भूगोल / Geography

सूती वस्त्र उद्योग | सूती वस्त्र उद्योग के स्थानीयकरण के कारक | संयुक्त राज्य अमेरिका का सूती वस्त्र उद्योग | चीन में सूती वस्त्र उद्योग का स्थानिक वितरण | सूती वस्त्र उद्योग की अवस्थिति

सूती वस्त्र उद्योग | सूती वस्त्र उद्योग के स्थानीयकरण के कारक | संयुक्त राज्य अमेरिका का वस्त्र उद्योग | चीन में वस्त्र उद्योग का स्थानिक वितरण | सूती वस्त्र उद्योग की अवस्थिति

सूती वस्त्र उद्योग

(Cotton Textile Industry)

उद्योग के स्थानीयकरण के कारक

कपास को ओटने एवं धुनने की औद्योगिक इकाइयाँ प्रधानतः कपास उत्पादक क्षेत्रों के निकट ही स्थापित होती हैं, क्योंकि कपास में बिनौलों का वजन कपास के वजन का लगभग 60 प्रतिशत तक रहता है। यही कारण है कि कपास को लम्बी दूरी पर स्थित सूर्ती वस्त्र उद्योगों तक ले जाना आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद नहीं रहता।

उद्योग (कताई एवं बुनाई इकाइयाँ) में प्रयुक्त कच्चा माल रुई (ओटी एवं धुनी हुई कपास) पूर्णतया शुद्ध ऐसा पदार्थ है, जिसका सूती वस्त्र निर्माण प्रक्रिया में वजन कम नहीं होता है। लगभग एक टन रुई से एक टन सूती धागा तथा एक टन सूती धागे से एक टन सूती वस्त्र तैयार हो जाता है। अतः सूती वस्त्र उद्योग (कताई एवं बुनाई इकाइयों) के स्थानीयकरण में कच्चे माल की स्थानीय उपलब्धता तथा बाजार की निकटता का कोई महत्त्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ता। यही कारण है कि विश्व में सूती वस्त्र उद्योग की स्थापना काफी विकेन्द्रित रूप में देखने को मिलती है। वर्तमान में कच्चे माल की स्थानीय उपलब्धता तथा वाजार की निकटता के अतिरिक्त स्थानीयकरण के अन्य कारकों का प्रभाव अधिक महत्त्वपूर्ण है। इनमें सस्ते श्रमिकों की पर्याप्त उपलब्धता, नम व आर्द्र जलवायु, शक्ति संसाधनों की उपलब्धता, पर्याप्त जल की सुलभता (रँगाई एवं धुलाई हेतु), परिवहन के सुगम साधन एवं सस्ती व विस्तृत भूमि जैसे कारक प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

संयुक्त राज्य अमेरिका का सूती वस्त्र उद्योग

(Cotton Textile Industry of U.S.A.)

वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका का सूती धागा उत्पादन में चीन तथा भारत के बाद विश्व में तीसरा स्थान है, जबकि सूती वस्त्र उत्पादन में चीन, भारत व रूसी गणराज्य के बाद विश्व में चौथा स्थान है। सन् 2010 में इस देश में 26.12 लाख मी. टन सूती धागा तथा 467 करोड़ वर्ग मीटर सूती वस्त्र उत्पादित किये गये।

संयुक्त राज्य अमेरिका के अधिकांश सूती वस्त्र उद्योग ऐसी संयुक्त इकाई (Composite Unit) के रूप में हैं, जिनमें सूती धागा तथा सूती वस्त्र निर्मित करने की प्रक्रियाएँ एक साथ ही होती हैं। देश में स्थानीय रूप से कपास की पर्याप्त उपलब्धता, विस्तृत स्थानीय बाजार, उच्च  तकनीक, अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में देश के साख आदि ऐसे कारक हैं, जिनके कारण देश में सूती वस्त्र उद्योग का विकास हुआ।

(उत्तरी केरोलिना राज्य में- (1) ग्रीन्सबोरो, (2) राले, (3) चार्लाट, दक्षिणी केरोलिना राज्य में (4) स्पार्टनवर्ग, (5) ग्रीन्सविले, (6) कोलम्बिया, जार्जिया राज्य में (7) अटलांटा, (8) अगस्टा (9) मकन, (10) कोलम्बस, अलाबामा राज्य में (11) वरर्मिघम टेनेसी राज्य तथा (12) चत्तानूगा)

(1) दक्षिणी अप्लेशियन प्रदेश- सूती धागा एवं सूती वस्त्र उत्पादन की दृष्टि से यह प्रदेश देश में सर्वप्रमुख हैं। वहीं वर्तमान में देश का लगभग 70 प्रतिशत सूती वस्त्र उत्पादित किया जाना है। इस प्रदेश के सूती वस्त्र उद्योग को स्थानीय रूप से कपास की उपलब्धता, पर्याप्त मात्रा में अपेक्षाकृत सस्ते अफ्रीकी श्रमिकों की प्राप्यता, आर्द्र जलवायु तथा कोयला एवं जल-विद्युत की सुलभता जैसी सुविधाएँ प्राप्त होने से यहाँ उसका विकास अपेक्षाकृत तीव्रता से हुआ है।

अधिकांश उद्योग दक्षिणी अप्लेशियन पर्वत श्रेणियों तथा अटलांटिक तटीय भागों के मध्य में स्थित उत्तरी केरोलिना, दक्षिणो केरोलिना, जार्जिया, अलाबामा तथा टेनेसी राज्यों में मिलते हैं। इनमें उत्तरी केरोलिना राज्य से सूती वस्त्र उद्योग का सर्वाधिक उत्पादन प्राप्त होता है। उत्तरी केरोलिना राज्य में ग्रीन्सबोरो, राले तथा चार्लाट, दक्षिणी केरोलिना राज्य में स्पार्टवर्ग, ग्रीन्सविले तथा कोलम्बिया, जार्जिया राज्य में अटलांटा, अगस्टा, मेकन तथा कोलम्बस; अलाबामा राज्य में वर्मिघम तथा टेनेसी राज्य में चत्तानूगा सूती वस्त्र उद्योग के प्रमुख केन्द्र हैं। इस क्षेत्र में प्रमुख रूप से मोटे सूती वस्त्र निर्मित किये जाते हैं।

(2) न्यूइंग्लैण्ड राज्यों का दक्षिणी भाग- यह क्षेत्र देश का लगभग 10 प्रतिशत सूती वस्त्र उत्पादित करने वाला वस्त्र उद्योग का दूसरा महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है। यहाँ देश की पहली सूती मिल सन् 1790 में रोडेद्वीप में स्थापित की गई थी। वर्तमान में इस क्षेत्र के सूती वस्त्र उद्योग का जमाव मुख्य रूप से मसाचुसेट्स तथा रोडेद्वीप राज्यों में मिलता है। मसाचुसेट्स राज्य में नार्थअडम्स, फिचबर्ग, लोवेल, बोस्टन, टाउनटन, वीवरले, होलीओक, फालरिवर तथा न्यूबेडफोर्ड एवं रोडेद्वीप में वूनसोकिट तथा प्रोवोडेन्स सूती वस्त्र उद्योग के प्रमुख केन्द्र हैं। इनके अलावा न्यूहैम्पशायर राज्य में मानचेस्टर में भी सूती वस्त्र उद्योग कार्यरत है। इस क्षेत्र में सूती महीन वस्त्र प्रमुख रूप से निर्मित किये जाते हैं। (मसाचुसेट्स राज्य में-(1) नार्थअडम्स, (2) फिचबर्ग, (3) लोवेल, (4) बीवरले, (5) बोस्टन, (6) होलीओक, (7) टाउनटन, (8) फालरिवर, (9) न्यूवेडफोर्ड, रोडेद्वीप राज्य में-(10) बूनसोकिट, (11) प्रोवोडेन्स : न्यूहैम्पशायर राज्य में-(12) मानचेस्टर।

न्यूइंग्लैण्ड राज्यों का दक्षिणी भाग मुख्यतः एक पर्वतीय क्षेत्र है, जिसमें बहने वाली नदियों पर अधिकांश वस्त्र उद्योग कार्यरत है। इन उद्योगों को नदियों से स्वच्छ जल की तो पर्याप्त आपूर्ति होती ही है, साथ ही स्थानीय रूप से जलविद्युत की उपलब्धता भी हो जाती है। इसके अतिरिक्त विस्तृत स्थानीय बाजार, विदेशी निर्यात की सुविधा तथा वायुमण्डल में पर्याप्त आर्द्रता ऐसे कारक रहे हैं, जिनके कारण इस क्षेत्र में सूती वस्त्र उद्योग का पर्याप्त विकास हुआ है। इस क्षेत्र में उद्योग का प्रभुत्व सन् 1920 के बाद क्रमशः घटने लगा,

(8) उद्योग को सरकारी सहायता देने के साथ-साथ सूती वस्त्र उत्पादों के निर्यात में चीन सरकार पर्याप्त संरक्षण प्रदान कर रही है।

(9) चीन के सूती वस्त्रों के लिये पूर्वी एशिया तथा दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में विस्तृत बाजार उपलब्ध हैं। विश्वप के कुल सूती वस्त्र निर्यात व्यापार में चीन का योगदान 10 से 15 प्रतिशत के मध्य रहता है।

चीन में सूती वस्त्र उद्योग का स्थानिक वितरण

चीन में वस्त्र उद्योग के आधुनिक सतर के लगभग 300 कारखाने वर्तमान में कार्यरत है। चीन का सबसे बड़ा सूती वस्त्र उद्योग का केन्द्र यांगटिसी नदी के मुहाने पर स्थित शंघाई महानगर है। इस महानगर में वस्त्र उद्योग की 72 मिलें हैं। शंघाई बन्दरगाह से चीन का सर्वाधिक सूती वस्त्र विदेशों को निर्यात किया जाता है। साथ ही यह सूती वस्त्र के व्यापार का चीन में सबसे बड़ा केन्द्र है। इनहीं कारणों से शंघाई को ‘चीन का मानचेस्टर’ कहा जाता है।

शंघाई के उद्योग को बन्दरगाह के माध्यम से जहाँ विदेशी मपास के आयात की सुविधा है वहीं चीन के आन्तरिक कपास उत्पादक क्षेत्रों से परिवहन साधनों के माध्यम से कपास मँगाने की भी सुविधा है। सामुद्रिक आर्द्र जलवायु तथा सस्ते कुशल श्रमिकों की स्थानीय रूप से पर्याप्त उपलब्धता भी शंघाई के सूती वस्त्र उद्योग के विकास में सहायक रही है।

चीन के अन्य महत्त्वपूर्ण वस्त्र उद्योग के केन्द्रों में होपे प्रान्त में शिहचियाचुवांग, तियंतसिन तथा पीकिंग; शान्तुग प्रान्त का सिगताओं; शेन्शी प्रान्त का सियान व सियेनयांग; हुनान प्रान्त का चिंगचाऊ तथा क्यांगसी प्रान्त का नानकिंग नगर उल्लेखनीय हैं। चीन के कपास उत्पादक क्षेत्रों में लघु व मध्यम आकार के उद्योग विकसित हो गये हैं। इसके अलावा चिनान, सिंगहाऊ, चांगसा, वूहान तथा यूकांगकिंग नगरों में आधुनिक सूती वरूत्र उद्योगों की स्थापना की गयी है।

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About the author

Kumud Singh

M.A., B.Ed.

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