यू० के० में लोहा और इस्पात उद्योग | यू० के० में लोहा और इस्पात उद्योग के विकास एवं क्षेत्र
यू० के० में लोहा और इस्पात उद्योग | यू० के० में लोहा और इस्पात उद्योग के विकास एवं क्षेत्र
यू० के० में लोहा और इस्पात उद्योग
(Iron and Steel Industry in U.K.)
विश्व में लोहा और इस्पात उद्योगों में ब्रिटेन का छठा स्थान है। यहाँ लौह-अयसक निम्न श्रेणी की व सीमित मात्रा में मिलती है, इसलिए स्वीडन, स्पेन, अल्जीरिया तथा कनाडा से मुख्यतः मँगायी जाती है। इस आयात की हुई अयस्क का प्रयोग सामान्यतः तटीय कारखानों में होता है। अतः प्रदेश के अधिकतर इस्पात केन्द्र बन्दरगाह वाले स्थान पर हैं जहाँ कोयले की खानें हैं। अतः ब्रिटेन के इस्पात उद्योग को सबसे बड़ी सुविधा यह है कि भौगोलिक दशाओं की अनुकूल स्थिति होने के कारण यहाँ कोयला और लोहे की प्राप्ति में अपूर्व सुविधा रहती है और लौह-अयस्क मँगाने तथा तैयार माल बाहर भेजने में आसानी रहती है। इस्पात का उद्योग ब्रिटेन के केवल उन्हीं केन्द्रों में होता है जिनमें अच्छा कठोर कोयला मिलता है जैसे दक्षिणी वेल्स, उत्तरी पूर्वी समुद्र तट पर स्कॉटलैण्ड। पश्चिमी समुद्र तट अधिक इस्पात उत्पन्न नहीं करता वहाँ कच्चा लोहा मिलता है, क्योंकि स्थानीय कोयला इस्पात बनाने के लिए अनुपयुक्त है, अतः कोयला अन्य केन्द्रों से मँगवाना पड़ता है।
यूनाइटेड किंगडम का लौह-इस्पात उद्योग प्रबन्धन के आधार पर दो भागों में विभाजित है-
(1) सार्वजनिक क्षेत्र का लोहा-इस्पात उद्योग (Public Sector)।
(2) निजी क्षेत्र का लोहा-इस्पात उद्योग (Private Sector)
(1) सार्वजनिक क्षेत्र का लोहा-इस्पात उद्योग का आरम्भ लोहा-इस्पात एक्ट 1967 से हुआ, जबकि जुलाई, 1967 से इस देश की उस समय की सभी बड़ी 14 कम्पनियों का राष्ट्रीयकरण कर ब्रिटिश इस्पात निगम (British Steel Corporation) की स्थापना की गई। यह सार्वजनिक क्षेत्र में संसार का सर्वाधिक इस्पात निर्माण करने वाला निगम है। इस निगम द्वारा प्रत्येक वर्ष 2,372 लाख टन स्टील का निर्माण किया जाता है। सभी इकाइयाँ अत्याधुनिक एवं विकसित प्रणाली का उपयोग करती हैं।
(2) निजी क्षेत्र का लोहा-इस्पात उद्योग- यह क्षेत्र देया का लगभग 15 प्रतिशत इस्पात का निर्माण करता है। अनेक स्थानों पर निजी क्षेत्र के उद्योग स्थापित हैं जो मध्यम आकार के हैं। अधिकांश का विकास 1970 के पश्चात् हुआ।
यूनाइटेड किंगडम के इस्पात उद्योग के निम्न चार मुख्य प्रदेश हैं-
(1) दक्षिणी वेल्स प्रदेश (South Wales Region) का ब्रिटेन के इस्पात उद्योग में प्रथम स्थान है। यहाँ इस उद्योग के लिए निम्न सुविधाएँ प्राप्त हैं-(क) यहाँ उत्तम किस्म का कोयला पाटरीज फील्ड की खानों से पर्याप्त मात्रा हो जाता है। (ख) अच्छी किस्म का लौह-अयस्क स्पेन और अल्जीरिया से कार्डिफ तथा न्यूपोर्ट बन्दरगाहों द्वारा आयात किया जाता है। (ग) वन्दरगाहों की निकअता के कारण तैयार माल का निर्यात करने की बड़ी सुविधा है। (घ) अन्य धातुओं (सीसा, जसता, टिन, ताँवा इत्यादि) के कारखानों की स्थिति के कारण यहाँ इस्पात और लोहे की स्थानीय माँग काफी है।
इस क्षेत्र में जहाज निर्माण और टिन की चादरें बनाने के कारखाने हैं। इसका विश्व में सबसे कारखना टैलबट में हैं। इस प्रदेश के मुख्य इस्पात केन्द्र कारडिफ, न्यूपोर्ट, स्वांशी, न्येपोर्टवेल्स बैरो इत्यादि हैं। जहाज कारडिफ तथा बैरो में बनाये जाते हैं, टिन की चादरें स्वामी में और रेल इंजन और पटरिया न्यूपोर्ट तथा वेल्स में बनाये जाते हैं।
(2) दक्षिणी यार्कशायर प्रदेश (South Yorkshire Region) का इस्पात उद्योग में तीसरा स्थान है। देश की प्रीम इकाई यहीं स्थापित की गई है। यहाँ इसके लिए निम्न सुविधाएँ पायी जाती है- (क) लौह-अयस्क इस प्रदेश में कम मिलता है, अतः यह स्वीडन से मँगाया जाता है। (ख) यहाँ की खानों में मिलने वाला कोयला लोहे में मिलाने के लिए कार्बन की ही भाँति तथा शक्ति की तरह काम में लाया जाता है। (ग) तीव्र प्रवाह वाली नदियों से अतिरिक्त शक्ति या जल विद्युत प्राप्त की जाती है। (घ) अन्य कच्चा माल (चूना, धार तेज करने का पत्थर इत्यादि) भी इस प्रदेश में मिलते हैं। (ङ) मैंगनीज आयात की पूरी सुविधा प्राप्त है।
शैफील्ड इस क्षेत्र का सबसे प्रसिद्ध केन्द्र है। यह चाकू, छूरी, काँटे, उस्तरे, कैंची, कीमती इलेक्ट्रॉनिकस सामग्री इत्यादि के लिए संसार भर में प्रसिद्ध है। अन्य प्रसिद्ध केन्द्र, लीड्स, राथरडम, चेस्टरफील्ड, डानकास्टर इत्यादि हैं। डानकास्टर नगर रेल के डीजल व विद्युत इंजनों और चेस्टरफील्ड मिट्टी के तेल के चूल्हों, इस्पात, पाइप और ट्यूब, लीड्स, सूती कपड़े की व अन्य मशीनों और नाटिंघम दो पहिया वाहनों तथा राथरडम मशीनें बनाने के लिए प्रसिद्ध हैं।
(3) उत्तरी-पूर्वी तटीय प्रदेश (North-East Coastal Region) का स्थान इस्पात् उद्योग में दक्षिणी वेल्स के बाद है। यहाँ लोह-अयसक क्लीवलैण्ड की खानों तथा कोकिंग कोयला नार्थम्बरलैण्ड तथा डरहम की खानों से प्राप्त होता है। स्वीडन तथा अन्य देशों से टीज नदी के मुहाने के बन्दरगाहों द्वारा लोहा सुगमता से प्राप्त किया जा सकता है। पिनाइन श्रेणी से चूने का पत्थर प्राप्त होता है। यहाँ लोहा और इस्पात जहाज, गार्डर, पुल, रेल की पटरी इत्यादि बनाने के काम आता है।
टीज नदी पर मिडत्सबरो और राइन नदी के तट पर न्यूकैंसिल और साउथशील्ड तथा विपरी नदी के मुहाने पर स्थित सुन्दरलैण्ड नगर जहाज बनाने के कारखानों के लिए प्रसिद्ध है। ‘डारलिंगटनप में पुल का सामान तथा रेल के इंजन बनाये जाते हैं। मिडल्सबरो में इंजीनियरिंग का सामान बनाया जाता है। यहाँ साउथशील्ड, डरहम स्टॉकटन और हार्टलपूल अन्य मुख्य केन्द्र हैं।
(4) काला देश (Black Country) में दक्षिणी स्टैफर्डशायर और उत्तरी नारविकशायर में इस्पात उद्योग क्षेत्र सम्मिलित हैं। पहले यहाँ लौह-अयस्क लकड़ी का कोयला तथा चूने की स्थानीय पूर्ति होती थी किन्तु जब लौह-अयस्क सुमाप्त हो चुकी है, इसलिए कैटरिंग तथा बैलिंगवरो जिलों से ढला लोहा प्राप्त किया जाता है। इस प्रदेश के इस्पात केन्द्रों में हल्की तथा कीमती वस्तुएँ बनायी जाती है, जैसे सुइयाँ, कीलें, जंजीर, मशीनों के पुर्ज और हथियार, बन्दूकें, पिस्तौले आदि। इसके अतिरिक्त यहाँ मोटरें और साइकिलें भी बनायी जाती है।
इस क्षेत्र का प्रसिद्ध क्षेत्र बर्मिंघम है। यहाँ कई प्रकार का इस्पात बनाया जाता है। यह नगर हथियार, वाइसिकिल, मोटर इत्यादि के लिए प्रसिद्ध है। डडले जंजीरों के लिए, रेडिस सुइयों के लिए और कवेण्ट्री मोटरकार तथा साइकिलों के लिए, बूलवर हैम्पटन मशीनों के लिए प्रसिद्ध हैं।
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