद में एक अधिकार विधेयक पास किया गया | उसका उद्देश्य राजा और संसद के अधिकारियों का निर्धारण करना था | जिसके कुछ तथ्य निम्नलिखित हैं –
- राजा संसद के बिना तथा संसद राजा के बिना कोई नियम नहीं लागू कर सकती है |
- राजा संसद के बिना कोई कर नहीं लगा सकता है |
- सेना भर्ती संसद के स्वीकृति से ही होगी |
- दंड, जुर्माने आदि अधिकार राजा से ले लिए गए |
- बर्ष में एक बार संसद अधिवेशन अनिवार्य रूप से होगा |
- वित्त तथा सेना पर संसद का अधिकार होगा |
- आदि-मानव समाज : आखेट और जनसमूह (Early Human Societies : Hunting and Gathering)- प्राक् ऐतिहासिक काल, पूर्व-पाषाण युग
- बिन्दुसार | बिन्दुसार के जीवन का लेखा-जोखा | बिन्दुसार का क्षेत्र | चाणक्य से संबंध | व्यक्तिगत जीवन और विरासत
- मुगल साम्राज्य (Mughal Empire)
- अकबर (Akbar) – शासन, संघर्ष, राजस्व प्रणाली, राजकोषीय प्रशासन, टंकण
- बाबर (Babar) – विजय तथा उपलब्धियां
- मुगल वंश (Mughal Empire) [1526-1857]
- हुमायूं (Humayun) – शासन, बहाली, शेरशाह और उसके उत्तराधिकारी
- भारत का गुप्त काल – उपलब्धियां तथा विजय
- गुप्तवंश Gupta Empire (320-550 ई०) – प्रशासन, समाज, साहित्य एवं कला, स्वर्णकाल
- हड़प्पा-मोहन जोदड़ों सभ्यता या सिन्धु घाटी की सभ्यता (3000-1500 ई० पू०)
- MODERN INDIA – BIPAN CHANDRA free pdf download
- Medieval India By Satish Chandra Free Pdf Download
- A Brief History of Modern India By Rajiv Ahir (I.P.S.)- SPECTRUM BOOKS -free pdf download
Disclaimer: sarkariguider.com केवल शिक्षा के उद्देश्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए बनाई गयी है | हम सिर्फ Internet पर पहले से उपलब्ध Link और Material provide करते है| यदि किसी भी तरह यह कानून का उल्लंघन करता है या कोई समस्या है तो Please हमे Mail करे- sarkariguider@gmail.com